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roshankumarjha6281
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Roshan Kumar Jha

Kolkata

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Roshan Kumar Jha

काव्य सुमन काव्यसंग्रह इ बुक का आॅनलाइन लोकार्पण शिक्षाविद् डॉक्टर शिवधनी पांडेय के हाथों संपन्न ।


मुंबई। डॉ. पिंकी सिंघल द्वारा संकलित काव्य संग्रह 'काव्य सुमन' का  आॅनलाइन लोकार्पण समारोह व सम्मान पत्र वितरण का आयोजन इंकलाब साहित्यिक सांस्कृतिक सामाजिक मंच द्वारा  सोमवार 10 मई दोपहर 12:00 बजे रखा गया था । लोकार्पण समारोह में प्रमुख अतिथि,समीक्षक और प्रमुख मार्गदर्शक  के रूप में उपस्थित शिक्षाविद , स्वतंत्र पत्रकार, डॉक्टर शिवधनी पांडेय जी के कर कमलों द्वारा काव्य सुमन काव्यसंग्रह का लोकार्पण कार्यक्रम संपन्न हुआ । उक्त अवसर पर पर सभी सम्मानित पदाधिकारियों एवं कार्यक्रम में उपस्थित रचनाकारों साहित्यकारों लेखकों का डॉक्टर शिव धनी पांडेय जी ने आभार व्यक्त किया और सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि कवि कोई गमले का फूल नहीं है,और ना ही कविता किसी एक व्यक्ति के लिए लिखता है। कवि हिंदी साहित्य की सदा से रीढ़ रहे हैं और रहेंगे। हिंदी साहित्य को समृद्ध करने में कवियों साहित्यकारों का अतुलनीय योगदान रहा है। साहित्यिक समाज एक वट वृक्ष है । साहित्यकार समाज का दर्पण है। भावनाएं भले ही किसी कवि साहित्यकार की हों लेकिन अभिव्यक्ति में समाजिक गतिविधियों का समसामयिक घटनाचक्र का सत्य चित्रण रहता है।
उन्होंने इंकलाब साहित्यिक सांस्कृतिक सामाजिक मंच परिवार के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से यह इंकलाब प्रकाशन समूह निरंतर नवोदित कवियों, साहित्यकारों और लेखकों की कृतियों को सम्मानित करने और प्रकाशित करने का कार्य कर रहा है। मैं सभी का अभिवादन करता हूं।नमन करता हूं। मैं विश्वास के साथ कहना चाहता हूं कि एक दिन ऐसा आएगा जब विश्व पटल पर इंकलाब इंकलाब का परचम साहित्य जगत में लहरेगा।

दीप प्रज्जवलित कर मां सरस्वती जी की वंदना से काव्य सुमन की लेखिका सहायक संपादिका शिक्षाविद पिंकी सिंघल  जी ने कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके उपरांत इंकलाब मंच इंकलाब प्रकाशन के अध्यक्ष रमाकांत यादव ( सागर जख्मी ) ने सभी  को धन्यवाद ज्ञापित किया।
 "काव्य सुमन सम्मान" पत्र प्राप्त करने वालों में, जन - जन की आवाज को बुलंद करने वाला मुंबई से प्रकाशित हिन्दी दैनिक पहला समाचार पत्र के वरिष्ठ सहयोगी पत्रकार,शास्त्री सुरेन्द्र दूबे (अनुज जौनपुरी) ,गंगाधर नरसिंगराव चेपूरवार,गणपत लाल उदय,रचनाविनोद,श्रीकांत तैलंग
,राम शरण सेठ,कुमारी पूजा मिश्रा,डॉ. अनुज कुमार चौहान‘ अनुज ‘,मनोरमा सिंह ‘ माया ‘,डॉ. प्रोफेसर विनय कुमार श्रीवास्तव, डॉ, विनीत विद्यार्थी दर्शन ‘शास्त्री’,रामजीमल शिक्षाविद,अविनाश ब्यौहार,डॉ. शशी बाला,डॉ. सरिता यादव,ज्ञानेश्वर आनंद ‘ ज्ञानेश’,डॉ. महेश कुमार ‘व्हाइट’,
कुमार अनिल,कुसुम लता,प्रगति,अजय प्रसाद,डॉ. हेमलता,शिव इंदौरी एम एम,कौशल किशोर,रीमा महेंद्र ठाकुर,अंजली प्रिय,मास्टर भूताराम जाखल,कुमार अतुल राव,मनोज कुमार चतुर्वेदी,डॉ. सपना दलवी,
राम करण साहू ‘सजल ‘,ओमजी अवस्थी,श्याम सिंह,
कुमार पंकज “अंतर्योगी”,अटल मुरादाबादी,डॉ. सुषमा तिवारी,विनोद डँगवाल “विनु”,दिव्यांशी निषाद,डॉ.भारती वर्मा बौड़ाई,श्रीमती सिंधवासिनी ब्रिजेश तिवारी,आशीष कुमार साव,बाबिता बिट्टू जैन,
देवेन्द्र प्रताप वर्मा,प्रिया सिन्हा,आशीष कुमार ‘महासागर ‘,जी. एस . मिश्रा,विजय वर्धन,जेडी राणा,कृष्ण गोपाल शर्मा,डॉ. सरला सिंह “स्निग्धा”,डॉ . रानी गुप्ता,डी.ए.प्रकाश खाण्डे,जितेंद्र झा आजाद,चंदा देवी और दिवाकर पाण्डेय रहे।

