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sudhanshubadoni1228
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S.Badoni गढ़वाली

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S.Badoni गढ़वाली

दुविधा में हूॅं आज 
ये किस असमंजस में हूॅं।
कोई बताए मुझे 
आखिर कहाॅं तो कहाॅं हूॅं।।

मन मेरा विचलित है
हृदय मेरा कवलित है।
ना इधर ना उधर हूॅं 
जानें कहाॅं मैं अबोध हूॅं।।

बेचैनी सी है मुझे 
न जाने क्यों इस क़दर।
कोई तो बताए ये 
जानें क्यों हूॅं बेखबर।।

ना ही स्वीकृति मिली
ना ही अस्वीकृति मिली।
फिर भी न जाने क्यों
इतना बिखरा सा हूॅं।।

ये भ्रम कैसा है 
जिससे इतना उतावला हूॅं।
कोई न कोई तो है
जिसपे इतना दीवाना हूॅं।।

©S.Badoni गढ़वाली #Prem 
#ishk 
#tum 
#One 
#Bs 
#Love
#Dard 
#evening
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S.Badoni गढ़वाली

जो मिला उसका अभिमान नहीं 
जो नहीं मिला उसका ग़म नहीं ।।

©S.Badoni गढ़वाली #Life 
#Jindagi 
#Ik 
#Soch 
#naseeb 
#Destiny
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S.Badoni गढ़वाली

।। दिल लगाने से डरता हूॅं ।।

चाहता तो हुॅं मैं भी, मगर क्या करूं
ख़्वाब दिल में लिए तो, कई मैं फिरूं।
चाहत है ये कैसी, जो जीते मरूं
दिल लगाने से डरता हुॅं, कैसे कहूं।।

सोचता हूॅं कभी मैं, मिले ग़र तुम ना 
ख़्वाब हैं ऐसे क्यों, जो हुए पूर्ण ना।
जीते जी मर के तुमको मैं, चाहता रहूंगा 
दिल लगाने से डरता हुॅं, कैसे कहूंगा।। 

जानता तो हुॅं मैं भी, पता है तुम्हें 
दूर रहके भी साथ में, पाता हूॅं मैं।
टूक दो तुम जो कहदो, संवर जायेंगे
दिल लगाने से डरता हुॅं, कैसे कहें।।

चाहा है मैंने तुमको, दिलों जान से
तुमको ही अपना सर्वस्व, विधि मान के।
तेरे ही लिए अब ये, धड़के दिल मेरा
दिल लगाने से डरता हुॅं, कैसे कहूंगा।।

©S.Badoni गढ़वाली #Love 
#ishk 
#iktarfapyaar 
#Tu 
#Pyar 
#Bs
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S.Badoni गढ़वाली

क्यों इतने गुमसुम हो 
कुछ तो अब तुम कहो।
कर्ण मेरे व्याकुल हैं
प्रतीक्षित केवल शब्द हैं।।

आंखे अब थम सी गई हैं
एक टक निहारते हुए।
इस कश्मकश सी घड़ी में
एक क्षण तो दीदार करो ।।

©S.Badoni गढ़वाली #Love 
#One_sided_love 
#इश्क 
#Pyar 
#Memories
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S.Badoni गढ़वाली

#Anand 
#lagan 
#true
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S.Badoni गढ़वाली

प्यारी जग से न्यारी मां ।
खुशियां देती सारी मां ।।
 
 तेरी ममता को शब्द भी 
बयां ना कर पाते मां ।
 तेरी वरद स्नेहभरी वाणी से
कष्ट दूर हो जाते मां ।।

तेरे गोद की वो निंदिया 
  बड़ी मीठी लगती मां ।                                   तेरे आंचल से ये दुनिया
      सारी फीकी लगती मां ।। 





S.Badoni गढ़वाली

©S.Badoni #Mothersdayspecial 
#motherlove 
#मां
#MothersDay
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S.Badoni गढ़वाली

पंडिताइन तुम ही हो,और न दूजा कोई ।
दिल की आरज़ू सुनो,और न समझे कोई ।।

पवन का मंद मंद सुख,भी तुमसे ईर्ष्या करता है ।
तुम्हें किससे मैं दर्शाऊॅं,सभी कुछ नीरस लगता है ।।

तुम्हें यदि कहूं वसंत की शाम,या कहूं शरद-ए-नीहार ।
मगर कह दूं तुम्हें कैसे मैं,ये उपमान तो मैले हैं ।।

तुम्हें ग़र कहूं चंद्रमुखी,तो ये मेरी नादानी ।
चंद्र भी कभी ना कभी,ग्रसित तो हो ही जाता है ।।

ईश्वर भी चकित होगा,महज़ संवारते तुम्हें ।
तुम्हें जिस वक्त में नक्काशा, वो वक्त भी सशंकित है ।।

©S.Badoni गढ़वाली #Love
#lovepoetry 
#Break_up_day_special
#Love_a_special_feel 
#love2lover
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S.Badoni गढ़वाली

पंडिताइन तुम्हारे हृदय का रुख़ जो हमने कर लिया ।

सच कहूं मानो तो दुनिया का रुख़ कर लिया ।।

©S.Badoni गढ़वाली #Light

7 Love

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S.Badoni गढ़वाली

कुछ तुम ही कहो , मौन हो स्तब्ध हूं मैं । 
कुछ तो तुम उपकार करो , शब्द दो अशब्द हूं मैं।।

क्या मुझे कुछ अनुभव है ? 
हां, प्रतीत तो कुछ होता सा है ।
कहो , कुछ तुम ही कहो, 
आखिर क्यों, मन से क्षुभित हूं मैं ।।

क्या मुझे कुछ दुःख है ? 
दुःख, वही प्रेम का वियोग सा है ।
शायद हां, लेकिन तुम कुछ कहो, 
क्यों आखिर हृदय से व्यथित हूं मैं ।।

क्या तुम भी समझ ना पायी मुझे ,
तो कौन समझेगा ? तुम्हारे बिन अधूरा सा हूं मैं ।
कहो, कहो ना , तुम कुछ कह ही दो ना ,
आखिर कब तक शब्द बिन निःशब्द रहूं मैं ।।

कुछ तुम ही कहो , ........................... ।।

©S.Badoni गढ़वाली #अंतरात्मा
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S.Badoni गढ़वाली

कुछ नहीं बस ऐसे ही , मुस्कुराता जा रहा हूं । 
कुछ नहीं बस ऐसे ही , दिल से दिल मिलाता जा रहा हूं । 
कुछ नहीं बस ऐसे ही , प्रेम की गहराई में खोता जा रहा हूं । 
कुछ नहीं बस ऐसे ही, सर्द मौसम का लुत्फ़ उठाता जा रहा हूं । 
कुछ नहीं बस ऐसे ही , चाय की चुस्की लेता जा रहा हूं ।
कुछ नहीं बस ऐसे ही ,भावों को जुबानी तक लाता जा रहा हूं ।
कुछ नहीं बस ऐसे ही, जिन्दगी को बिताता जा रहा हूं ।।

©S.Badoni गढ़वाली #Morning
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