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nilesh9305510989270
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Nilesh Singh

Student

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Nilesh Singh

मैं और तुम .....................................हम हो रहे हैं
कल जो सोचते थे आज लवस हो रहे है
महसूस करते थे वो हमे हम उन्हें ख्यालो में
आज उनकी तस्वीरों को होठों से छू रहे है
चादरों को बदल बदल कर सोते थे कल तक हम
आज चादरों पर करवट बदल बदल कर सो रहे है
मैं और तुम हम हो रहे हैं



        निलेश सिंह
   पटना विश्वविद्यालय

©Nilesh Singh #kissday
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Nilesh Singh

लग जा गले सूरज के निकलने से पहले 
चिडि़यों के चहकने से पहले

मिट्टी के महकने से पहले
बादलों के गरजने से पहले

फूलों के निखरने से पहले 
पतों के बिखरने से पहले                                         
                                          ✒️ निलेश सिंह 
लहरों के उफान से पहले 
झोंके के तूफान से पहले 

नदियों के मिलने से पहले 
अपनों के बदलने से पहले 

तकदीर के सोने से पहले 
अरमानों के रोने से पहले 

सुबह की शाम  से पहले 
आगाज के अंजाम से पहले 

किसी और के कहने से पहले 
महफिल में बदनाम होने से पहले 

किसी के पास आने से पहले 
   मेरे दूर जाने से पहले 

लग जा गले..... 
किसी और के गले पड़ने से पहले

©Nilesh Singh #hugday
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Nilesh Singh

एक वादा                       न बदलेंगे इरादा
न तुमसे कम न चाहिए तुमसे ज्यादा
मैं मे तुम तुझमे हो मेरा स्थान
पूरा न सही मुझमे रहो तुम आधा 
एक वादा न बदलेंगे हम इरादा



✒️नीलेश सिंह
पटना विश्वविद्यालय

©Nilesh Singh #propose_day
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Nilesh Singh

इज़हार रातों को हमे कोई ख्वाब नहीं आता
देने हमे कोई गुलाब नहीं आता
सात दिनों में बाँध रखा है इश्क को मोबाइलों के दौर के आशिकों ने
वीडियो कॉल वालों को प्रेम मे इंतजार नहीं आता
वो लोग और थे जो खत पर निकाल कर रखते थे कलेजा
दिल की इमोजी भेजने वाले को इश्क में  इजहार नहीं आता. 


✒️नीलेश सिंह
पटना विश्वविद्यालय

©Nilesh Singh #इजहार
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Nilesh Singh

फूलों सी  वो मेरे बगिया की शोभा है
उसे तोड़ मुझे मुरझाना नहीं
उसकी खुशबु से मैं महकता रहूँ
मुझे इत्र खरीद कर लाना नहीं
दिल के उपवन में मैं संबंधो को सींचता रहूँ
मुझे गमलों मे फूलों को लगाना नहीं
जंगल भी मंजूर हो अगर नियत साफ़ हो
वनवासी मैं हो जाऊँ मगर राधा उसे बनाना नहीं


                                         ✒️नीलेश सिंह
                                        पटना विश्वविद्यालय

©Nilesh Singh #roseday
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Nilesh Singh

किताबों ने हमे बनाया है,
उसको जिसने जितना अपनाया
उसने उसको उतना अपना बनाया है

©Nilesh Singh #kitab
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Nilesh Singh

चांदनी रात
हाथों में हाथ
आँखों में ज़ज्बात
ढेर सारी बात
तारों के खयालात
नदियों सी मुलाकात
उम्र भर का साथ


बस करो सपने देखना छोड़ दो
मुँह धों लो चादर को मोड़ दो

   ✒️Nilesh Singh

©Nilesh Singh हाथ

हाथ #Quotes

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Nilesh Singh

मैं हाथों में उसका हाथ चाह रहा था
वो अपनी शादी का कार्ड पकड़ा कर चली गयी

©Nilesh Singh #Hath
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Nilesh Singh

हाथों में उसका हाथ जरूरी था
बिना लिखे जो पढ़ा जाए वो जज्बात जरूरी था
आँखों ने आँखों को कितना ही समझा होगा 
सपनों के शहर में ही सही मगर मुलाकात जरूरी था 


✒️नीलेश सिंह
पटना विश्वविद्यालय

©Nilesh Singh #ankahi
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Nilesh Singh

White नेक इरादों वाला अक्सर अकेला होता है
बुरा समय बुरे इंसान से बेहतर होता है


नीलेश सिंह

©Nilesh Singh #Thinking
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