सम्मान पत्र वितरण के पश्चात अंत में पिंकी सिंघल सहायक संपादक, रमाकांत यादव (सागर यादव जख्मी ) प्रधान संपादक, प्रमुख अतिथि डॉक्टर शिवधनी पांडेय मुंबई, मार्गदर्शक व वरिष्ठ सहयोगी
प्रोफेसर डॉ विनय कुमार श्रीवास्तव प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश,मीडिया प्रभारी रवींद्र त्रिपाठी,मीडिया प्रभारी , सलाहकार व मार्गदर्शक इंकलाब मंच शास्त्री सुरेन्द्र दुबे,व अन्य पदाधिकारियों ने सभी सुधिजनो के सद्विचारों को  नमन करते हुए सबके उज्जवल भविष्य की कामना की।

©Roshan Kumar Jha #MothersDay2021
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Roshan Kumar Jha

साहित्य संगम संस्थान

साहित्य संगम संस्थान

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Roshan Kumar Jha

कविता :- 17(59) , हिन्दी

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 19/09/2020
दिवस :- शनिवार
विषय :-  डॉ कुलवंत जी का गीत
विधा :-  समीक्षा
प्रदाता :- आ. राजवीर सिंह मंत्र जी
विषय प्रवर्तन :-  आ. नवल किशोर सिंह जी

साहित्य संगम संस्थान को नमन करते हुए  , विषय प्रदाता , अध्यक्ष महोदय आदरणीय राजवीर सिंह मंत्र जी , विषय प्रवर्तक , संगम सवेरा के प्रधान संपादक आ. नवल किशोर सिंह जी सह गीतकार डॉ. वाचस्पति कुलवंत जी को सादर नमन ,  कुलवंत जी की गीत की एक अलग ही अस्तित्व है , इनके गीत में निराशा में भी आशा की किरण झलकती है ,कुलवंत जी अपने गीत में क्या वर्णन किए हैं , जिसे पढ़कर दुनिया से हारा हुआ आदमी भी अपनी राह पर फिर से चल सकते है । क्यों जीवन से हार मान लूं , उनका ये गीत बहुत ही सुन्दर रूप दर्शाता है ।

माना मिला सदा धोखा पर, क्यों अपनी गैर मान लूँ ,
माना सचमुच टूट चुका पर , जीवन से क्यों हार मान लूँ ।

सुख जो संग मेरे खेले , झूले बार - बार मेरे बाहों में ,
टूटी नौका देख सभी वे , तैर गए तट की राहों में ।

