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narayana3920
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narayana

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narayana

 Flaws is the aisle, our creator has given us to find perfection in our own style.
#nojotoenglish #nojoto #flaws

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narayana




वह था बचपन का प्यार, या सबाब ?
पर नाजाने क्यों मैं थी इश्क़ से अनजान।
जब वो ज़ुल्फ़ों को संवारता था, में जाती थी शरमा।
पर सब कहते थे यह है रंग गुलाबी।
फिर जब वह होता था करीब तो न जाने क्यों धड़कने जाती थी बड़।
और सब कहते थे कि है यह रंग लाल।
जैसे जैसे वह एहसास बढ़ा, सबका सवाल यूँ उठा।
क्या बात आजकल सुनहरी है छवि तेरी?
फिर भी न समझ पायी कि क्या है यह रंगों का सवाल।
जब उसका खत है प्रिन्सिपल ने लिया पकड़,
तो सब कहने लगे, मैं हूँ ओढे शर्म का रंग नीला।
अब जब सब प्रश्न करने लगे तो मैं हो गयी उसके बचाओ में खड़े।
और लोग कहने लगे काला है दिल मेरा।
बस वही पल था कि मुझे एहसास हुआ कि इश्क़ का रंग है लाल, ओर यह है सिर्फ परवाने जानते।
यूँ कुछ बात आगे बड़ी, कि चड़ गया रंग पीला।
ओर हो गया गठबंदन हमारा।
फिर हुआ एहसास कि इश्क़ के लाखों रंग है ओढे हमने।


 #nojotohindi #इश्क़ के लाखों रंग

#nojotohindi #इश्क़ के लाखों रंग

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narayana

 #love #nojotoenglish #why to love more?

#Love #nojotoenglish #why to love more?

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narayana

मैं लिखना भूल जाती हूँ जब हकीकत से रूबरू होती हूँ।
यूँ तो लिखना चाहती हूँ मैं हवाओं की थिरकन और मिट्टि की सुगंध के बारे मे, लेकिन लिखना भूल जाती हूँ जब बैठती हूँ ऐ.सी के सामने।
लिखना चाहती हूँ मैं बुजुर्गों से मिलने वाले अशीष के विषय में, लेकिन लिखना भूल जाती हूँ  जब पाती हूँ वृद्धाश्रम अनगिनत सामने।
बहुत तन्मयता से मैं लिखने बैठती हूं वह पहले प्यार के किस्से, परंतु लिखना भूल जाती हूँ जब वह इंसानियत को भी प्यार का नाम दे देते हैं। #nojotohindi
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narayana

इक सवाल

प्रवाह की प्रगति को निहारती परखती
चिंतित, विचलित, भ्रमित, मैं हारती।
 
चपल, अस्थिर, प्रफुल्लित वह बहती
लहरती, लांघती, व्यतिकृम वह पकड़ती।

वजूद को ठुकराकर समागम है लक्ष्य जिसका 
वजूद ही प्रतिगृहित कर मुस्कुराती ठुमकती वह।

प्रवाह का प्रयोजन है विगम वह जानती
बावजूद वह विराम से पृथक कैसे रहती?

ज्ञात हुआ जब आगे है अंत लिखा 
स्थिर, शांत, व्याकुल, मैं ठहर गयी।

नश्वर होना ही है जब सच मेरा
फिर लक्ष्य मेरा हो क्यो अलग?

प्रवाह कि अडिगता से सवाल यह मैं करती
इतना गतिशील कैसे तू है रहती?
 #when you realise the truth of death and persistence of nature astound you 🙆

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