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shubhamjainparag2418
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shubham jain *parag*

motivation, love and inspirational video..

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shubham jain *parag*

नया साल
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कितनी उम्मीदों के साथ 
आ रहा है साल नया,
कितनी खुशियों के गीत
गा रहा है साल नया,
कितनी यादें छोड़ दी
बीते हुए साल में,
कितने सपने ला रहा है
साथ अपने साल नया,
बदला तो बस कैलेंडर है
बाकी सब वैसा ही है,
बदलते-बदलते बदल रहा है
सोच सबकी साल नया,
कुछ ठानेंगे लक्ष्य नये
कुछ पुराने लक्ष्य के साथ चलेंगे,
सबको एक आस बंधा रहा है
आने वाला साल नया,
बीता कड़वा अनुभव भूलों
उनको लेकर वो साल गया,
बुनों नई इबारतें अब
आ गया है साल नया,
चढ़ो सीढ़ी सफलताओं की 
छू लो अब आसमान नया,
मुस्कुरा के भरो जीवन में रंग
संग मुस्का रहा है साल नया...

रचयिता :- शुभम जैन "पराग"
उदयपुर (राज.)

©shubham jain *parag*
  #SunSet #HappyNewYear #newyear #story #status #Happy
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shubham jain *parag*

261223
वो जो सूखा सा था
टुकड़ा लकड़ी का ,
पल में हो गया राख 
धधकते- धधकते..

वो जो था समेटे नमी 
जल ना पाया पुरा,
और रह गया अधूरा 
सुलगते-सुलगते..

©shubham jain *parag* #onenight #SAD #Deep #Love #Quotes #sadquotes #Emotions #feelings #sad_feeling

onenight SAD Deep Love Quotes sadquotes Emotions feelings sad_feeling

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shubham jain *parag*

151023
सारा भेद मत खोल देना, कुछ अपने पास छुपाकर भी रखना,

थोड़ा सा अपने हिस्से का ,खुद को खुद में बचाकर भी रखना ।

©shubham jain *parag*
  #Chess #SAD #Broken #Dil #Shayar #sadquotes #Love #self_love
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shubham jain *parag*

#SadStorytelling 
#SAD #Love #Self #story #Dil #dilkibaat #thought #Heart
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shubham jain *parag*

करोड़ो लोंगो का मान ,उनका आत्मविश्वाश है
हिंदी सिर्फ एक भाषा नही ,हम सबकी शान है ।

शब्दों का सागर ,संसार का ज्ञान है
इसी में अपना नाम है, इसी में पहचान है ।

©shubham jain *parag*
  #Hindidiwas #हिंदी
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shubham jain *parag*

 *पानी से रिश्ते*
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कच्ची मिट्टी के घड़ों में भरे पानी से रिश्ते
बह जाते है अक्सर रिसते- रिसते ,

मरम्मत माँगते है, वक़्त दर वक़्त 
नही तो बिखर जाते है घिसते- घिसते,

फिर एक मलाल सा रह जाता है
बादल भी थम जाते है गरज़ते- गरज़ते ,

वक़्त रहते, वक़्त दे दिया करो इन्हें
ये दूर निकल जाते है सरकते - सरकते,

हाथ आता नही फिर जो बीत गया 
और उम्र बीत जाती है तरसते- तरसते,

फिर जब कभी याद आते है बीते लम्हें 
तो आँखें भीग जाती है हँसते-हँसते,

दरख़्त यूँहीं तो फलदार नही बनता
कई दिन बीत जाते है उसे सींचते-सींचते,

रिश्ते हक़ीक़त है, इस फ़रेबी जहाँ में
इनके साथ कट जाएगा सफ़र आहिस्ते- आहिस्ते....

©shubham jain *parag*
  #Lumi #Relationships #SAD #Love #Pyar
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shubham jain *parag*

कच्ची मिट्टी के घड़ों में भरे पानी से रिश्ते
बह जाते है अक्सर रिसते- रिसते

©shubham jain *parag*
  #betrayal #sad #Love #feelings #Emotional #rishte #Relationships
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shubham jain *parag*

#SadStorytelling 
#rishte #Relationship #SAD #Love #together #Poet #Quote #Shayari
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shubham jain *parag*


*छुअन*
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आज पानी को 
बहते देखा कुछ अलग 
नजरिये से,

लगा तुमसा ही 
कुछ-कुछ 
ऊपर से थोड़ा 
उफनता हुआ
पर शायद भीतर से
शान्त था ।

उसकी फुहारों की 
छुअन कुछ तुमसी लगी,
कोमल और शीतलता से भरी ।

उसे में अपने आलिंगन में ले
समेट लेना चाहता था 
खुद में,
लेकिन कर न पाया
जैसे तुम्हें नहीं
कर पाता हूं ।

हां पर उसका स्पर्श
मुझे तुम्हारे स्पर्श सा लगा,
वो मुझे छू रहा था 
तुम्हारी तरह 
और मैं बस 
खोया ही रहा ,

पता ही नही चला
कब मैं पूरा भीग चुका था,
और वो मुझमें 
समा गया.....

©shubham jain *parag*
  #rainfall #rain #Love #Touch
#deep #pyaar #feelings
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shubham jain *parag*

*कैसा*
          =========

बता दिया गर जाए किसी को
फिर वो राज़ राज़ कैसा..?

बीता जो कल की उलझन में 
फिर वो आज, आज कैसा..?

जिया जो जीवन औरों के सहारे 
फिर इस जीवन पर नाज़, नाज़ कैसा..?

जो ठीक ना कर सके अगर पीड़ा चित्त की 
फिर वो इलाज, इलाज कैसा..?

संवार ना सके जो मन को अगर 
किया वो साज, फिर साज कैसा..?

चोट पहुंचे जिससे किसी के हृदय को 
बात करने का वो अंदाज, अंदाज कैसा..? 

बचा ना पाया जो आबरू किसी की 
सिर पर तेरे वो ताज, फिर ताज कैसा..?

बोरे में पढ़ा सड़ता रहा कोठरी में 
मिटा ना पाया भूख भूखे की भूखे की 
फिर वह अनाज अनाज कैसा..?????

©shubham jain *parag* #delhiearthquake
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