, सच में  कुलवंत जी की गीत की एक अलग ही पहचान है , जिसे हम पाठकों आसानी से समझ सकते है , और कुलवंत जी की गीत हम सभी में एक अलग ही जोश उत्पन्न करता है ।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार, 
मो :-6290640716
IGNOU:-BPP-श्री जैन विद्यालय हावड़ा -191081735)
परीक्षा :- 19/09/2020 , PCO , BPP
05/10/2020, OSS-101, Control Number :- 6203058225, Exam centre code :- 2840D
मोनू से बैग लिए , calculator लिए , Ignou commerce वाला परीक्षा , किताब में - 400 मिला ,D.k से भी मिले ।
Room no :- 306 में 14:00 हम 15:30, सर बोले झा जी हैं , उसके बाद आते वक्त बोले सही सही किए न , क्योंकि इस साल Last ही है । श्री जैन विद्यालय, 50 प्रश्न चार में से एक लिखना भी और गोल बनाना भी रहा, एक लाईन में एक अंक
पैदल ही गये और आये ।
77/R mirpara road ashirbad bawan Liluah
51/9 कुमार पाड़ा लेन लिलुआ हावड़ा
33/91 बेलगछिया रोड़ , लिलुआ , दिए 
इंक़लाब न्यूज़, मुंबई  ,      रोशन कुमार झा
हावड़ा , कोलकाता , पश्चिम बंगाल
दिनांक :- 19/09/2020
दिन :- शनिवार

शिक्षा व्यवस्था उतर पड़े अपनी राह पर

कोरोना काल कोविड - 19 के बाद अब कहीं शिक्षा व्यवस्था उतर पड़े अपनी राह पर , ( इग्नू ) इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली , क्षेत्रीय केंद्र कोलकाता के परीक्षा केंद्र हावड़ा श्री जैन विद्यालय में आज शनिवार 19 सितंबर को‌ कोरोना के कारण सैनिटाइजर करने व सभी परीक्षार्थियों को मास्क देने के बाद ही परीक्षार्थियों को परीक्षा कक्ष में जाने दिया गया , परीक्षा दो पारी में की गई , सुबह दस बजे से और दोपहर दो बजे से परीक्षा कोरोना को ध्यान में रखते हुए दूरी बनाकर की गई ।

30 परीक्षार्थी, Room no :- 306
Recipient name :- Rajan Kumar Jha
Father name :- Shreestu jha
77/ R , Mirpara Road,  Ashirbad bawan , Liluah
 Howrah - 711204 , West Bengal
Mob no :- 9875332928 #RaysOfHope
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Roshan Kumar Jha

कविता :- 17(53) , हिन्दी, नमन 🙏 :- 
तिथि :- 13/09/2020, दिवस :- रविवार , विधा :-  कविता

नारी तुझे सलाम ,साझा काव्य संग्रह के लिए कविता - 
विषय :-  हम नारी की शक्ति अपरंपार है ।

हम नारी , हमें नारी शक्ति स्वीकार है ,
तनु वक्ष स्थल से रानी बनने की विचार है ,
पूजा पाठ, धर्म कर्म की ख़्याल है ,
जहाँ ज्योति वहां रोशन ही रोशन
कहीं न अंधकार है ,
अंधकार दूर करने वालें हम नारी , और
हमारी शक्ति अपरम्पार है ।।

प्रकाश फैलाने वाले हैं हम दीपक ,
तब हम नारी के लिए अख़बार है ।।
परिवार का जन्मदिन ही हमारी त्योहार है ,
तब हम नारियों पर टिका हुआ
बिहार न बंगाल, यह संसार है ,
सच में हम नारियों की शक्ति अपरंपार है ।।

दया, प्रेम ही हमारी व्यवहार है ,
हम नारी , तब ये घर परिवार है ।
प्रमाण तो हज़ार है ,
घर परिवार की भार है ,
तब भी हमेशा मुस्कुराते रहते ,
यही हमारी अर्जित किया हुआ संस्कार है ,
आज हर क्षेत्र में हम नारी,
इसीलिए तो हम नारियों की शक्ति अपरंपार ।

✍️  पूजा गुप्ता
✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार, 
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा, राष्ट्रीय सेवा योजना
मो :-6290640716
आज पहली बार बिहार के समाचार पत्र में आएं, बंगाल कविता से 04/09/2016, , रविवार को, रेलगाड़ी , समज्ञा, फिर भारत एक नज़र, 07/12/2015 , सोमवार पहला रचना प्रभात खबर कोलकाता में घर को बनाये प्राथमिक शिक्षा का केंद्र, रविवार 13/09/2020 , आज मोनू जन्मदिन ,घर में  खाना, हम ,D.k, रोशन, हर्ष कलम बोलती है से सक्रिय लेखक सम्मान, इंक़लाब से काव्य क्रांति सम्मान , हरा नया रंग में , क्रमांक :- 466, 473 , गौतम भारद्वाज,13 प्रमाण पत्र - R.K.college, मेरा नहीं आज , इंक़लाब पत्रिका नारीशक्ति ,नारी तुझे सलाम ,साझा काव्य संग्रह के लिए कविता - शीर्षक :- मैं एक नारी हूँ , कविता :- 17(46) शीर्षक :- स्वदेशी, मंगलवार कविता :- 17(48) 
आज भी रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में काम
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Roshan Kumar Jha

