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mohit7282558547330
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Mohit

मेरी जिंदगी खुली किताब 📖 है, कौन कितना समझ पाए वो समझ की बात है✍️

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Mohit

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Mohit

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Mohit

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Mohit

गिर गिरकर फिर उठने की कोशिश करता रहा,
कई जख्म खाये फिर भी धीरे-धीरे चलता रहा,
रुक था मैं एक बार गिरने के डर से,
मंजिल बहुत हसीन होंगी ये खुद को समझा के फिर आगे बढ़ता  रहा.

©Mohit
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Mohit

लोग झूठे थे उससे फर्क ना पड़ा, बस इस गिरगिट जैसी दुनिया मे, वो मासूम दिल ❤ सच्चा निकल गया,,परेशानी तो इस बात की थी.

©Mohit
  #lonelynight
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Mohit

बात बस इतनी थी, मैं समझाता तो वो समझ जाते.
बात बस इतनी थी, मैं समझाता तो वो समझ जाते..
बस अफ़सोस ये था की मैं समझाता क्यूँ.
अपने जज़्बात अपनों को ही दिखाता क्यूँ.

©Mohit
  #Likho
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Mohit

मेरे तैयार होते ही एक कॉल आया मैंने पूछा कौन तो जवाब आया मैं तुम्हारा पापा, मैं सहम गया और कहने लगा कहा हो आप पापा यहाँ सब आपको ढूंढ़ रहे है तो जवाब मिला मैं ऐसे जहां मे हूँ
""यहाँ ना इंसान है, ना कोई रास्ता अजीब मंजर यहाँ का, अजीब सा जहां है,
मैं रोते हुए कहने लगा तो क्यूँ चले गए वहा पे,
छोड़ गए तन्हा सबको यहाँ पे क्या खत्ता थी हमारी बताओ ना पापा बताओ ना""

""यहाँ सबका दिल दुखा है ज़ब हुयी दूरिया है,
चाह के भी रोक ना पाए ये मजबूरिया है,
तो क्यूँ छिना खुदा ने हमसे कैसी है सारी बंदिशे,
क्या खत्ता थी हमारी बताओ ना पापा बताओ ना""

ये कहते ही कॉल कट गयी और मेरी आंखे खुल गयी पता चला ये एक सपना था..

©Mohit
  #nojoto #feeling #papa #dad
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Mohit

बदलते वक़्त मे हम भी थोड़ा बदल गए किसी के दिल से उतरे तो किसी के दिमाग़ पे चढ़ गए ✍️

©Mohit
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Mohit

आज भी बिल्ली काली देख हम सोच मे पड़ जाते है,
रास्ता वो क्रॉस कर ले तो कदम रुक से जाते है.
मॉडर्न है हम ये  कहने वाले भी अक्सर ,
दुसरो के जाने के इंतजार मे वही रुक जाते है.

©Mohit
  #kisse
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Mohit

इसे परिवार नहीं कहते-

जहाँ छोटे को हमेशा छोटा दिखाया जाये,
समझाने के लिए सब आ जाये पर उसे कोई समझ ना पाए.
इसे परिवार नही कहते..

सब के लिए करो परिवार है ये सब बोलते जाये,पर उस सब मे बस एक बन्दे की सबको फ़िक्र सताये ,
पर ज़ब बारी छोटे की आये उसे अकेला सब छोड़ जाये.
इसे परिवार नही कहते..

खुद हर जगह कार से जाये,महँगे महँगे कपडे पहने और महँगी जगह पे घूमने जाये,
छोटा हर वक़्त पैदल जाये उसकी फ़िक्र किसी को ना सताये.
इसे परिवार नहीं कहते..

घर के हर छोटे छोटे काम मे उसे घसीटा जाये,खुद के हर फंक्शन को एन्जॉय करे और छोटा बस उसमे काम कराये,
पर उसके सबसे खास दिन पर भी उसे अकेला छोड़ दिया जाये.
इसे परिवार नहीं कहते..

घर के एक बन्दे की बात हो तो परिवार परिवार की याद दिलाई जाये,
एक एक चीज घर के एक बन्दे के लिए बेच दी जाये,
और छोटे के वक़्त बस ज्ञान बांटा जाये,
इसे सच मे परिवार नही कहते..

लिखने के लिए तो और लिख दू की किसे परिवार नहीं कहते पर छोड़ो.

©Mohit
  #alone #Family
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