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rbsharma8771
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R.b. Sharma

कवि&शिक्षक

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R.b. Sharma

हसीन ज़ुल्फों में अमराइयाँ महकती हैं।      गुफ़्तगू करते तो रुबाइयाँ महकती हैं।।
सांझ को रोज सजते मेले दिल की महफ़िल में
याद में उसकी ये  तनहाइयाँ महकती  हैं।।
-आर बी शर्मा पागल हरदोई

©R.b. Sharma तनहाइयाँ

तनहाइयाँ

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R.b. Sharma

इज़हार तुम्हारे इश्क में दीवाना हूँ स्वीकार करता हूँ।
मैं कबसे सोचता कह दूं चलो इस बार कहता हूं।।
मेरे मालिक!समाए हो तुम्हीं पागल में कविता बन
मैं तुमसे प्यार करता हूँ,मैं तुनसे प्यार करता हूँ।

©R.b. Sharma दिल की बात

#dilkibaat

दिल की बात #dilkibaat

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R.b. Sharma

मुक्तक

सम्हल जाओ नहीं तो मुश्किलों के दौर आएंगे।
दिनोदिन  सख़्त घेरे  हो  रहे  हैं  और  आएंगे।।
अभी बिकता है पानी बोतलों में कल ये संभव है
हवा ले लो,हवा ले लो के पागल शोर आएंगे।।
आर बी शर्मा पागल हरदोई
आल इंडिया हिंदी-उर्दू एकता ट्रस्ट #मुक्तक
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R.b. Sharma

नहीं सम्हले अगर हम मुश्किलों के दौर आएंगे।
दिनोदिन सख्त  घेरे  हो  रहे  हैं और  आएंगे।।
अभी बिकता है पानी बोतलों में कल ये सम्भव है
हवा ले लो,हवा ले लो के पागल शोर आएंगे।।
®©आर बी शर्मा पागल हरदोई #मुक्तक
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R.b. Sharma

किसके लिए तुम यादों के ये बाग महमहे छोड़ गए हो।
दिल की ज़मीं पर मालिक कैसे ज़ख्म लहलहे छोड़ गए हो।।
भूल गए हो तुम कुछ "पागल"वापस आकर ले जाओ
दिलकश डाँटें,मुस्कानें,बेलौस कहकहे छोड़ गए हो।।आर बी शर्मा पागल हरदोई एक किता

एक किता

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R.b. Sharma

पेश हैं दो क़तअ
1-क्या कहें कैसा अपना मुक़द्दर रहा।
सर्दियों की तरह वो सितमगर 
रहा।।
और सबके लिए फरवरी सा सुखद 
किन्तु मेरे लिए ही दिसम्बर रहा।

2-ढाई आखर का अप्रतिम चमत्कार है।
बंशी का कान्ह अधरों पे अधिकार है।
रुक्मिणी के हुए पति ये सच है, मगर
कृष्ण तो राधा रानी पे बलिहार है।।आर बी शर्मा हरदोई दो क़ता

दो क़ता

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R.b. Sharma

1-न जाने बज रहे कितने बसन्ती राग धड़कन में।
मिले हो जब से तुम तबसे लगी इक आग धड़कन में।।
हाय बौराया कैसा मन मेरा अमराई सा पागल
मिलालो दिल से दिल हों जाये होली फ़ाग धड़कन में।।
2-कितने रंग हुस्न के वो दिखाता रहा।
आदतन डाँटता,खिलखिलाता रहा।।
बात उससे हुई तो कई दिन तलक
मेरा दिल प्रेमधुन गुनगुनाता रहा।।

1-न जाने बज रहे कितने बसन्ती राग धड़कन में। मिले हो जब से तुम तबसे लगी इक आग धड़कन में।। हाय बौराया कैसा मन मेरा अमराई सा पागल मिलालो दिल से दिल हों जाये होली फ़ाग धड़कन में।। 2-कितने रंग हुस्न के वो दिखाता रहा। आदतन डाँटता,खिलखिलाता रहा।। बात उससे हुई तो कई दिन तलक मेरा दिल प्रेमधुन गुनगुनाता रहा।। #कविता

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R.b. Sharma

कितने रँग हुस्न के वो दिखाता रहा।
आदतन डाँटता,खिलखिलाता रहा।।
बात उससे हुई तो कई दिन तलक
मेरा दिल प्रेमधुन गुनगुनाता रहा।। आर बी शर्मा पागल हरदोई #weather
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R.b. Sharma

#PulwamaAttack पास बैठो कभी आंखें मेरी पुरनूर हो जाएं।
पिला दे इतनी साक़ी हम नशे में चूर हो जाएं।।
बड़े ज़ालिम हो इक पागल पे करते हो सितम इतने
गले से तुम लगा लो सारे शिक़वे दूर हो जाएं।।आर बी शर्मा हरदोई
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R.b. Sharma

लगादी है अनोखी तुमने मीठी आग धड़कन में।
तुम्हें देखा है तबसे इक बसंती राग धड़कन में।।
हाय बौराया कैसा मन मेरा अमराई सा पागल,
मिला लो दिल से दिल हो जाये होली-फाग धड़कन में।।
आर बी शर्मा हरदोई निवेदन

निवेदन #कविता

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