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rajeshjha3984
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Rajesh Jha

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Rajesh Jha

Hey मैं तुम्हें call करू क्या ?
काफ़ी दिन हो गए  बात नही हुई हमारी
फिर से शुरुआत करे क्या?
यार तुम कुछ गुम-सुम सी रहने लगी हो
कुछ बात हुई है क्या?
सब ठीक नही लगता मुझे 
तुम तो ठीक हो ना?
मुझे तुम्हारी ख़ामोशीया डराने लगी है
तुम ठीक हो ना ?
 सुनो तुम्हारा बस एक बार हाल जानना है
तो मैं call करू क्या?
सुना है जिंदगी कि अलग राह पर खड़े हो
उस राह की मंजिल की सोच में हो क्या?
एक बार हाल जानना है मेरे इस दिल को
तुम से सवाल पूछना है मुझे 
कुछ खोये से लगते हो 
टूटे बिखरे और ख़ुद से ही अलग होये लगते हो
सुनो मैं बात कर सकता हू क्या
Hey मैं तुम्हें call करू क्या? तुम्हें call करू क्या??

तुम्हें call करू क्या??

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Rajesh Jha

मैंने सब देखा है दुनिया में कोई तुमसा हसीन नही 
सब है यहाँ पर खुशियों के दीवाने 
पर हम सा ग़मो का मुरीद नही ।

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Rajesh Jha

कुछ कहना था तुमसे 
मेरी महफिलों में आओगी क्या
सब कुछ तेरे नाम से शुरु होता है वहाँ
क्या एक बार खुद से सबको हमारी कहानी सुनाओगी क्या?

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Rajesh Jha

याद जिंदगी तेरा ये सबक रहेगा 
हर दर्द में मुस्कुराहट का नक़ाब रहेगा 
कब तक यू मुझे 
उसकी यादों से तड़पायेगा
वो जा चुका है 
ए-ज़िन्दगी ये तू कब अपनाएगा
सुन ज़िन्दगी तुझमें ,
वो बदलाव कब आयेगा
अब तो मैं  भी टूट-बिखर के
ख़ुद को ख़ुद से समेट चुका हूँ
मेरे उस कमरे के हर कोने को 
उन अंधेरी रातों में कुरेत चुका हूँ
हर एक दर्द में कितनी  बार
अपनी आवाज छुपा चुका हूँ
उसे हार के मैं जिंदगी 
ख़ुद को बिन मौत जला चुका हूँ
अब समेट ख़ुद को सच बताया है 
मुस्कुराहट इस दर्द का नक़ाब बनाया हैं
वो जो चुकी है अपनी मंज़िल 
खुद को समझाया है
राजेश तू अब ख़ामोशियों 
को अपने सिरहाने से कब तक लगायेगा
ए-जिंदगी कब तक मुझे 
उसकी यादों से तड़पायेगा
बता ना ज़िन्दगी,
 तेरा अगला पड़ाव कब आयेगा। 🤍❤️
बता ना ज़िन्दगी,
 तेरा अगला पड़ाव कब आयेगा।

🤍❤️ बता ना ज़िन्दगी, तेरा अगला पड़ाव कब आयेगा।

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Rajesh Jha

This became again stranger to me 
I felt earlier but I never asked to be 
It was started with conversation continuously
But the time passed and that passed me 
It is ended up at blank chart of chats
And with bunch messages unseen 
This dark pin come across to dark screen
Darkened night tide which is seen 
Moon fading down and grass shave clean
We are not more together to been 
When we came to meet 
We never asked to fall on feet 
It was the light which was bright 
I think I was in problem of sight 
That feeling was enough to love excite
But, we were flying on wrong flight 
Oops sorry!
The door is opened up of my heart
Could you please come inside to journey start
I know we will fall again 
We would become straight strange 
Muted life on one pain 
We became stranger in pain
This weepened stain of life remain 
I never asked to be strange!
But,
This became again strange to me ,...
 Strange to me

Strange to me

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Rajesh Jha

ABOUT YOU .....
what should I write about you
really I am struggling here
Whenever I  close my eyes
I can see you there
whenever I sniff deep
I could smell you in me
Whenever I touch my hands
at your place I feel your hands with me
Whenever I smile
I just recall your smiling face
whenever I feel pain
I could imagine your eyes
which is empowering me to fight with this
whenever I sit alone
I could imagine you beside me
What should I write about you
Whenever I feel broken
I feel you in me
You are healing me at every single point of my life
I hid in you or,
you hid in me
I can't say it
Your given watch has stopped now, 
like we stopped to meant  each other
I am alone drowning in it
whenever i memorise you
i bit die that time too
missing you....
whenever I try to write
I recall you , I recall your faith in me
My doubt gone out of mind
because of your belief
I could write you in me
with every breath not with words
You were,are and will be my happiness
I can make you into me
Should I write about you About You

About You

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Rajesh Jha

किस सोच में दुनिया भागी हुई
किसके दोष में दुनिया भागी हुई
 दुनिया भागी हुई

दुनिया भागी हुई

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Rajesh Jha

क्या की होड़ में लगे है
क्यों से तो वास्ता ही नही
कैसे से पता पूछते है खुद का 
याद भी क्यों उसकी अब आती नही। क्या क्यो कैसे???

क्या क्यो कैसे???

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Rajesh Jha

टूटा लम्हा, बिखरा सा मैं,
हर आहट में तुम, फिर भी तन्हा सा मैं
 तन्हाई

तन्हाई

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Rajesh Jha

मुझे मेरे हिस्सों से मांग रहे थे 
कुछ बीते लोग मुझे भी जान गए थे 
कहानी में शब्द ही नहीं रूह भी होती है
ये वो पहचान गए थे

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