#समय
किसी का बीता कल है , आज मेरा कल किसी और का होगा ।
कभी अमावस्या की रात सा है कभी सुबह के दिनकर सा होगा।
है ये चक्र सा रुकता नहीं है , चलता रहता है ।
#Poetry
#समय
किसी का बीता कल है , आज मेरा कल किसी और का होगा ।
कभी अमावस्या की रात सा है कभी सुबह के दिनकर सा होगा।
है ये चक्र सा रुकता नहीं है , चलता रहता है ।
#Poetry