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arpitsingh5206
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Arpit Singh

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Arpit Singh

★मैं कितना तुममें हूँ...★

किसी दिन
पश्चिम से आती हुई किरण
मेरे आँगन को चूमेंगी
उस दिन आंकलन करूँगा
कि, मैं कितना तुममें हूँ.

वादियों से निकलती
सर्द हवाओं का हर वो मार्ग
जो तुम तक जाती होगी
वो हल्की सी धूप कल आयेगी
और हँसों के जोड़े नहा-निखर कर
मेरे बरामदे से तुम्हारी ठिठुरन पर व्यंग्य करेंगे.

तुम्हारी अट्टालिका से
गुजरती हुई वो रेशमी शिराएँ 
जो आभास करवायेगी तुम्हारे अश्वेत ज़ुल्फों का
उस सेमल के पुष्प की पांचों पंखुड़ियां 
जिसमें छिपी ओस की बूंदें
तुम्हारे नयनों की धार से मिलके सागर ढूँढेगी.

तुम्हारी हर दमक पर
सुनहरी सर्वरी कोहरे की चादर ओढेगी
सूने अम्बर साक्ष्य रहेंगे शरद और तुम्हारी रुसवाई का
फिर भी मेरे नयन तुम्हारे प्रेम को जीवंत मान विवेचन करेंगे
कि, मैं कितना तुममें हूँ...  #शरद_की_शाम (same mentioned below👇👇👇)
#मैऔरतुम
#love#nature
#naturediariesbyarpit
#yqdidi
#yqbaba
#mothertongue_verse
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Arpit Singh

वो शाम ग्रीष्म की
बहती हवा अनोखी
रत्नमयी पूनम में नाचती
अबलखा मैनो की जोड़ी...

धरा को चूमती बूँद घटा की
लौटती मनमोहक हरियाली
झूलती वट की सुंदरतम छटा
और बलखाती मक्के की सुनहरी बाली...

देख विहग की नभ में उड़ान
तारे छूते मन के पंछी
वो डूबता हुआ अल्हड़ रवि
और शोभती उससे हर फूल कली...

शाँत और स्थिर नीरनिधि
मन को भाता शीतल समीर
महकता ग़ुलाब खिला हुआ कमल
छिपता चाँद और सितारों की झिलमिल...
 
सतरंगी पुष्पलताओं का अपना श्रृंगार
मरु में बर्फ़ और वर्षा का हित अंबार
देख प्रकृति की ग्रीष्म लीला
हर मन ढूँढने निकले अम्बर नीला... #ग्रीष्म_की_शाम
#ग्रीष्मऋतु
#nature
#naturediariesbyarpit
#yqbaba#yqdidi#yqhindi

#mothertongue_verse
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Arpit Singh

प्रश्न भी तुम, उत्तर भी तुम
आवाज भी तुम, आगाह भी तुम
धूप भी तुम, छाँव भी तुम
घाव भी तुम, मरहम भी तुम

अरुण भी तुम, शशि भी तुम
चंदन भी तुम, चांदनी भी तुम
नीर भी तुम, समीर भी तुम
ग्रीष्म भी तुम, शिशिर भी तुम

तमस भी तुम, किरण भी तुम
साहस भी तुम, धैर्य भी तुम
अश्क भी तुम, मोती भी तुम
मान भी तुम, मर्यादा भी तुम

रक्त भी तुम, वाहिनी भी तुम
फूल भी तुम, माला भी तुम
घटा भी तुम, बरसात भी तुम
संध्या भी तुम, सुबह भी तुम

प्रेम भी तुम, ईर्ष्या भी तुम
भाव भी तुम, भंगिमा भी तुम
खुशी भी तुम, संगीत भी तुम
आदि भी तुम, अनंत भी तुम...   क्रमशः✍️✍️✍️ 
#सिर्फतुम
#कविता 
#कल्पना (same mentioned below👇👇👇)
#yqdidi#yqbaba#yqhindi

#mothertongue_verse
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Arpit Singh

भावनाओं के बीच होती
निष्कर्षविहीन भित्ति 
न जाने भुरुह को कब
क्यूँ और कैसे भूमिहीन
कर देती है
 
औ'
कल्पित मंदहास्य
से विवेचित होकर मरदुम
समस्त बंधनों से स्वमुक्ति पाकर
विहग के जैसे बहुतेरे उद्देश्यों
को अपने कंधों पे लिए
उड़ चलते हैं गगन में

फलतः
तथाकथित मौसमीय कुसुम की
खूबसूरत पंखुरियाँ
अपने माधुर्य के दंभ में
उस मरदुम की भर्त्सना करती रहती है
उसी भूमिहीन भुरुह की भाँति
जिसका कोई शिला नहीं होता है
औ'
छेड़ देती है एक कृत्रिम संग्राम...  
#विचलित_मन 
#कविता #कल्पना
#yqbaba#yqdidi#yqhindi

#mothertongue_verse
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Arpit Singh

