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sundaramtripathi2218
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sundaram tripathi

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sundaram tripathi

Gandhi Ji Ke 3 bandar " लोग बुराई करते भी हैं "
 देखते भी हैं 
 और सुनते भी हैं !
                                        सुंदरम त्रिपाठी the nature of love

the nature of love

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sundaram tripathi

सब कुछ है मेरे पास, बस सिवाय !
उस कंधे के 
जहां पर सर रखकर लोग अपना दर्द सुनाते हैं 
                                      - सुंदरम त्रिपाठी The nature of love

The nature of love

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sundaram tripathi

जब ख्वाबों से निकलकर, हकीकत में जागता हूं मैं !
तब जिंदगी के मायने, समझ में आते हैं मुझे 
 कि 
ख्वाबों की दुनिया का, खुद का कोई अस्तित्व नहीं होता !
यह बस दूर से, देखने मे ही आकर्षक लगता है ....... 
                                    -  सुंदरम त्रिपाठी the nature ऑफ़ love

the nature ऑफ़ love

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sundaram tripathi

जब तक कोई चीज, हमारे पास होती है !
              तब तक  हम लोग, उसकी  कद्र नहीं करते ! और 
          जब वह हमसे से, कहीं खो जाती हैं ! तब हम उसकी
                   " कद्र करना सीख जाते हैं.."......
                                         - सुंदरम त्रिपाठी The nature of love

The nature of love

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sundaram tripathi

Dhodkhaa swabhaav hai mera मैं पिछले 30 सालों से झूठ बोलता आया हूं !
हर किसी को, धोखा देते आया हूं ......

और तुम  चाहती हो की ! खुद को बदल  दूं मैं...  
 नहीं बदल सकता, खुद को मैं  ! क्योंकि मैं ऐसे ही जीता हूं 
और हां
झूठ के सहारे चलती है जिंदगी मेरी
aur the nature of love

the nature of love

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sundaram tripathi

एक बार फर्श पर, कांच का टुकड़ा बिखर गया था !
 वह शक्स ! जिसने उसे जमीन पर गिराया था , वह तो उसे छोड़ कर चला गया था.........
 पर उस फर्श पर बिखरी ! कांच की निगाहें, उसे ढूंढो रही थी जो से उसे उस फर्श से उठाता !
             .         ..............  सुंदरम त्रिपाठी the nature of love

the nature of love

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sundaram tripathi

जो कल तक कहते थे ! तुम जी ना पाओगे, अब मेरे बिना.....
आज वही कहते हैं !
तुमने सीख लिया है  जीना अब मेरे बिना......
                        - सुंदरम त्रिपाठी the nature of love

the nature of love

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sundaram tripathi

देश उनका हमेशा कर्जदार है  ! जिसमें एक पाइ न रखा कफन के लिए...... 
  झूले हंस हंस के फांसी  के !  तख्तो  पर  वे, गोलियां  उन्ने खाई वतन के लिए......
 धन्य उनका धरा पर जन्म हो गया, देश में उनकी कीर्ति अमर हो गई........ 

                                         -  सुंदरम त्रिपाठी The nature of love

The nature of love

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sundaram tripathi

जब -जब किसी का लोगों ने उपहास उड़ाया है !
तब -तब इतिहास गवाह है  ! कि उसने खुद का, एक इतिहास  अपना रचाया  है !
कहने वाले पागल लोगों ने  ! ही फिर उसे अपने जीवन में दोहराया है...........


                                       -  सुंदरम त्रिपाठी the nature of love

the nature of love

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sundaram tripathi

सीखा है साथ निभाना मैंने !
कागज और कलम से.....
 की 
 कलम ! बिना कागज के "चलती नहीं "
और बिना कलम के ! कागज पर, "लिखा जा नहीं सकता"......
                                                             
                                                   सुंदरम त्रिपाठी The नेचर ऑफ़ love

The नेचर ऑफ़ love

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