Nojoto: Largest Storytelling Platform
abhishekdubey2528
  • 67Stories
  • 28Followers
  • 4.1KLove
    3.3KViews

Error

  • Popular
  • Latest
  • Video
8b7261de5e2b22b8277cfec6b0bcf209

Error

White जिंदगी के ख़सारे को हम किस्तों में भरेंगे
हम जानते है उस गली से दूर रहे तो 
फेफड़ों में सांस तो भरेंगे,पर हम मरेंगे

©Error #GoodMorning  shayari on life

#GoodMorning shayari on life

8b7261de5e2b22b8277cfec6b0bcf209

Error

White सर्दियों का दिन है गांव में अंगीठी जल रहा होग
?????
गुरु खाली कमरा है क्या चल रहा होगा
कोने में मोमबत्ती के साथ दिल जल रहा होगा ।।

©Error #love_shayari  hindi shayari

#love_shayari hindi shayari

8b7261de5e2b22b8277cfec6b0bcf209

Error

White तेरी निशानियां जलादि,तेरी कहानियां जलादि
एक मलाल रह गया कि तेरी यादों को ना जला पाए
हम खुद तो दफ़न हो आए पर तेरे वादों को ना भूल पाए

©Error #GoodNight   shayari in hindi shayari sad

#GoodNight shayari in hindi shayari sad

8b7261de5e2b22b8277cfec6b0bcf209

Error

White जैसे जैसे छठ निराला सांच कही मोर मन पियराला
ए साहब तू छुट्टी दे दा चाहे हमके तू गरिया ला

चार दिन के बात बा मालिक ट्रेन पकड़े फिर चल आइब
मजदूरी के रोटी लेवे बोला साहब कहा हम जाइब

खिचड़ी बितल फगुआ बितल नवमी और दशहरा बितल
एक टेर ना कहनी तोहसे जाने केतना परब बितल

अब जीव ना मानेला सुतलो में अंखियां जगेला
चाहे केतनो काम करिला मन हुजूर ना लगेला 

साल भर में एकही बेरा छठ के छुट्टी मांगीला
ए साहब तू छुट्टी दे दा चाहे हमके तू गरिया ला

©Error #good_morning_quotes
8b7261de5e2b22b8277cfec6b0bcf209

Error

White हमारे पास तुमसे कहने को कुछ भी नहीं
तुम बैठो तो दो चार घड़ी
दिल के गुब्बार निकल भी सकते है

©Error #weather_today
8b7261de5e2b22b8277cfec6b0bcf209

Error

White लोगों ने मिसाल कृष्ण और सुदामा का ही दिया
हम पूछते है दुर्योधन और कर्ण में क्या खामी थी।।

©Error #moon_day
8b7261de5e2b22b8277cfec6b0bcf209

Error

White कोट कचहरी वाले युग मे
क्यू ना हम तुम डाक बने
द्वेष भावना छोड प्रिये
हम मधूर धवनी की राग बने
दिल को जोड़े दिला से ऐसे
ऐसी कोई ढाग बने
कोट कचहरी वाले युग में
क्यू ना हम तुम डाक बने

©Error #sad_shayari
8b7261de5e2b22b8277cfec6b0bcf209

Error

कैद किया कमरे में खुद को फिर ऐसी बरसात हुई सिरहाने से नदी निकल के गंगा जैसी घाट हुई..!!

©Error #leaf
8b7261de5e2b22b8277cfec6b0bcf209

Error

White 
दुर्गम डगर हो या सरल रास्ते
चलने वालों की जीत हुई
पथ के कांट देख सहम जाएं
ये भी कोई बात हुई
अंधकार हो चाहे जितना
हमे डरा दे ऐसी कोई रात नही
जिक्र दिया है कर ही अगर तो 
कर्ण पट्ट को खोल सुनो
या तो हर स्वीकार करो
या हाथों में तलवार धरो
गर यकीन हो खुद पर तुम को
तनिक ठहर के सांस भरो
फिर गर्जन कर के निकल पड़ो
और दरिया को पर करो।।

©Error #sad_shayari
8b7261de5e2b22b8277cfec6b0bcf209

Error

White  सोचता हूं कब मिलूंगा मैं खुद से
मैं क्या था,और क्यू बदलना पड़ा

©Error #where_is_my_train
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile