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संगीत कुमार

government

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संगीत कुमार

White असगर असगर हम रहै छी
मन अहां खूब परै छी
अमहर देखी ओमहर देखी
मुदा हमरा किछु नै देखाई य

अहांक मुस्कान याद परैय
अहांक ओठक लाली नै देखा रह य
हमरा अहांक झगड़ा खुब मन परै य
अब त बुझु सबटा शांत भेल य

घर लगैय बौक भेल य
किछु नै आब सुना रहल य
बुझु सबटा स्थिर भेल य
अब नै हमरा मन लगै य

अहां छलौ संग त घर झण झण करै छल
जना बुझु फूलक सुगंध बहै छल
सरिता रूपी नीर अंगना म अबै छल
अब बुझु फुल मुरझा रहल य

असगर असगर हम रहै छी 
मन अहां खूब परै छी

©संगीत कुमार #sad_quotes
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संगीत कुमार

नेह निहारे स्वप्न सजाये।
सखी कब तुम आओगी।। 
अपनी बाते तुझे बताऊ। 
प्रेम रस कब लाओगी।। 
नेह निहारे स्वप्न सजाये। 
आँखों की पलको पे सजाऊ। 
मिलने अब कब आओगी।। 
बीती बाते फिर,कब हमे बताओगी। 
साथ फिर कब तू आओगी।। 
नेह निहारे स्वप्न सजाये। 
प्रेम रस उर में संजोये। 
गले कब लग जाओगी।। 
हाथ में हाथ रखे। 
प्रेम पथ पर कब आओगी।। 
नेह निहारे स्वप्न सजाये। 
नेह का दीप जलाये। 
तिमिर कब मिटाओगी।। 
प्रेम रस का अलख जगाने। 
फिर मिलने कब आओगी।। 
नेह निहारे स्वप्न सजाये।

प्यार की ज्योति जलाये। 
तुझे हम दिल से पुकारे।।
स्पर्श कब हो पाओगी। 
आओ फिर प्रेम का दीपक जलाये।।
नेह निहारे स्वप्न सजाये। 

जीवन मे सूर्य की प्रभा बिखरे। 
पूनम की चमक सजाये।। 
अंधेरे में तू दीप जलाने। 
प्रेम जगाने जो आओगी।। 
नेह निहारे स्वप्न सजाये।

©संगीत कुमार #Love
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संगीत कुमार

आया बसंत रंग चढने लगा
प्रेम का परवान आगे बढने लगा
प्रेमिका प्रेमी संग चहकने लगी
मधुर मधुर बयार बहने लगी

सजधज राह निहारने लगी
अधरों पे लाली दिखने लगा
चेहरे पे मुस्कान खिलने लगा
अलक पे गजरा महंकने लगा

फूलों से घर आंगन सजानें लगा
सुगंध की बयार बन हिया में बहने लगी
बसंत तो मन में उतरने लगा
चहुंओर प्रेम धुन गुंजने लगा

आया बसंत रंग चढने लगा
प्रेम का परवान चढने लगा

©संगीत कुमार #lovebirds
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संगीत कुमार

ऐ खिल के मेरे मन की गुलाब तू बन जा।
ख्वाबो की एहसास बन दिल में तू आ जा।।
स्वप्न में तू रूप की मलिका बन आ जा।
फूलों की गंध बन नींदों में समा जा।।
ऐ खिल के मेरे मन की गुलाब तू बन जा।
फूलों की कलियाँ बन गले से लग जा।
सुगंध की बयार बन मन में बहा जा।।
प्रेम की झड़ी चित्त से लगा जा।
हीया से लग जा तन में समा जा।।
ऐ खिल के मेरे मन की गुलाब तू बन जा।
नयनों की चमक बन तू स्वप्नो में आ जा।
स्नेह की लहर बन उर से लगा जा।।
दिल के करीब आ तू बाँहों में आ जा।
सरिता की नीर बन मेरे आँगन तू आ जा।।
ऐ खिल के मेरे मन की गुलाब तू बन जा।
प्रेमों की मंजरी बन मंजर तू खिला जा।
नये नये कोपल बन ह्रदय से लग जा।।
कोयल की कूक बन मन को तू भा जा।
आ जा प्राणों में आ जा कलेजा में समा जा।।
ऐ खिल के मेरे मन की गुलाब तू बन जा।

©संगीत कुमार #roseday
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संगीत कुमार

White श्रृंगार में खूब दिखती हो। 
श्रृंगार की तू अवतारी हो।। 
मृगनयनी, सजनी लगती हो। 
कुसुम की तरह तू मन में खिलती हो।। 
श्रृंगार में खूब दिखती हो। 

श्रृंगार में क्या लगती हो। 
रूप तेरा जो गोरा है।। 
जोवन क्या तू महकाती हो। 
मन में  क्या खूब भाती  हो।।
श्रृंगार में खूब दिखती हो। 

 रूप तेरा जो गोरा है। 
 चेहरा तेरा क्या चमकीला है।।  
ओंठों में लाली छायी है। 
कंठ की क्या मधुर वाणी है।। 
श्रृंगार में खूब दिखती हो। 

आँखों की काजल क्या चुभती है। 
माथे की बिंदी क्या खिलती है।। 
लम्बी -लम्बी जुल्फें क्या लहराती है। 
कानों की बाली क्या खूब दिखती है।। 
श्रृंगार में क्या खूब दिखती हो। 

हाथों की चूरी क्या खूब खनकती है। 
पैरों की पायल क्या छनकती है।। 
बालों का गजरा क्या खूब गमकता है। 
मन में मेरे झनकार सी उठती है।। 
श्रृंगार में खूब दिखती हो। 

घर को खूब सजाती हो। 
मन को क्या खूब भाती हो।।
 दिल में जो तुम बसती हो।
अपना रंग बिखेरती हो।। 
श्रृंगार में खूब दिखती हो। 
तुझे क्या खूब निहारा हूँ। 
अपने बाँहों से लगाया हूँ।। 
तेरे प्यार में  ही तो जीता हूँ। 
रग-रग में   तू  ही तो समायी हो।। 
श्रृंगार में क्या खूब दिखती हो। 
क्या दिव्य तेरा मुखरा है। 
नैनों में  मेरे  दिखती है।। 
प्राणों में तू रहती है। 
संगीत  मन में समायी है।। 
श्रृंगार में खूब दिखती हो।

©संगीत कुमार #love_shayari
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संगीत कुमार

(प्राणप्रिया)
चंचल मन तू चंचला प्रिया।
पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।।
दिव्यस्वरुपनी  तू दिव्या प्रिया।
चंचल मन तू चंचला प्रिया ।।

रमा-रूपी तू कांता प्रिया।
हरिप्रिया  तू प्राण प्रिया।।
श्रृंगार -रूपी तू दारा प्रिया।
चंचल मन तू चंचला प्रिया।

अपूर्व (तनय) की तू जननी प्रिया।
घर की तु पद्मा प्रिया।।
उपवन की तू कुसुम  प्रिया
चंचल मन तू चंचला प्रिया।।

आलय की तू वामा प्रिया ।
सुख-दुख की तू छवि प्रिया।।
आँगन की तू आह्लाद प्रिया ।
चंचल मन तू चंचला प्रिया ।।

आकांक्षा की तू मयूख प्रिया।
समृद्धि की तू लक्ष्मी प्रिया।।
घरनी तू घरवाली प्रिया।
चंचल मन तू चंचला प्रिया।।

बाग की तू गुल प्रिया।
आँगन की तू शोभा प्रिया।।
परिवार की तू ऐश्वर्य प्रिया।
चंचल मन तू चंचला प्रिया।।

©संगीत कुमार #BirthDay (प्राणप्रिया)
चंचल मन तू चंचला प्रिया।
पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।।
दिव्यस्वरुपनी  तू दिव्या प्रिया।
चंचल मन तू चंचला प्रिया ।।

रमा-रूपी तू कांता प्रिया।
हरिप्रिया  तू प्राण प्रिया।।

#BirthDay (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-रूपी तू कांता प्रिया। हरिप्रिया तू प्राण प्रिया।। #लव

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संगीत कुमार

हिन्दी है हिन्दुस्तान की भाषा
राष्ट्र की भाषा पहचान की भाषा
जन -जन की भाषा गणतंत्र की भाषा
साहित्य की भाषा साहित्यकार की भाषा
आश और विश्वास की भाषा
हिन्दी  तो है देश की भाषा
पढ़ने की भाषा लिखने की भाषा
गीत की भाषा संगीत की भाषा
बोल की भाषा भरोस की भाषा
मातृभाषा वतन की भाषा
कवियों की भाषा लेखक की भाषा
सभी भाषाओं से प्यारी भाषा
माँ की भाषा ममता की भाषा
सबके सम्मान सद्भाव की भाषा
कलह दूर भगाती हिन्दी
प्रेम पास लाती हिन्दी
अपनो में विश्वास दिलाती हिन्दी
संस्कार हमारी  संस्कृति हमारी
पहचान हमारी  भाषा हिन्दी
सब लोगों की भाषा प्यारी हिन्दी
तुलसी कबीर संत महान
सबने दी इसको पहचान
कवि निराला, महादेवी वर्मा
सबने किया हिन्दी का सम्मान
अपनी लिपि अपनी भाषा
सबसे है सिर्फ एक आशा
मिल-जुल कर करे प्रचार
तब होगा मातृभाषा का प्रसार
हिन्दी है हिन्दुस्तान की भाषा
राष्ट्र की भाषा पहचान की भाषा