कविता :- 17(52) , हिन्दी

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 12/09/2020
दिवस :- शनिवार
विषय :-  साहित्य संगम दिग्दर्शिका 
विधा :-  समीक्षा
प्रदाता :- साहित्य संगम संस्थान
विषय प्रवर्तन :- आ. छाया सक्सेना प्रभु  जी 

साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित साहित्य संगम दिग्दर्शिका में नव व प्रसिद्ध रचनाकारों के जीवन परिचय उनके द्वारा किए गए साहित्य सेवा, उनकी संघर्ष से जुड़ी जानकारी इस साहित्य संगम दिग्दर्शिका पुस्तिका में उपलब्ध है , आदरणीय डॉ.राकेश सक्सेना गुरु जी व अध्यक्ष महोदय आदरणीय राजवीर जी के सहयोग से इसे पुस्तक का रूप दिया गया, साहित्य संगम दिग्दर्शिका पुस्तिका को पढ़ने के बाद ये पता चला की आज भी लोग अपने काम के साथ साथ साहित्य सेवा में योगदान दे रहे है, विद्यार्थियों से लेकर बड़े बड़े पदों पर रहने वाले साहित्य प्रेमी अपनी रचनाओं से साहित्य की सेवा कर रहे हैं , साहित्य संगम संस्थान दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं , जिसमें साहित्य संगम संस्थान के अधिकारियों एवं साहित्यकारों योगदान दें रहे हैं , पूरे भारतवर्ष में साहित्य संगम संस्थान के कई ईकाई बनकर साहित्य की सेवा करते हुए , साहित्यकारों से साहित्य की सेवा करवां रहें हैं, साहित्य संगम दिग्दर्शिका पुस्तिका पाठकों से कहीं ज़्यादा हम रचनाकारों की जरूरत है ताकि हम पढ़कर एक दूसरे साहित्यकार को जान सकें, साहित्य संगम दिग्दर्शिका पुस्तिका हम सभी पाठकों व रचनाकारों के समक्ष रखने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सादर प्रणाम सह सादर आभार साहित्य संगम संस्थान का ।

✍️          रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार, 
मो :-6290640716
साहित्य संगम संस्थान , उत्तर प्रदेश ईकाई मासिक पत्रिका के लिए , हम होंगे क़ामयाब , कविता :- 17(51) , कलम बोलती
इंक़लाब न्यूज़  , मुंबई  ,रोशन कुमार झा 12/09/2020 , शनिवार, साहित्य संगम संस्थान बोली विकास मंच से क्षेत्रीय बोली संवर्द्धक सम्मान, 
दिनांक :- 14/08/2020 , शुक्रवार, कविता :- 17(22) , सुवासित पत्रिका सितंबर-2020, वह अब हैं न मेरी दिवानी ।
 कविता  :- 14(85), शनिवार , 04-01-2020 ,  11:20 
( बेबी साह :- कविता :- 17(35) , , बुधवार ,26/08/2020 
विषय :- जीत ही जायेंगे ) , ( मिंटू यादव भईया जी :- कविता :- 16(47) ,  कलम ✍️ बोलती है , क्रमांक :-141 शनिवार , 30-05-2020- उम्मीद का दामन थाम के )
आज रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में काम एक सोहनलाल की आयी , पूजा गुप्ता कविता :- इंक़लाब पत्रिका नारीशक्ति ,नारी तुझे सलाम ,साझा काव्य संग्रह के लिए कविता - शीर्षक :- मैं एक नारी हूँ , कविता :- 17(46)
शीर्षक :- स्वदेशी, मंगलवार कविता :- 17(48) हिन्दी
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान, 08/09/2020
आज शनिवार ,12/09/2020, कविता :- 17(52) 
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Roshan Kumar Jha