मेरे गाँव की कहानी...
आज महीनों बाद अपने गाँव जाना हुआ मम्मी के साथ,जैसे-२ सूरज ढल रहा था,सफर सुहाना लग रहा था। मेरा गाँव शहर से बमुश्किल ६/७ किलोमीटर होगा। रास्ते में दोनों ओर महोगनी के पेड़ क्रमबद्ध तरीके से लगे हुए प्राकृतिक हवाओं को निर्गत कर रहे थे, मानसून अभी तक आया नहीं है इधर फिर भी बहुत बर्षा हो रही है पिछले 2 हफ्ते से,आज नहीं हुई. सड़क के बगल में गहराई वाले हिस्से की ओर पानी जमा हुआ था,कमल के फूल थे,कुछेक की पंखुड़ियाँ आज कल में प्रस्फुटित होने वाली है. रुक के उसकी सुंदरता को आँखों में समाना था,लेकिन इधर सूरज जल्दी सो जाते हैं,कश्मीरी धरा नहीं है ये,इसलिये लौटना भी था,चाँद निकलने से पहले। गाँव में अब नींद नहीं आती है,पिछले 20 वर्षों से शहरी भागदौड़ में ही जीना सीख लिया है,अब शान्ति सहन नहीं होती,डर लगता है शुद्ध हवाओं से,साईकिल के टिक-टिक से,जुगनुओं के जग-मग से,
गायों के झुंड से,उनके गले की घंटी के संगीत से.

पूरा वृतान्त अनुकोष्ठ में पढ़ें👇👇👇 (full body in caption,below👇)
#मेरागाँव
#यात्रावृत्तांत 
#yqdidi
#yqbaba
#yqtales 
.
.
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Arpit Singh

फिर कभी अमावस की रातें होगी
चाँद खिल रहा होगा
रातें तारों से जगमगा रही होगी
झींगुर को तन्हाई सुनाई दे रही होगी

जुगनुओं की बारात में
नाचते हुए चकोर
इसी उम्मीद में 
कि,आज चाँद के करीब होने का
एहसास होगा

निशा के अंतिम पहर में
यायावर सा भटकता हुआ
एक अलग अंदाज में आऊँगा मैं
हँसते हुए,हालचाल पूछने

तुम और तुम्हारी यादों का
इससे पहले कि
अरुण अपनी लालिमा
से ढँक दे इस सुखद क्षण को... #चाँद
#मैऔरतुम 
#poetry #yqhindi
#yqbaba#yqdidi

#mothertongue_verse
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Arpit Singh

उर में दबी हुई टेक आज मुझे
अपने में ही सारगर्भित होना
कहके नजरें फेर लेने जैसी अमंद
प्रयास कर रही है 

गरल तरंग की चाल में
चलते हुए मेरे मन की धाराएँ
उदधि की माप से परे
तुम्हारे उदित स्वप्न
और सारे सुम मणि
जो उस छद की भित्ती भाँति
मुझे कचोटती है एवं
जिसमें क्षेम की अत्यन्ति  हुई हो

मेरे लिए अज्ञेय है
तुम्हारी छपछपाती पलकें
जो भींगी हो नयनों के सलिल से
और
वो स्याही जिससे तुमने
मेरी नादानियों को पन्नों पे उकेरा है
सहसा ही तुम्हारे कलम की निब  
विकीर्ण भी हो जाती होगी मेरे नाम पे...  #विचलित_मन 
#कविता #कल्पना
#yqbaba#yqdidi 

#mothertongue_verse
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Arpit Singh

ढलती शाम
उदासीन पंछियां
रूठे हुए पेड़
छिपता चाँद
बादलों की घेराबंदी
स्थिर नदियाँ
अधखिले फूल
अलसायी भोर
तपन से इठलाता
मुस्काता अरुण
शातिर हवाएँ
दंभ से अपने 
कर विचलित हर शरीर

फिर भी तुम्हारे प्रेम
को पाने की चाह में
उत्सुकता को छोड़
कोसों दूर
तुमसे उसी मरैया पे
मिलने को आतुर है मेरा मन
जहाँ हमदोनो के अलावा
कोई न हो,शून्य भी नहीं #विचलित_मन 
#प्रेम
#कविता
#yqhindi 
#yqbaba
#yqdidi  

#mothertongue_verse
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Arpit Singh

the evening
in the midway
"sss" sound of leaves
crawling wind
kissing the moist
making the cloud
slipping sun
in the lap of ocean
the car light
glare and dimmed
pedestrians
moving for shelter
falcons fell short of prey
with a hope of returning home
i was taking stance 
to fly as same as crow
went back in mind
did a rehearsal
to mock my heart
and let be in your way
to have some final dinner
before i kiss my Caracas

...was a bad dream indeed! **the last laugh**

#words_behind_emotions
#random
#poetry
#yqbaba
#yopowrimo

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Arpit Singh

someday
hovering over your milieu
i may dance at your terrace
grabbing this glimpse
your neighbors will cheer
the sky will smile
the moon gets shy in daylight
the aves will clap
plants and shrubs will incredibly grow
pets and wild will greet you up
the river will be static
stars get twinkling even in the noon
the sun will be cool and calm
wind will be romantic enough
the earth will spin gently
Just to make a happy YOU... isn't it so cute imagining yourself being in the lap of a valley with spreaded silence,where there will be no one other than you,your words and your imagination?❤️


#poetry
#love#nature#imagination 
#naturediariesbyarpit 
#yqbaba #yqdidi

isn't it so cute imagining yourself being in the lap of a valley with spreaded silence,where there will be no one other than you,your words and your imagination?❤️ poetry love#Nature#Imagination #NatureDiariesByArpit #yqbaba #yqdidi

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