©संगीत कुमार #Hindidiwas
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संगीत कुमार

हिन्दी है हिन्दुस्तान की भाषा
राष्ट्र की भाषा पहचान की भाषा
जन -जन की भाषा गणतंत्र की भाषा
साहित्य की भाषा साहित्यकार की भाषा
आश और विश्वास की भाषा
हिन्दी  तो है देश की भाषा
पढ़ने की भाषा लिखने की भाषा
गीत की भाषा संगीत की भाषा
बोल की भाषा भरोस की भाषा
मातृभाषा वतन की भाषा
कवियों की भाषा लेखक की भाषा
सभी भाषाओं से प्यारी भाषा
माँ की भाषा ममता की भाषा
सबके सम्मान सद्भाव की भाषा
कलह दूर भगाती हिन्दी
प्रेम पास लाती हिन्दी
अपनो में विश्वास दिलाती हिन्दी
संस्कार हमारी  संस्कृति हमारी
पहचान हमारी  भाषा हिन्दी
सब लोगों की भाषा प्यारी हिन्दी
तुलसी कबीर संत महान
सबने दी इसको पहचान
कवि निराला, महादेवी वर्मा
सबने किया हिन्दी का सम्मान
अपनी लिपि अपनी भाषा
सबसे है सिर्फ एक आशा
मिल-जुल कर करे प्रचार
तब होगा मातृभाषा का प्रसार
हिन्दी है हिन्दुस्तान की भाषा
राष्ट्र की भाषा पहचान की भाषा

©संगीत कुमार #Hindidiwas
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संगीत कुमार

(गणेश वंदना) 
हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। 
शंकर नन्दन पार्वती दुलारे  तुझे मिला प्रथम पूज्य वरदान।। 
कष्टहरण दुखहरण हे प्रभु भगवान। 
हर कार्य आरम्भ करू तेरा नाम सुमिरन करू।। 
हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। 
मोदक लड्डू तुझे अर्पण करू। 
लाल वस्त्र भेट करू दुवी दल चढा वंदन करू।। 
जल तत्व के अधिपति शंकर नन्द भगवान। 
शुभ -लाभ दो रत्न तुम्हारे करते तुझे प्रणाम।। 
हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। 
समुख, एकदंत, विघ्नहरण शंकर पुत्र गणेश। 
हर संस्कार आरम्भ करू प्रथम नाम ले तेरा प्रभु ।। 
हर कार्य श्रीगणेश करू ले गणेश का नाम। 
तेरे प्रतिमा के दर्शन बिन, न शुरू करू कोई काम ।। 
हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन। 
शीश झुकाये जो जन तेरे चरणों मे आये। 
दुःख दारिद्रय सब कष्ट मिटे विनती सुनो भगवान।। 
बुद्धि विधाता सिद्धि के दाता करते तुझे प्रणाम।
एक अनुनय मेरी सुनो कर दो भव का कल्याण।।
हे गणपति गजवदन करते हम शत् शत् नमन।

©संगीत कुमार #ganesha
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संगीत कुमार

(शिक्षक महिमा)
शिक्षक की महिमा क्या गाऊ शिक्षक तो महान हैं 
शिक्षक बिना न कोई शिक्षित हुआ 
हर कोई को मिला उनका वरदान है 
कमजोर मजबूत सब एक समान
सबको देते शिक्षा का दान
शिक्षक की महिमा क्या गाऊ शिक्षक तो महान

हर फूल को सीचने, माली की तरह विद्यालय बैठे हैं 
शिष्य के मन की बात खूब समझते हैं 
तम को दूर भगाते , शिक्षा की ज्योति जलाते हैं 
बच्चों का भविष्य बनाते, शिक्षक तो राष्ट्र निर्माता हैं
शिक्षक की महिमा क्या गाऊ शिक्षक तो महान हैं 

आधुनिक हो या पौराणिक शिक्षक बने शिक्षा के दाता
ज्ञान की बात बताते, शिक्षा की अलख जगाये हैं 
मन से अज्ञानता का डर दूर भगाते
बच्चों के जीवन में ज्ञान का प्रकाश जलाते 
दुनिया में ज्ञान का प्रकाश फैलाते 
शिक्षक की महिमा क्या गाऊ शिक्षक तो महान हैं

©संगीत कुमार #Gurupurnima
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