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bhavesh0166
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Bhavesh

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Bhavesh

यह आठ बजते ही क्यूं है? हैलो! कैसी है? सब ठीक? 

मेरा सब ठीक, आप रोज़ यही पूछते हो। 

फिर भी आदत जाती नहीं आपकी।

पूछना पड़ता है वरना तुम्हे तोह याद ही ना रहे मेरी।

हैलो! कैसी है? सब ठीक?  मेरा सब ठीक, आप रोज़ यही पूछते हो।  फिर भी आदत जाती नहीं आपकी। पूछना पड़ता है वरना तुम्हे तोह याद ही ना रहे मेरी। #विचार

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Bhavesh

Peace


Do Read The Caption दिल्लगी करने की कोशिश जारी है कुछ नई राहों से लेकिन वाकिफ भी हूं उन सकरी गलियों की वफाओं से 

फितरत कहा होती है मुसाफिर सी कुछ जरूरतों का बोझ उठाती है खानाबदोशी 

महज सफर का होना किसे है सुकून कि किसी तलाश नहीं

बेवफ़ाई उन वक़्त से तेज़ दौड़ती यादों से, हौले से रात में तब्दील होती शामों से 

दिल्लगी करने की कोशिश जारी है कुछ नई राहों से लेकिन वाकिफ भी हूं उन सकरी गलियों की वफाओं से  फितरत कहा होती है मुसाफिर सी कुछ जरूरतों का बोझ उठाती है खानाबदोशी  महज सफर का होना किसे है सुकून कि किसी तलाश नहीं बेवफ़ाई उन वक़्त से तेज़ दौड़ती यादों से, हौले से रात में तब्दील होती शामों से 

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Bhavesh

The Posession आज अलमारी खोली तोह कपड़ों में दबी तुम्हारी दी हुई काली कमीज़ पर नजर पड़ी देखते ही देखते कुछ यादों पर नजर पड़ी देखते ही देखते उस सुहाने दिन पर नजर पड़ी कैसे वह तोहफा देने की तुम्हारी ज़िद कैसे वह काली कमीज़ में मुझे देखने की तुम्हारी ज़िद क्या दिन थे ना वह जहां तुम तुम थी मैं मैं था हम तुम थे गम कम थे
काफी वक़्त से इसे पहना नहीं शायद झिझक है तुमसे फिर रूबरू ना हो जाऊं कहीं या डर ही कह लो कि कहीं पहन लूं इसे दोबारा तोह वह हिस्सा तुम्हारा इस जिस्म से मेरे ना अटक जाए वोह मुश्क तुम्हारी इस दिल को ना

आज अलमारी खोली तोह कपड़ों में दबी तुम्हारी दी हुई काली कमीज़ पर नजर पड़ी देखते ही देखते कुछ यादों पर नजर पड़ी देखते ही देखते उस सुहाने दिन पर नजर पड़ी कैसे वह तोहफा देने की तुम्हारी ज़िद कैसे वह काली कमीज़ में मुझे देखने की तुम्हारी ज़िद क्या दिन थे ना वह जहां तुम तुम थी मैं मैं था हम तुम थे गम कम थे काफी वक़्त से इसे पहना नहीं शायद झिझक है तुमसे फिर रूबरू ना हो जाऊं कहीं या डर ही कह लो कि कहीं पहन लूं इसे दोबारा तोह वह हिस्सा तुम्हारा इस जिस्म से मेरे ना अटक जाए वोह मुश्क तुम्हारी इस दिल को ना

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Bhavesh

The Nomad धीरे धीरे सीख रहा हूं ख्वाहिशों को मारना
धीरे धीरे सीख रहा हूं इस वक़्त को काटना
कुछ है जो अब भी सीखना बाकी है
एक सफर है जो अब भी जीना बाकी है
सफर एक जंगल का जिसे हम कहते है "तौर ए ज़िंदगी", कहने को यहां सुकूं बहुत है पर यहां कौन बैठता है सुकूं से अब 
सब मशरूफ है कहीं ना कहीं एक अनजानी सी दौड़ में
जीतने की होड़ में, राही बनने की चाह रखता हूं इस जंगल की राहों का 
ना जाने क्यूं भटक में जाता हूं

