जो खोया था मेरा वो मैं खोजके कहां से लाऊं तुम आ ही गए हो तो भी यकीन कहां से लाऊं तेरे साथ सदा रहने की मैं तरकीब कहां से लाऊं तेरे मुझसे जुड़ जाने का बंधन कहां से लाऊं संकल्प तो कर लिया है तुझे अपना बनाने का विकल्प भी नहीं है अब कोई तुम्हें खो देने का आकर्षण भी बढ़ गया है, चुंबक से भी ज्यादा प्रतिकर्षण की वजह भी नहीं बची हुई है कोई https://whatsapp.com/channel/0029VaA6ZjOLdQeZGEeH8m0n
Mriti_Writer_engineer
Mriti_Writer_engineer
Mriti_Writer_engineer
Mriti_Writer_engineer
Mriti_Writer_engineer
Mriti_Writer_engineer