कविता :- 17(51) , हिन्दी

नमन 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह 
विषय क्रमांक :- 201
दिनांक :- 11/09/2020
दिवस :-  शुक्रवार
विधा :- कविता
शीर्षक :- हम होंगे क़ामयाब
संचालक :- आ. गौतम सिंह " अनजान " जी 

मेरी पूजा न पर राह खुला हो इसलिए चलते है ,
हम होंगे क़ामयाब इसलिए दीपक की तरह जलते हैं ।
प्यासा बुझाना आता , इसलिए बर्फ़ की तरह पिघलते है ,
हार से नहीं , हम तो यूं ही वक्त से डरते हैं ।।

हम होंगे क़ामयाब ये उम्मीद लेकर चलते है ,
दिन रात संघर्ष से लड़ते है ।।
बीते वक्त पर नहीं मरते है ,
खुशियां बांटकर, खुद ज़ख्म भरते है ।।

आगे बढ़ना आता , किसी के पीछे नहीं पड़ते है ,
इसीलिए तो दिन रात उभरते हैं ।
हम होंगे कामयाब ये बात मन में लेकर चलते है ,
अंधकार में यूं रोशन करते हैं ।।

✍️          रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार, 
मो :-6290640716
द्वितीय स्थान 750 कविता :- 17(27)- 18/08/2020
दिन :- मंगलवार,  कविता ,अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस, 2020 "वैश्विक कार्यों में युवाओं की भागीदारी के युवा संकल्प के उपलक्ष्य में बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा  निम्न प्रतियोगिता में, आज और कल शनिवार बंगाल में लॉकडाउन, नहीं गए रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में नहीं गए, दीपक पूजा शादी छपरा में होने वाला फोटो भेजी , कहानी:- 17(49), अर्चना 17(50) तनु ,आज मैथिली कविता पर 16(21) पर साहित्य संगम संस्थान, नई दिल्ली से क्षेत्रीय बोली संवर्द्धक सम्मान से सम्मानित
कविता:- 16(21)   मैथिली  ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
06-05-2020  बुधवार 07:07 , आज कविता :- 17(46)
06/09/2020 रविवार #raindrops
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Roshan Kumar Jha

कविता :- 17(49) , हिन्दी

नमन 🙏 :- 
तिथि :- 09/09/2020
दिवस :- बुधवार
विधा :- कहानी
विषय :- कुछ सीखें बातों बातों से ! 