धीरे धीरे सीख रहा हूं ख्वाहिशों को मारना धीरे धीरे सीख रहा हूं इस वक़्त को काटना कुछ है जो अब भी सीखना बाकी है एक सफर है जो अब भी जीना बाकी है सफर एक जंगल का जिसे हम कहते है "तौर ए ज़िंदगी", कहने को यहां सुकूं बहुत है पर यहां कौन बैठता है सुकूं से अब सब मशरूफ है कहीं ना कहीं एक अनजानी सी दौड़ में जीतने की होड़ में, राही बनने की चाह रखता हूं इस जंगल की राहों का ना जाने क्यूं भटक में जाता हूं #Zindagi #Journey #safar #khanabadosh

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Bhavesh

The illusion सहर हो चली है, जिस्म मेरा अब भी टूट रहा है
कुछ है जो अब भी मुझे बिस्तर से बांध रखा है, कल रात तोह सोए भी जल्दी थे
यह नासाज़ हरकतें आखिर बयान क्या करना चाहती है मुझसे, इन गर्मी के दिनों में यह सरसराहट कैसे
आज मौसम भी बिल्कुल तुमसा हो गया है, पल भर में बदल गया हो जैसे
खिड़की पर शबनम की बूंदों से लग रहा है नाता कोई पुराना इनसे
कुछ कुछ याद आ रहा है मुझे, वह दिन ज़हन में ताज़ा हो गया है मुझे
फिर भी ऐतबार करने को मन् नहीं करता
कुछ ऐसा ही था मंज़र उस हिज्र की शाम का

सहर हो चली है, जिस्म मेरा अब भी टूट रहा है कुछ है जो अब भी मुझे बिस्तर से बांध रखा है, कल रात तोह सोए भी जल्दी थे यह नासाज़ हरकतें आखिर बयान क्या करना चाहती है मुझसे, इन गर्मी के दिनों में यह सरसराहट कैसे आज मौसम भी बिल्कुल तुमसा हो गया है, पल भर में बदल गया हो जैसे खिड़की पर शबनम की बूंदों से लग रहा है नाता कोई पुराना इनसे कुछ कुछ याद आ रहा है मुझे, वह दिन ज़हन में ताज़ा हो गया है मुझे फिर भी ऐतबार करने को मन् नहीं करता कुछ ऐसा ही था मंज़र उस हिज्र की शाम का

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Bhavesh

The Phonecall It was about 11 in night.

Kiku ko haath mein phone pkde aadhe ghnte se zyada ho gya tha, may be he was waiting for someone’s call aur may be he was going make a call actuallly he was expecting a call chehre par woh excitrment woh sharmili hasi sab kuch bayan kr rhi thi (use pta nhi tha ki yeh raat uski puri life change karne wali thi)

Aur expect krta bhi kyu nhi today he went on his first blind date and finally he got her cell number, excitement itni thi ki ruka jaa nhi rha tha bande se aur ru

It was about 11 in night. Kiku ko haath mein phone pkde aadhe ghnte se zyada ho gya tha, may be he was waiting for someone’s call aur may be he was going make a call actuallly he was expecting a call chehre par woh excitrment woh sharmili hasi sab kuch bayan kr rhi thi (use pta nhi tha ki yeh raat uski puri life change karne wali thi) Aur expect krta bhi kyu nhi today he went on his first blind date and finally he got her cell number, excitement itni thi ki ruka jaa nhi rha tha bande se aur ru

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Bhavesh

#nojoto #shayari #sheroshayari
#ghalib #gulzariyat #ruhaniyat
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Bhavesh

chunaav ayega badlaav layega
#election2019 #poetry #hindipoetry

chunaav ayega badlaav layega #Election2019 #Poetry #hindipoetry

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