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Dharmendra Parmar

Emotion ka khajana📚📖🖊🖊

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Dharmendra Parmar

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©Dharmendra Parmar safar

safar #Quotes

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Dharmendra Parmar

समय को भी बदलने मे,अच्छा समय लाने मे ,
थोड़ा समय तो लगता हि हैं।
संघर्ष के दिनों मे ,मुसीबतों को दूर करने मे,
थोड़ा समय तो लगता ही है।
 मुसाफीर को सफर मे,मंजिल तक पहुंचने मे,
थोड़ा समय तो लगता ही हैं।
 घर को मकान बनाने मे , मकान को महल बनाने मे,
थोड़ा समय तो लगता हि हैं।
किसी से रिस्ता जोड़ने मे , उसको अच्छे से समझने मे,
थोड़ा समय तो लगता ही हैं।
बचपन से जवानी  मे , गमो को खुशियों मे बदलने मे,
 थोड़ा समय तो लगता हि हैं।
पौधों से फुल खिलने मे , फुल से फल मिलने मे,
थोड़ा समय तो लगता हि हैं।

©Dharmendra Parmar #booklover
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Dharmendra Parmar

यू  छुप छुप कर मेरी डीपी क्यों देखते हो,  
इसमें जरूर कोई बात है।

यू अकेले में  रात रात भर मुझे क्यों याद करते हो, 
इसमें जरूर कोई बात है । 

यू मुझे सोच सोच कर खत लिख कर  जलाते क्यों हो, 
इसमें जरूर कोई बात है। 

 यू मेरे सपनों में रोज रोज क्यों आते हो, 
इसमें जरूर कोई बात है। 

यू चोरी चोरी मेरे स्टेटसो का स्क्रीनशॉट क्यों लेते हो, 
 इसमें जरूर कोई बात है । 

यू दोस्तों के बीच मेरी ही बातें क्यों करते हो, 
 इसमें जरूर कोई बात है।

यू मुझे देख कर चुप चुप से क्यों हो जाते हो, 
 इसमें जरूर कोई बात है ।

©Dharmendra Parmar इसमे जरूर कोई बात है
#LastDay

इसमे जरूर कोई बात है #LastDay

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Dharmendra Parmar

मेघ गर्जना से डरो ना तुम, 
पतझड़ देख ठहरो ना तुम, 
कदम से कदम मिलाओ तुम, 
आज एक नया सवेरा लिख दो तुम! 

अब जब आगे बढ़ ही रहे हो तुम, 
तो पीछे क्यों देख रहे हो तुम, 
इन अंधेरों को चीर दो तुम, 
 आज एक नया सवेरा लिख दो तुम! 

                                                  नीला नीला अंबर देख, 
                                                 पर्वत सा मेरा  शीश उठा, 
                                                 सागर की गहराई में, 
                                               जब नया सवेरा लिख दिया! 

                                              रोम-रोम भी खिल उठा, 
                                              तन मन भी झूम उठा, 
                                              बादल भी बरस उठा, 
                                             जब नया सवेरा लिख दिया! 
                                                            -धर्मेन्द्र परमार (धन्नो) आज एक नया सवेरा लिख दो तुम

आज एक नया सवेरा लिख दो तुम

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Dharmendra Parmar

 मैं तुझसे कहना चाहता हूं ।

मैं तुझसे कहना चाहता हूं । #nojotophoto

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Dharmendra Parmar

कामयाबी पाने के 3 तरिके :-

खुद से वादा, 
    मजबूत इरादा, 
                     मेहनत सबसे ज्यादा । 
                 (-धन्नो )

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Dharmendra Parmar

मुश्किल में हूं जरूर मगर मंजिल के करीब हूं, 
थका हुआ हूं  जरूर मगर हारा नहीं हूं।  
                   -धन्नो
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Dharmendra Parmar

नंगे जिस्म (गरीब) को ढकने के लिए कोई पैसा नहीं देता है,
मगर जिस्म को नंगा  करने (हवस) के लिए लोग लाखों लुटा देते हैं ।
               
                                                        -धन्नो वाह मेरे देश के लोग

वाह मेरे देश के लोग #Shayari

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Dharmendra Parmar

आज एक बार फिर मैं अपने गांव लौट जाना चाहता हूं ।

गांव की वो चारों ओर की हरियाली,
 गांव की वो  सुबह की ठंडक,
 गांव की वो  ढलती शाम ,
गांव की वो  चांदनी रात ,
खूब याद करता हूं मैं 
इसलिए आज एक बार फिर 
मैं अपने गांव लौट जाना चाहता हूं। 

 गांव के वो संस्कार ,
गांव की वो संस्कृति ,
गांव की वो परंपरा,
 गांव के लोगों कि बोली में वो मीठास,
 खूब याद करता हूं मै 
इसलिए एक बार फिर
 मैं अपने गांव लौट जाना चाहता हूं। 

 गांव के वो प्यारे लोग,
 गांव के वो प्यारे लोकगीत,
 गांव के वो सारे रिश्ते ,
गांव के वो सारे दोस्त ,
खूब याद करता हूं मै
इसलिए एक बार फिर
 मैं अपने गांव लौट जाना चाहता हूं ।
                   - धन्नो गांव

गांव

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Dharmendra Parmar

आज मेने मेरी परछाई से पुछ ही लिया,
क्यो हमेशा मेरे साथ-साथ चलती हो ।
उसने भी हंसकर केह ही दिया,
 मेरे अलावा तेरा है कौन...
-धर्मेन्द्र परमार (धन्नो) #parchhai
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