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rajatrajput9683
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RAJAT RAJPUT

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RAJAT RAJPUT

HAPPY INTERNATIONAL MEN'S DAY ❤️

🌿देखा है मैंने कितनों को,
इस पुरुषत्व का बोझ ढोते
मन मार कर जीते और,
चुपचाप आँसुओं का घूंट पीते।

हकीक़त की चाबुक से,
रोज मार खाते हुए सपने;
रोज रोटी के जुगाड़ से,
जुड़े सारे रिश्ते अपने;
व्यवहार से सिर्फ नहीं जुड़ा होता अपनत्व
रुपयों में तौला जाता है व्यक्तित्व,
क्योंकि पुरुष है वो।

प्रेम करते हैं लेकिन
भावनाओं को व्यक्त
करने से डरते हैं,
तो कायर हैं वो
क्योंकि पुरुष हैं वो।

टूटकर रोना चाहते हैं,
पर नहीं, वह रो नहीं सकते;
रोते तो कमजोर हैं और 
पुरुष कमज़ोर हो नहीं सकते 
क्योंकि पुरुष हैं  वो।

स्त्री होना कठिन है तो
पुरुष होना भी कहां आसान है ?
ज़िन्दगी भेदभाव नहीं करती,
बिना तकलीफों के किसी के संग नहीं चलती।

प्रतिस्पर्धी नहीं, पूरक हैं वो
क्योंकि पुरुष हैं वो।🌿

©RAJAT RAJPUT poem

#chaand
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RAJAT RAJPUT

के.....मैं एक आजाद परिंदा हूं 
मुझ पर बेवजह की पाबंदियां ना डाल , 

गर खामोश हूं मैं तो चुप तू भी रह........ 
 ललकार कर मेरी खामोशी को यूं बवाल ना पाल ...... 
 
खामोशियों ने तोड़ा मौन जो, तो रहेगा तेरा कुछ भी नहीं, 
मसला बन जाएगा खामखाह यूं सवाल पर सवाल ना डाल, 

के किरदार गर खुद के दागदार हों.......
तो दूसरों पर कीचड़ नहीं उछालते, 
 मशवरा हमारा गर मानो तो......
समझदारी से काम लो...... 
समुद्र शांत समझ कर तू खतरे में हाथ ना डाल 

वक्त नहीं लगता यहाँ सल्तनत पलटने में, 
के काफिले को देखकर तू इस कदर  गुमां भी ना पाल, 

हमने देखे हैं लोगों के खुदा बदलते हुए, 
के इन बदलते लोगों में है कोई तेरा अपना ये वहम तू दिल से  निकाल

आइना हूं मैं "अनु"मुझसे फरेब नहीं छिपेगा, 
के  मिलना है अगर सच में खुद से तुझे ....... 
तो  चेहरे पर यूं नकाब ना डाल |

©RAJAT RAJPUT life
#Friend
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RAJAT RAJPUT

"और जब लगातार मिलने वाली असफलताओं से डिग्रियाँ निरर्थक नजर आने लगती है, जब परीक्षा के साथ बढ़ती हुई उम्र और जिम्मेदारियों का बोझ मन में डर बढ़ाता जाता है,

जब हर रात आप घर के हालात. फोन पर सुनते हो तो मन बेचैन हो जाता है,

जब तुम हर वक्त खुद को कोसा करते हो, सुनो, ऐसे में भी जिन्दगी शुरू की जा सकती है, तुम किसी एक लक्ष्य को चुनो, सफलता का माध्यम महज नौकरी नहीं है, तुम किसी भी Field में अच्छा करो, ध्यान रखो, तुम उम्मीद हो, अपनों की, मैंने 'पढ़ा है-विपरीत परिस्थितियों में कुछ लोग टूट जाते हैं, कुछ रिकार्ड तोड़ते हैं तुम्हें रिकार्ड तोड़ना है।

©RAJAT RAJPUT motivational

#diary
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RAJAT RAJPUT

क्या सत्य है,क्या मिथ्य है, समझ नहीं कुछ पड़ता है,
तेरी कृति से प्रकृति, मन आज  बहुत  ही  डरता  है।
After studying #Wave_optics
It's no matter for me
 about solving problems

 and assumptions but what is actual reality...

©RAJAT RAJPUT #Walk
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RAJAT RAJPUT

बदलाव:एक सच

जब भी जीवन में कोई बदलाव आता है उस वक्त इंसान की मानसिक स्थिति दबाव में आ जाती है |वास्तव में हमें डर होता है कि कहीं हम इस बदलाव में किसी विपरीत परिस्थिति का वाहक ना बन जाएं और हम अपनी वर्तमान सफलता से हाथ ना धो बैठे| पर यह सोचना जरूरी है कि हमारे विचारों की तरह दुनिया में हर चीज बदलती है| फिर चाहे हम अपनी तरह से इस परिवर्तन को रोकने की कितनी भी कोशिश करें| इसलिए अपने पर नियंत्रण रखने के लिए अपनी कल्पना शक्ति को जागृत करें| कहा जाता है कि मस्तिष्क और कल्पना शक्ति की ताकत से आप जीवन में जो चाहते हैं प्राप्त कर सकते हैं| असल में कल्पना शक्ति आकर्षण के सिद्धांत की तरह काम करती है |कल्पना शक्ति से भी आप परिस्थितियों को अपने अनुकूल बना सकते हैं और जीवन में मनचाहे बदलाव कर सकते हैं|
           परिवर्तन के अवसर को आप के कल्याण के लिए ईश्वर द्वारा भेजा गया पुरस्कार समझ के हमेशा याद रखिए कि ईश्वर आपका अच्छा ही चाहते हैं| और आपका ध्यान भी उन्हें ही रखना है इसलिए जीवन के बदलाव को सरलता से अपनाएं|