कोरोना काल से दस साल पहले दो हज़ार नौ , दस की बात है
, जब गंगाराम अपने गाँव झोंझी के राजकीय प्राथमिक विद्यालय से पाँचवी पढ़कर बग़ल के गांव के राजकीय मध्य विद्यालय नरही में छठवीं कक्षा में नामांकन करवाया रहा, वह अपने दोस्त व भानजा मुकेश के साथ अपने अपने साईकिल से विद्यालय एक साथ ही आते  जाते ,श्री सच्चिदानंद झा जी उस वक़्त उस विद्यालय के प्रधानाध्यापक पद पर रहें  , नाटा होने के कारण लोग उन्हें भुतवा सर कहकर पुकारते , उस समय टिफ़िन के समय विद्यार्थियों अपने अपने बस्ता लेकर घर चलें जाते फिर खाना खाकर आते, कितने तो टिफ़िन के बाद आते ही नहीं, और जो आते नहीं उनका मार्ग रोशन से अंधकार हो जाते, और जब वह अगले दिन विद्यालय आते या तो प्रधानाध्यापक जी नहीं तो कक्षा अध्यापक महफूज सर जी वह इलाज़ करते की, फिर से टिफ़िन के बाद आना ही आना पड़ता , दुर्गा पूजा की छुट्टी से पहले एक दिन अर्चना  टिफ़िन के समय गंगाराम के सामने आकर ऊँगली दिखाकर पूछी कि तुम्हारा ,, टाईटल क्या है, यूँ मैथिली भाषा में पूछी रही ... कि तोहर टाईटल की छोअ , गंगाराम को लगा कि हमसे पूछ रही है कि मेरी प्रेमिका कौन है, गंगाराम क्या खुश हो गया नदी के निर्मल जल से सागर की ओर एक ही बार में चला गया , फिर उत्तर दिया ,कीछो नैय मतलब कोई न ।  आरती , चाँदनी, छोटी , ज्योति, पूजा ,दीक्षा, दीप्ती, श्वेता, बबली , मिली, मनीषा व अपने सहेलियों के साथ अर्चना विद्यालय के बगल वाले आम के बग़ीचे में खेलने चली गई , और गंगाराम अपने मित्र मुकेश के पास आया और बोला, जानैय छीही अर्चुआ हमरा स्अ पूछलक कि तोहर टाईटल की छोउ, हम कहलियै कीयो नैय ,तब मुकेश हँसते हुए बोला अरे तोहरा सऽ पूछलको तोहर जाति की छोअ , गंगाराम बोला अच्छा भाई उसे यह पता न जब कक्षा में हाज़िरी होता है 93 ( तिरानवे ) के बाद क्रमांक 94 ( चौरानवे ) जो झा है तो उसे पता न कि हम ब्राह्मण हैं हद है , तब से गंगाराम को जब भी टाईटल की बात याद आते तो उसे अपने दोस्त मुकेश और चमकीले आँखों वाली अर्चना की याद आ जाते, ये सीख उन्हें इन्हीं दोनों के सहयोग से प्राप्त हुआ रहा, जब भी कोई रचना लिखने से पहले रचना का शीर्षक गंगाराम देता है तो वह अपने आप को शर्मिंदा महसूस करता हैं, कि एक वक्त पता न था कि टाईटल , शीर्षक क्या होता है और आज प्रत्येक दिन ही कोई न कोई शीर्षक पर कुछ न कुछ यूँ ही लिख लेते हैं, सब माँ सरस्वती की दया प्रेम और आशीर्वाद है, और उसे वह अनमोल पल याद आ जाता है, जब अर्चना पूछी रही तुम्हारा टाईटल ( Title ) क्या है, क्या वह ज़िन्दगी थी  ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार, 
मो :- 6290640716
रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में काम दो लड़का एक महिला आयी रही , इंक़लाब न्यूज़ में ब्लॉगर चलाना सागर सर
77/R mirpara road ashirbad bawan Liluah Howrah #allalone
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Roshan Kumar Jha

कविता :- 17(48) हिन्दी

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 08/09/2020
दिवस :- मंगलवार
विधा :- छंद
विषय :- स्वदेशी 
विषय प्रदाता :- आ. निरुपमा जी
विषय प्रवर्तन :- आ. ज्योति मिश्रा जी

आत्मनिर्भर भारत बनने की चल रही है तैयारी ,
साथ देंगे हम नर और नारी ,
भारतीय मिट्टी के ही बनें दीया से मनाएंगे
काली पूजा और दिवाली ।
स्वदेशी अपनाना है , अपनाने की विधि है जारी ।।


अंधकार में रोशन हो ,है ये विचार हमारी ,
विदेशी वस्तु का बहिष्कार करेंगे ,
क्योंकि बाहर से ही तो आया ये कोरोना बीमारी ।।
हर वक़्त आराम के बाद काम करेंगे , रहेंगे न खाली ,
स्वदेशी अपनाओ ये है हम सब की ज़िम्मेदारी ।।

बाद में कोई , पहले खुद की है बारी ,
अपनाओ यारों विदेशी न , स्वदेशी गाड़ी ।।
ताकि खिलता हुआ नज़र आएं हर कहीं हरियाली ,
तब स्वदेशी अपनाकर दिखाओं यारों 
अपनी - अपनी समझदारी ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार, 
मो :- 6290640716
आज 500 लिए 75 देना है एक दिन -150 लिए रहें , 2 duty रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में ,
कविता :- 11(37) , शीर्षक:- भक्त हूँ वीर हनुमान का । :-
" संगम सवेरा"- मासिक ई पत्रिका अक्टूबर 2020 अंक 
77/R मीरपाड़ा रोड़ आशीर्वाद भवन लिलुआ हावड़ा #HindiDiwas2020
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Roshan Kumar Jha

कविता :- 17(47) 

नमन 🙏 :- कलम बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :- 199
दिनांक :- 07/09/2020
दिवस :- सोमवार
विधा :- वर्ण पिरामिड
विषय :-   अनुशासन
संचालक :- आ. सुषमा शर्मा जी

