Nojoto: Largest Storytelling Platform
sandeeppareek5142
  • 44Stories
  • 0Followers
  • 0Love
    0Views

Sandeep Pareek

  • Popular
  • Latest
  • Video
9c092afbdb732817a34230483cc53c35

Sandeep Pareek

एक वादा जो कभी किया नहीं, तोड़ आए,
उससे मिले बगैर उसका शहर, छोड़ आए।।

9c092afbdb732817a34230483cc53c35

Sandeep Pareek

हर रात का ये अंधेरा, उन अंधेरों से कुछ अलग है।
वो मन के अंधेरे जिन्हे मेरी खामोशी ने पाला है।
वो खामोशी जिसको खोने से डरता हूं में, 
वो शोर जिन्हे सुनने पर घबराता हूं में।
ये खामोशी ही तो है,जो उन अंधेरों को पुरा करती है।
वरना शोर में मिली तो रोशनी से भी मुझे  वहशत है ।

9c092afbdb732817a34230483cc53c35

Sandeep Pareek

पागल सा वो, आंखो में बस ख्वाब रखता था,
समझदार था में, हक़ीक़त का हिसाब रखता था

जमाने से, खुद से,किस किस से नहीं लड़ा वो खातिर मेरे,
बेशर्मी से उसके हर जख्म का में,जवाब रखता था।


देकर उसे ताउम्र के अनसुलझे,सवाल कई,
पन्नों के बीच उसी का दिया, गुलाब रखता था ।

कुछ ऐसी कशिश थी मोहब्बत में उसकी,
जमाने में अपना अलग "अल्फ़ाज़",रूबाब रखता था।

कहता था,कौन सुनेगा इस शिद्दत से तुझे सिवा मेरे,
चुपके से बगल में अपनी में,शराब रखता था।

9c092afbdb732817a34230483cc53c35

Sandeep Pareek

इक वादा जो किया नहीं, निभाना तुम,
इसे हमारी नही, सिर्फ मेरी कहानी बताना तुम ।

9c092afbdb732817a34230483cc53c35

Sandeep Pareek

एक शख्स से किस्सा पुराना हो चुका है,
मासूम था कभी ,अब वो सयाना हो चुका है ।

चन्द लम्हों के सुकून के लिए लिया था जो,
मुश्किल उस कर्ज को चुकाना हो चुका है ।

पानी पे जो पानी से खींची थी लकीरें उसने,
नामुमकिन सा अब उन्हे मिटाना हो  चुका है ।

उकता गया हूं अब देखके अक्स अपना,
खुद से मिले "अल्फ़ाज़"ज़माना हो चुका है ।

9c092afbdb732817a34230483cc53c35

Sandeep Pareek

ताउम्र सफर में ही गुजरेगी ,
या किसी मोड़ पे बसेरा भी होगा ।
अंधेरों की अब आदत डाल लूं ,
या कल फिर सवेरा भी होगा ।

सुकूं खिलेगा कभी इस दिल में ,
या बहारों में बंजर गुलिस्तां इक मेरा होगा।
बांध लूं आंखो में इस समंदर को ,
या किसी रोज बहने का हक मेरा भी होगा । #अल्फ़ाज़_दिल
9c092afbdb732817a34230483cc53c35

Sandeep Pareek

झूठा वहम था,कैसे चैन पड़ेगा तेरे बगैर,
चला गया वो भी वक्त के साथ ।
ऐसा नहीं कि तू याद नहीं आता,
बस अब यादों में नहीं रही वो बात ।।

 #अल्फ़ाज़े_बयां
9c092afbdb732817a34230483cc53c35

Sandeep Pareek

आंखो से उतर जाए वो अश्क ही क्या,
अल्फाजों से बयां हो जाए,वो इश्क़ ही क्या ।

9c092afbdb732817a34230483cc53c35

Sandeep Pareek

मुझे जानने का वहम तो मुझमें भी नहीं,
मे कुछ  हूं,मेरे किरदार कुछ और है।

9c092afbdb732817a34230483cc53c35

Sandeep Pareek

क्यों ये चकाचौंध रोशनी से सनी अंधेरी गली गुजरता हूं मे,
किस हसरत से अपनी मजार पर चादर चढ़ाता हूं मे ।

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile