96Stories
177Followers
457Love
0Views
दासनुदास सोम
हमारा धर्म अलग हो सकते हे पर हमारा संस्कृृती एक हि होनि चाहिये,, मानवीय संस्कृति ,, आध्यात्म ,साहित्य,तथा पोराण को पहले सन्मान करता हु वाद मे वैज्ञान,
(शब्द का शिकारी कलम हि मेरा हतियार हे )
96Stories
177Followers
457Love
0Views