यूं
हम
रोशन 
पूजा पाठ
अनुशासन 
से ग़म सहते 
सहते , बूढ़ा हुए ,

तो 
क्या 
अभी ही
तो यूं किसी
से हम वैसे
अपने आप से
ही तो यूं जुदा हुए ।।

वे 
नहीं 
एकता
और दया
अनुशासन
से ही तो कोई भी
बड़े - बड़े योद्धा हुए ।।


✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार, 
मो :-6290640716

ग़म सहते - सहते , हम बूढ़ा हुए ,
तभी तो यूँ , तुम से जुदा हुए ।।
😭😭😭😭😭😭😭
साहित्य संगम संस्थान , राजस्थान, कविता : - 17(40)
नमन 🙏 :- राष्ट्रीय अग्रसर पत्रिका, अंक -24 के लिए रचना --
-: 19 वीं बंगाल बटालियन सी.ए. टी. सी-15 की रचना !:-
सितंबर माह की प्रथम लॉकडाउन बंगाल में , इंक़लाब न्यूज़
*शिक्षकों के सम्मान में साहित्य संगम संस्थान में ऑनलाइन वीडियो कवि सम्मेलन सम्पन्न* पूजा से गौतम बात करवाया , फोन पर शपथ देकर , मिंटू भाईया भी ,
आज लाइट हटाकर फेसबुक डाउनलोड किए, वीडियो , कविता:- 16(21)   मैथिली, इंक़लाब कुछ कर जाऊं, कविता  :-  14(89)  , नव वर्ष हमारा पर्व नहीं   !:-
आज लॉक डाउन में रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में काम में आएं अकेले ,
77/R mirpara road ashirbad bawan Liluah #teachersday2020
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Roshan Kumar Jha

कविता:- 16(21)   मैथिली  ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
06-05-2020  बुधवार 07:07 , आज कविता :- 17(46)
06/09/2020 रविवार


माँ सरस्वती, साहित्य संगम संस्थान बोली विकास मंच को नमन 🙏 करते हुए , आप सभी गुरुजनों सह देवियों को सादर प्रणाम 🙏 , मैं रोशन कुमार झा , मधुबनी से अपनी स्वरचित कविता सुनाने जा रहें हैं, कविता मैथिली भाषा में वर्णित है, मैथिली भाषा उत्तर बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है । आबूं नैई लेकिन कोरोना भगाबूं  मेरा कविता का शीर्षक है ।

-: 🙏   आबूं नैई लेकिन कोरोना भगाबूं  !  🙏:-

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 06/09/2020
https://www.inkalabhindi.com/2020/09/blog-post_15.html?m=1
दिवस :- रविवार
भाषा :- मैथिली
-: 🙏   आबूं नैई लेकिन कोरोना भगाबूं  !  🙏:-

घर सऽ बाहर नैई आबू  ,
घर पर रैही कऽ कोरोना भगाबूं !
हम रोशन के विनीत अछि कि माधव के गुण गाबूं  ,
अखन घोरे पर रहूं अहाँ सभ भैया आर बाबू !

मिल कऽ सोब गोटा बदलाव लाबूं ,
एखन घोरे पर रहि कऽ , नैइ कमाबू !
एक नीक आदमी के फ़र्ज़ निभाबूं ,
कोरोना मुक्त मिथिला के साथ  कोरोना मुक्त भारत बनाबूं !!

केतक अछि अहाँ के क़ाबू ,
ओऽ सऽ अहाँ कोरोना भगाबूं !
घोरे पर रहि कऽ इअ महीना बीताबू ,
कोरोना के हरा कऽ अपन भारत जीताबू !!

दुख तक़लीफ़ सैह कऽ नीक दिन लाबू ,
केअ अपने लोगेन भईया आर बाबू !
बाहर जेअ के जे इच्छा अछि होअ दबाबू ,
कोरोना भगा कऽ फेर सँ ओहि दिन के सुख पाबू !!


 ✍️    रोशन कुमार झा 
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार 
मो :- 6290640716
यह रचना मैथिली भाषा में रचित स्वरचित, मौलिक कविता है,
 4 महीने पहले की कविता, वीडियो :- 2:15
77/R mirpara road ashirbad bawan Liluah
कविता :- 17(41) , बंगाली , आज चयनित - 10 पर
दिनांक :- 01/09/2020 , दिवस :- मंगलवार #teachersday2020
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