Nojoto: Largest Storytelling Platform
shivanshdwivedi1405
  • 20Stories
  • 120Followers
  • 857Love
    430Views

Shivansh Dwivedi

shivansh dwivedi manikpur chìtrakoot up india

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
85a582f6a7eafdc6e34c44549abf49a6

Shivansh Dwivedi

मेरे मित्र ,,
गुनगुनाहट आहट कुछ भी नहीं 
बाजू में -- बैठने की खुशी 
बिना कहे सब समझ गया /
पर बात  क्यों ना खत्म हुई?
 क्यों मित्र ,,,,/क्या हो तुम!
 जादूगर ,,,,,,,,,,, नहीं
 विश्वास शब्द की साख हो तुम ,
तू नाराज होता मुस्कुराकर ,,
मुझे रुलाता ""--खुद रोकर 
क्यों  मित्र ?
तुझे देखा,, ,,,दुख मेरा सामना ना कर       सका ,,
 मेरे मीत मुझसे दूर ना जाना

©Shivansh Dwivedi #desert
85a582f6a7eafdc6e34c44549abf49a6

Shivansh Dwivedi

हर व्यक्ति
 कुछ प्रदान करने की क्षमता
 हर समय एक प्रेरणा 
हर घड़ी एक शिक्षक
 अनेक बातें उलझे विचार
 सबके भीतर एक शिक्षक
 पर मेरा शिक्षक ?
मुझे खुद बनना होगा
 सही गलत मुझे चुनना होगा 
अंदाज मेरा होगा
 खुशियां दामन पसारेंगी
 दूसरों के दिखाए रास्ते
 दुखों से समृद्ध करेंगे 
समझ जा तू अपने को अब
 बहुत तरासा दूसरों को।।

©Shivansh Dwivedi गुरु

गुरु #कविता

85a582f6a7eafdc6e34c44549abf49a6

Shivansh Dwivedi

लक्ष्य तो जीतना है जनाब सीखना तो कुछ चाहा ही नहीं कुछ सीखा होता तो चाह नौकर बनने की ना होती?

©Shivansh Dwivedi #mountain mountain
85a582f6a7eafdc6e34c44549abf49a6

Shivansh Dwivedi

।। मन कुछ कहता है ।।

 उदास था मेरा मन ;
छाई  थी ना जाने कैसी बेबसी
 हार गया हूं मुझे बताया गया था;
 मेरे सपनों को आईना दिखाया गया था
 आहत कर दिया था मेरी कमियां गिना कर ,
अच्छाइयों का तो कहीं ठिकाना ही नहीं था।
 भीतर ही मन आंसू के सागर बहा रहा था
 जीत जाऊंगा; मुझे दिलासा दिला रहा था
 सपने ठोकर खाकर लाचार हो गए थे
 घुटन में तपकर मानों बीमार हो गए था 
क्या करूं इस घुटन का
 दिल पर अंगार सा रख जाती है
 मेरी कमियां गिना कर मुझे ही जला जाती है 
हिम्मत तो देख इस परिंदे कि
 मेरी भीतर घुसकर मुझे ही  नचा रहा है
 मेरी हार का कारण मुझे ही बना रहा है
 आज मैं तुझे निस्कासित करता हूं !

©Shivansh Dwivedi
  मन कुछ कहता है,,

मन कुछ कहता है,, #ज़िन्दगी

85a582f6a7eafdc6e34c44549abf49a6

Shivansh Dwivedi

सलिल सोम रूपी अभ्यागत ।
दैत्य रूप नर- नीर बहावत।।
निश दिन हिया भुजंग देखावत।
पथ में पय को पथिक बहावत।।

©Shivansh Dwivedi #Life
85a582f6a7eafdc6e34c44549abf49a6

Shivansh Dwivedi

उपवन उद्भव उग्र अंधेरा। 
वृक्ष विहग सब पंगु दिखेरा।।
पीडा पग पग वृक्ष सहेता।
नेत्रहीन नर लहू बहेता।।

©Shivansh Dwivedi #Walk
85a582f6a7eafdc6e34c44549abf49a6

Shivansh Dwivedi

गिर गया कभी जो नयनों से
उठने में  सौ--सौ वर्ष लगे।।
जननी का मेरे हो न सका
वो मुझसे क्या सम्बंध रखे।।

©Shivansh Dwivedi #SunSet  Shivansh Dwivedi udass Afzal khan_Dard k jaan rasmi Civil servant Rajat Ankita Mishra

#SunSet Shivansh Dwivedi udass Afzal khan_Dard k jaan rasmi Civil servant Rajat Ankita Mishra #लव

85a582f6a7eafdc6e34c44549abf49a6

Shivansh Dwivedi

चाचा तोरे गाँव मं लरकन कै भरमार
ख्यालैं का तो खुब मिल
 पढैं का  वंश नेहाय 
चाचा तोरे गाँव मं, लूटैं को सब आए
लोकल सोकल बेंच के सोना भर लै जाएं
चाचा तोरे गाँव मं हरियाली लहराए
संउहय देखै स्वर्ग हैअगल बगल बैकुंठ
चाचा तोरे गांव मं भ्रष्टाचार  अपार 
नाली है खाली पडी शौचालय  नहि आए

©Shivansh Dwivedi #youandme
85a582f6a7eafdc6e34c44549abf49a6

Shivansh Dwivedi

पुस्तकों में है प्रकाशित 
हिंद की भूपग कहानी
 सुरसरी ,शैलेंद्र, भूधर 
अचल रघुवर की कहानी ।।
कश्मीर पर रहती सदा
 कौतुक भरी मार्जन कहानी 
पुस्तकों में है प्रकाशित
 अलकनंदा की कहानी ।।
बेटियों के साहसों की
 छपती अचरज है कहानी 
लक्ष्मी की तलवार आद्री 
दनुज पर रहती थी भारी।।
 पुस्तकों में है प्रकाशित
 सदियों की विस्मय कहानी 
लोचनो की लालसा की 
जीवनी होती प्रकाशित ।।

©Shivansh Dwivedi पुस्तकों मे है प्रकाशित

#WritersSpecial

पुस्तकों मे है प्रकाशित #WritersSpecial #कविता

85a582f6a7eafdc6e34c44549abf49a6

Shivansh Dwivedi

स्वर्ग को देखा घर में मैंने,
 ममता की बौछार यहाँ।
 आजाद  सा लगता हूँ  घर में 
अदिति की ममता अपार यहां।
  केसरी हूं मैं  सदन का
 बड़ो का आशीर्वाद यहां ।
 ना वन उपवन; ना वेग पवन
 ना नदी नीर ना पुष्प चपल  
आधार तो मेरा सदन में है
जहां नेत्र चाह के गेह चले 
स्वर्ग को देखा घर में मैंने
 ममता की बौछार यहां।
 आजाद सा लगता हूँ 
  घर में 
मातृभूमि का प्यार यहां ।।।।

©Shivansh Dwivedi #Drown  Shivansh Dwivedi

#Drown Shivansh Dwivedi #कविता

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile