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meripanktiyaan0589
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meri panktiyaan

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meri panktiyaan

#OpenPoetry आतंकी भी देखो तो, देश की मिट्टी चाहते है
फाँद कर देश की सरहद देश में मरने आते है

सचिन मैथिल 
मेरी पंक्तियाँ
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meri panktiyaan

#OpenPoetry पिंजरे ही गर खाली है, तो परिंदे कहाँ है 
बहनों के सब भाई है, फिर दरिंदे कहाँ है 

सचिन मैथिल 
मेरी पंक्तियाँ
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meri panktiyaan

#OpenPoetry मेरे तेरे में हमने अपना सब गँवा दिया 
कोठी बना ली, पुश्तैनी घर गँवा दिया 

मुक़द्दर भी ऐसा मिला बनाने को मुझे 
मुस्तक़बिल बना, नसीबवर गँवा दिया 

सचिन "फक़्कड़"
मेरी पंक्तियाँ
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meri panktiyaan

#OpenPoetry तुम्हें पाना भी "मुहब्बत" है 
तुम्हें खोना भी "मुहब्बत" है 

हिज्र-ए-मुहब्बत में फक्कड़ 
हँसकर रोना भी मुहब्बत है 

सचिन "फक्कड़"
मेरी पंक्तियाँ
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meri panktiyaan

#OpenPoetry कोठे भरे हुए, घर खाली रहते है 
इश्क़ वाले बस 'ख़याली' रहते है 

कैसे रुकूँ मैं यहाँ पर 'इत्मीनान'  से 
यहाँ तो सब ही गुंडे, मवाली रहते है

कैसे छोड़े माँ बच्चों को पेड़ पे अकेला 
 लूटने वाले यहाँ डाली डाली रहते है 

बड़ा कठिन है घर से 'बेटी का जाना'
कि घर में ही लोग "सवाली" रहते है  

लोगों के कुछ कहने से रुके हो तुम 
कुछ लोग दिमाग़ से खाली रहते है 

सचिन मैथिल 
मेरी पंक्तियाँ
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meri panktiyaan

#OpenPoetry सभी को खुशी से बावस्ता कर देखता है 
वो दौर-ए-यतीम मुझे रात भर देखता है 

 रहूँ अकेला घर में और कुछ भी तो नहीं 
जाने क्यूँ हर कोई बस मेरा घर देखता है

कितना मुश्किल है, पालना "परियों" को
  क्यूँ हर कोई इन्हें यूहं बुरी नज़र देखता है  

सचिन मैथिल 
मेरी पंक्तियाँ
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meri panktiyaan

#OpenPoetry अमीरी तुझसे भी हो, गरीबों को उम्रभर फ़ायदा
  मगर तू अपनी टकेभर अना तो जलाये तो सही 

सचिन मैथिल 
मेरी पंक्तियाँ
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meri panktiyaan

#OpenPoetry यकीनन मेरा भला कर सकता है तू एह वक़्त 
पर मेरे "बुरे बीते" वक़्त को तू भुलाये तो सही 

सचिन मैथिल 
मेरी पंक्तियाँ
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meri panktiyaan

#OpenPoetry यूहीं शहर भर को अपना बनाये फिरता है "सचिन" 
हो भला मगर यतीमों को खाना खिलाये तो सही 

सचिन मैथिल 
मेरी पंक्तियाँ
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meri panktiyaan

#OpenPoetry  अपनों की तो छोड़ो, मैं तो गैरों का भी रहनुमा हूँ 
 मैं बनके खेल खुद हारूँ, कोई हराने आये तो सही 

 मिरि जिन्दगी से तो कब के संबंध तोड़ दिए है मैंने
  हूँ मुर्दा मगर बहलूँगा, कोई आके बहलाये तो सही 

सचिन मैथिल
मेरी पंक्तियाँ
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