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kalurampathik3868
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Kaluram Pathik

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Kaluram Pathik

एक शेर
अजब तासीर देखी है तुम्हारी याद में हमने! 
हम हंसते हैं हमारी आंख से बरसात होती  है!! 
पथिक #Time

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Kaluram Pathik

चार मिसरे
अकेले ही सफर को काटना अपना अगर तय है! 
सफर में साथ कुछ सामान अपना धर लिया जाए!! 
ख़तम हो रोज के झगड़े ये खींचातान हर दिन की! 
चलो अब फैसला फुर्सत में यह भी कर लिया जाए!! 
पथिक #Time

9 Love

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Kaluram Pathik

चार मिसरे
अकेले ही सफर को काटना अपना अगर तय है! 
सफर में साथ कुछ सामान अपना धर लिया जाए!! 
ख़तम हो रोज के झगड़े ये खींचातान हर दिन की! 
चलो अब फैसला फुर्सत में यह भी कर लिया जाए!! 
पथिक #Time

9 Love

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Kaluram Pathik

मुक्तक
कुछ देर अबेर भले ही हो पर घड़ी  सुनिश्चित आएगी! 
जिस रोज सवारी इस तट से उस पार उतारी जाएगी!! 
टूटेंगे तन मन के बंधन छूटेंगे अपनों से रिश्ते! 
क्या पता कहां फिर कब कैसे यह रात गुजारी जाएगी!! 
पथिक

8 Love

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Kaluram Pathik

एक शेर
तुम्हारी बद मिजाजी  की सजा मिलना जरूरी है! 
लिया है फैसला हमने सजा  भी  हम सुनाएंगे!! 
पथिक #Night

9 Love

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Kaluram Pathik

एक मुक्तक
दिल दिमाग पर हावी अब तक खेलकूद बचपन की बातें! 
आपस में बतिया ती गुंइया छत पर धवल चांदनी रातें!! 
कर कर लाख जतन हम हारे लेकिन पाई नहीं सफलता! 
खोली बहुत नहीं खुल पाई हमसे वे रिश्तो की गांठे!! 
पथिक #Night

12 Love

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Kaluram Pathik

मुक्तक
हमें तुम्हारे नाज उठाना अच्छा लगता है! 
मन को मन की बात बताना अच्छा लगता है!! 
अंधियारे मैं जब हाथों को हाथ नहीं सूझे! 
तब  माटी के  दीप  जलाना अच्छा लगता है!! 
पथिक #Hope

11 Love

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Kaluram Pathik

मुक्तक
हमें तुम्हारे नाज उठाना अच्छा लगता है! 
मन को मन की बात बताना अच्छा लगता है!! 
अंधियारे मैं जब हाथों को हाथ नहीं सूझे! 
तब  माटी के  दीप  जलाना अच्छा लगता है!! 
पथिक #Hope

10 Love

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Kaluram Pathik

एक शेर
जला  आए दिया तुम एक मस्जिद में , यह , अच्छा है! 
हमें घर मैं अंधेरा भी मगर अच्छा नहीं लगता!! 
पथिक #alone

8 Love

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Kaluram Pathik

मुक्तक
तन की दूरी भी क्या दूरी होती है! 
मजबूरी मन की मजबूरी होती है!! 
यादें तो है साथ अकेले कैसे हैं! 
संबल इनका बोझ उमरिया ढोती है!! 
पथिक #Heart

7 Love

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