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zaniziyaul8508
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Poetry of Ziya

हिंदी, भोजपुरी कवि

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Poetry of Ziya

समय को समय पर समय से समय दिजिए,
समय खुद ही समय बदल देगा।

©Ziyaul Haque #Mic
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Poetry of Ziya

यदि जाहिर ही कर दूं वह दर्द काहे को,
जो समझे ना खामोशी वह हम दर्द काहे को।

©Ziyaul Haque #mukhota
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Poetry of Ziya

दुनियादारी तनाव देती है
और
एकांत सुकून

©Ziyaul Haque
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Poetry of Ziya

संगीत ही जगत है

संगीत ही जगत है #शायरी

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Poetry of Ziya

कुछ दिन पहले हम कुछ दोस्त हुआ करते थे,
एक दूसरे के जिगरी हमदर्द हुआ करते थे। 
नज़र लग गयी किसी की हमारे इस दोस्ताने को, 
माज़ी हुआ, जो मिसालें देते थे लोग कल तक इस ज़माने को। 
आज मैं मुस्लिम बन गया और वह बन गया हिन्दू, 
दोस्ती के बीच जहर घोल गए कुछ राजनीतिक बिन्दु। 
अब कल से लोग हमारी दोस्ती पर उंगलियाँ उठाएंगे, 
हमारी अपनी दोस्ती में भरोसा कम था महफ़िल में इस बात की खिल्लियाँ उड़ाएंगे। 

जियाउल हक #हिन्दू #मुस्लिम #भारत
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Poetry of Ziya

ऐ माता शारदा तू, 
ई देश में ज्ञान के प्रकाश दा। 
विधार्थियन के दल से 
ऊपर भी विधा का अहसास दा। 
'
हिंदू मुस्लिम से हटके, 
इंसानियत में विश्वास दा।
जीव से बड़ा कवन धर्म बा 
आपन वीणा से आवाज दा। 
ऐ माता शारदा तू, 
ई देश में ज्ञान के प्रकाश दा।
'
जियाउल हक सरस्वती पूजा

सरस्वती पूजा #कविता

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Poetry of Ziya

मैं फिर से यहाँ जरूर वापस आऊँगा प्रिये,
इस बार छुने नही, सीधे घर बसाऊँगा प्रिये। 
हम अपनी जान की चेहरा इस चांद में देखा था, 
अब अपनी जान को चांद पर ही टहलाऊँगा प्रिये।





                                       ISRO ISRO

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Poetry of Ziya

#उन्माद
#अफवाह
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Poetry of Ziya

ये क्या तमाशा है मुल्क़ में हुजुर
रोज नया फरमान लाते हो।
आप कभी मसले में शम्शान तो 
कभी बीच में कब्रिस्तान लाते हो। 

कभी बीच में मस्जिद लाते हो। 
तो कभी बीच में मंदिर लाते हो। 
मुल्क की बुलंदी के नाम पर
मुल्क़ में ही मंदि लाते हो। मंदि

मंदि #शायरी

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Poetry of Ziya

यह झुठा मन मेरा कहता है

यह झुठा मन मेरा कहता है #शायरी #nojotovideo

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