मुद्दतों इंतेज़ार रहेगा तुम्हारा..अब तू आए ना आए तेरी मर्जी.. गुमनाम शायर हूं दर्द लिखता हूं... कभी हाल ए दिल तो कभी हाल ए ज़िन्दगी पे... कुछ अल्फ़ाज़ तो कुछ जज़्बात लिखता हूं। जख्म पर मरहम लगाने आया हूं, कुछ दिल के दर्द, तो कुछ तन्हाई बांटने आया हूं, अपनों से जो जख्म मिला उसे भूलाने आया हूं, अपने कुछ शब्दों से सबके दिल का हाल बताने आया हूं। बस एक गुजारिश है, मेरे शब्दों को मेरी आपबीती ना समझे। #kumarkibatein
Kumar Gaurav
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