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sanketbharti7371
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Sanket Bharti

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Sanket Bharti

तुम यूं जो मुस्कुराते हो 
हमें पता है।
ऊपर की बेरुखी दिखाते हो
हमें पता है।
लगा लो लाख चहरों पर नकाब,
 छुप के तुम देखने मुझे आते हो
हमें पता  है । इस ही

इस ही

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Sanket Bharti

वो दिल जला कर 
रोटियां सेंकने को  आते है
हमारे जख्मों पर नमक
 फेंकने को आते है
क्यूं बुरा मानूं उनके आने का मैं 
कम से कम इस बहाने  वो हमें 
देखने तो आते है😉😉 #yqdidi
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Sanket Bharti

माना मेरा दिल तेरा कभी खास न हुआ

हो जाय तेरी हां ,ये भी तो कभी काश न हुआ

जाने कितने न जतन किए होगे, तुझको  मानने के
पर अफसोस तुझे कभी एहसास न हुआ

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Sanket Bharti

जब से हम उनका दीदार कर बैठे,
बुरा हम अपना हाल कर बैठे,
मांगते है दवा खुद ही , जालिम ए दिल से,,
हम भी तो देखो क्या कमाल कर बैठे

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Sanket Bharti

माना इम्तिहान में जो तेरे न हुए हम कामयाब,,,
इसका मतलब ये तो नहीं कि
 छोड़ दे तेरे ख्वाब ,
अभी तो हुआ ही है , 
सुरते इश्क तुमसे
अभी से कहां मेरी हिम्मत देगी जवाब

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Sanket Bharti


छूट न जाए साथ कहीं
इस बात से हम डरते गए।
बिन जाने मंजिल को 
हम उनके चलते गए।
चाहत में बन गए हम कुछ ऐसी शमा
जिसे वो जलाते गए और हम जलते गए

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Sanket Bharti

सर चाप धर राघव ने फिर  एक वार किया।।
अहम शील रावण का क्षण में संहार किया
शिर नोंक लगी, नाभि में 
भूमिलीन अहंकार हुआ 
नीति का अनीति पर 
जग में जय जय कार हुआ
गिरा हुआ लंकेश  धीरे से मुख से बोला 
ज्ञानतुला पर फिर उसने धर्म अधर्म को तोला।
कहा रघुनाथ ने लखन से ,जाओ जाकर ज्ञान लो।
क्यों हुआ परास्त ये बलसाई तुम खुद उससे जान लो
आज्ञा पाकर अग्रज की 
लक्ष्मण सिरहाने हुए खड़े
ज्ञान ले रहे है उससे 
कुछ पल पहले जिससे थे हुए लड़े 
फिर तभी राम ने टोक दिया।
बढ़ते कदमों को रोक दिया।
ज्ञान लेना है तो ,सिर नहीं पांव को जाओ
कर अपने जोड़ कर ,धूप नहीं छांव को जाओ
चरणों फिर वो खड़े हुए ,सुनकर रघुनाथ को
वंदन किया लक्ष्मण ने , जोड़कर अपने हाथ को
 #विजयदशमी #दशहरा
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Sanket Bharti

प्रेम अशक्ति कटु कंटांश उर मेरे धंस रहे है।
विरह वेदना के सौ विष सर्प  मुझको डस रहे है।
झटपटा देख , उनके मोह के  माया जाल में 
दूर तटस्थ खड़े हो कर , वो  हस रहे है ah

ah

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Sanket Bharti

उन्हे लगा की झूठे है हम
बिना बात के उनसे रूठे है हम....
हमारी मुस्कुराहट से
कभी ये अंदाजा नहीं लगता,
की अंदर से कितने टूटे है हम  #yqdidi
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Sanket Bharti

पसंद है हमारी ज़न्नत की हसीन हूर के हूबहू
 ना यक़ीन तो होइए ज़रा आईने के रूबरू ~ #yddidi
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