©RAJAT RAJPUT #Butterfly
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RAJAT RAJPUT

हम सब खुद को व्यस्त रखते है सुख की तलाश में, दूसरों का दुःख नहीं समझते, मुश्किल में दूसरों का साथी नहीं बनना चाहते। अपना दर्द दूसरों को सुनाना अच्छा लगता है पर दूसरों का दर्द सुनने की फुर्सत नहीं है।

दरअसल, मुस्कान जितनी खूबसूरत होती है, दर्द उतना ही खतरनाक होता है। हम वो लोग नहीं समझते जो जरा से नाराज हो जाते हैं। शब्दों में कोई नहीं है.. "खून जितना गर्म होता है, व्यक्ति का दिल उतना ही नरम होता है। "हम केवल बाहरी क्रोध को देखते हैं, लेकिन भीतर की स्थिति को नहीं समझते। जिस तरह से हम लोगों को अपनी आँखों से देखते हैं, उसी तरह से हम उन्हें जज करते हैं।

लेकिन इसमें जिंदगी की सैकड़ों कहानियाँ छिपी होती हैं, जिन्हें हम कभी समझ नहीं पाते। लापरवाही में सब कुछ अंजान रह जाता है।

रजत राजपूत

©RAJAT RAJPUT #SunSet
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RAJAT RAJPUT

अगर करना हो पुण्य का काम,
 देरी न करिये, कीजिये रक्तदान।...!
" "रक्तदान है जीवनदान, यह बचाए दुसरे के प्राण...!
" "आपके 20 मिनट का रक्तदान, किसी के लिए है 
जीवनदान...!" 
"जो अन्न दे वह अन्नदाता, जो धन दे वह धनदाता, 
जो विद्या दे वह विद्यादाता, 
पर जो रक्त दे वह जीवनदाता...!

©RAJAT RAJPUT #Nature
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RAJAT RAJPUT

भगत सिंह का अंतिम पत्र  22 मार्च,1931

साथियो,
स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, मैं इसे छिपाना नहीं चाहता. लेकिन मैं एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ, कि मैं क़ैद होकर या पाबंद होकर जीना नहीं चाहता.

मेरा नाम हिंदुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊँचा उठा दिया है - इतना ऊँचा कि जीवित रहने की स्थिति में इससे ऊँचा मैं हर्गिज़ नहीं हो सकता.

आज मेरी कमज़ोरियाँ जनता के सामने नहीं हैं. अगर मैं फाँसी से बच गया तो वो ज़ाहिर हो जाएँगी और क्रांति का प्रतीक-चिन्ह मद्धिम पड़ जाएगा या संभवतः मिट ही जाए. लेकिन दिलेराना ढंग से हँसते-हँसते मेरे फाँसी चढ़ने की सूरत में हिंदुस्तानी माताएँ अपने बच्चों के भगत सिंह बनने की आरज़ू किया करेंगी और देश की आज़ादी के लिए कुर्बानी देनेवालों की तादाद इतनी बढ़ जाएगी कि क्रांति को रोकना साम्राज्यवाद या तमाम शैतानी शक्तियों के बूते की बात नहीं रहेगी.

हाँ, एक विचार आज भी मेरे मन में आता है कि देश और मानवता के लिए जो कुछ करने की हसरतें मेरे दिल में थी, उनका हजारवाँ भाग भी पूरा नहीं कर सका. अगर स्वतंत्र, ज़िंदा रह सकता तब शायद इन्हें पूरा करने का अवसर मिलता और मैं अपनी हसरतें पूरी कर सकता.

इसके सिवाय मेरे मन में कभी कोई लालच फाँसी से बचे रहने का नहीं आया. मुझसे अधिक सौभाग्यशाली कौन होगा? आजकल मुझे ख़ुद पर बहुत गर्व है. अब तो बड़ी बेताबी से अंतिम परीक्षा का इंतज़ार है. कामना है कि यह और नज़दीक हो जाए.

आपका साथी,
भगत सिंह

©RAJAT RAJPUT #WritersSpecial
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RAJAT RAJPUT

उलझे ख्वाबो में, 
जिद का थोड़ा स्वाद हूं
सब गगन में कैद है, 
मैं पिंजरे में आजाद हूं...

©RAJAT RAJPUT #BookLife
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RAJAT RAJPUT

प्यास को नहीं पता है कि जल नल का है या नदी का
उसे तो बस प्यास का पता है
लेकिन कुछ लोग नल और नदी में आरोपित कर भेद
मारने की कोशिश करते हैं प्यास
पर अधिक देर मार नहीं पाते हैं
अंत में प्यास उन्हें ही मार जाती है
समझ नहीं आता है कि तब भी ऐसे
 लोगों को अक़्ल क्यों नहीं आती है

©RAJAT RAJPUT #safar
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