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arunsaxena1385
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अक़श

I am a simple living personality.nozoto is my first platform .🙏🏿🙏🏿😊aks10926@gmail.com

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अक़श

White ... ... ✒️
*विश्वास किसी पर इतना करो,*
*कि वो तुम्हे छलते समय खुद को*
*दोषी समझे, और...* 
*प्रेम किसी से इतना करो,*
*कि उसके मन में सदैव तुम्हें*
*खोने का डर बना रहे !*
*हमारी पूर्ण श्रद्धा व विश्वास*
*किसी भी कार्य को अधिक* 
*मज़बूत एवं सफल बना सकती है !!*

जय श्रीकृष्णा 🙏
        🌹भौर वंदन 🌹

©अक़श #Thinking  love quotes

#Thinking love quotes

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अक़श

White 🌷मंच को सादर नमन 🌷
शीर्षक :- अब तो तेरी याद मैं 
विधा :- गज़ल 
दिनाँक :- 15/02/25
स्वरचित /मौलिक रचना 

🌹जिंदगी मुझसे मेरी!
            ले रही है इम्तिहाँ।।
मौत का आलम है ऐसा!
          हर तरफ वीरानियाँ।।
न मिली है कोई मंजिल!
          न कहीं पे आशियाँ।।
बैठ कर मैय्यत पे तेरी!
          कर रहा हूँ ये दुआ।।
तुझको रुख़सत हो मुबारक!
           मुझको मेरी रुसवाइयां।।
कब से गुमसुम हूँ जहाँ मे!
           गयी हो मुझको छोड़कर।।
एक लाश बनकर चढ़ रहा हूँ! 
            जिंदगी की सीढियाँ।।
अब तो तेरी याद मे!
            आसूं बहाना है लिखा।।
अक़श बनकर पूछती हैं!
             अक़श से यह वादियाँ।।🌹
          (अक़श )@####

©अक़श #Thinking  shayari love

Thinking shayari love

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अक़श

White *🌹सत्संग🌹*

*सत्संग एक उत्तम तीर्थ है। जहाँ...... जन्म-जन्‍मान्‍तरों के करोड़ों पाप दूर हो जाते हैं। यम पास नही आता और मन निर्मल हो जाता है।*  

*सारे संसार में नीच विचारों को स्‍वच्‍छ और पवित्र करने की अगर कोई जगह है तो...* 
*"वो है सन्तों का सत्संग"*

*चाहे कितने भी विषम परिस्थितियों हों कभी सत्संग नहीं छोड़ना चाहिये।*

*सत्संग ही एक मात्र रास्ता है मुश्किलों के समाधान का।*

*जो श्री कृष्ण को निरंतर याद करते रहते हैं उन पर श्री कृष्ण की दया / कृपा नित्य प्रति बरसती रहती है।*

   *संत-सेवन का अर्थ है—उनके उपदेशों को जीवन में उतारना। संत की कही हुई बातों पर हम ध्यान न दें और मन में सोचें कि हम संत-सेवन कर रहे हैं, तो यह संत के संग का तिरस्कार है।* 

सदैव जपें एवं ख़ुश रहें- 

*"हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।*
    *हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे॥"*
   *🙏जय श्री रीधे- कृष्णा🙏*

©अक़श #Thinking  life quotes

#Thinking life quotes

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अक़श

White अमर बलिदानी बालक वीर हकीकत राय

#डॉ_विवेक_आर्य

(बंसत पंचमी को वीर हकीकत राय के बलिदान दिवस पर विशेष रूप से प्रकाशित)
पंजाब के सियालकोट मे सन् 1719  में जन्में वीर हकीकत राय जन्म से ही कुशाग्र बुद्धि के बालक थे। आप बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के बालक थे। बड़े होने पर आपको उस समय कि परम्परा के अनुसार फारसी पढ़ने के लिये मौलवी के पास मस्जिद में भेजा गया। वहाँ के कुछ शरारती मुस्लमान बालकों ने हिन्‍दू बालको तथा हिन्‍दू देवी देवताओं को अपशब्‍द कहते रहते थे। बालक हकीकत उन सब के कुतर्को का प्रतिवाद करता और उन मुस्लिम छात्रों को वाद-विवाद मे पराजित कर देता। एक दिन मौलवी की अनुपस्तिथी मे मुस्लिम छात्रों ने हकीकत राय को खूब मारा पीटा। बाद मे मौलवी के आने पर उन्‍होने हकीकत की शिकायत कर दी कि उन्होंने मौलवी के यह कहकर कान भर दिए कि इसने बीबी फातिमा को गाली दी है। यह सुनकर मौलवी नाराज हो गया और हकीकत राय को शहर के काजी के सामने प्रस्‍तुत कर दिया। बालक के परिजनो के द्वारा लाख सही बात बताने के बाद भी काजी ने एक न सुनी और  शरिया के अनुसार दो निर्णय सुनाये एक था एक था सजा-ए-मौत है या दूसरा था इस्लाम स्वीकार कर मुसलमान बन जाना ।माता पिता व सगे सम्‍बन्धियों ने हकीकत को प्राण बचाने के लिए मुसलमान बन जाने को कहा मगर धर्मवीर बालक अपने निश्‍चय पर अडि़ग रहा और बंसत पंचमी २० जनवरी सन 1734 को जल्‍लादों ने 12 वर्ष के निरीह बालक का सर कलम कर दिया। वीर हकीकत राय अपने धर्म और अपने स्वाभिमान के लिए बलिदानी हो गया।और जाते जाते इस हिन्दू कौम को अपना सन्देश दे गया। वीर हकीकत कि समाधी उनके बलिदान स्थल पर बनाई गई जिस पर हर वर्ष उनकी स्मृति में मेला लगता रहा।  
1947 के बाद यह भाग पाकिस्तान में चला गया परन्तु उसकी स्मृति को अमर कर उससे हिन्दू जाति को सन्देश देने के लिए डा. गोकुल चाँद नारंग ने उनका स्मारक यहाँ पर बनाने का आग्रह अपनी कविता के माध्यम से इस प्रकार से किया हैं। 
हकीकत को फिर ले गए कत्लगाह में हजारों इकठ्ठे हुए लोग राह में|
चले साथ उसके सभी कत्लगाह को हुयी सख्त तकलीफ शाही सिपाह को|
किया कत्लगाह पर सिपाहियों ने डेरा हुआ सबकी आँखों के आगे अँधेरा|
जो जल्लाद ने तेग अपनी उठाई हकीकत ने खुद अपनी गर्दन झुकाई|
फिर एक वार जालिम ने ऐसा लगाया हकीकत के सर को जुदा कर गिराया|
उठा शोर इस कदर आहो फुंगा का के सदमे से फटा पर्दा आसमां का|
मची सख्त लाहौर में फिर दुहाई हकीकत की जय हिन्दुओं ने बुलाई|
बड़े प्रेम और श्रद्दा से उसको उठाया बड़ी शान से दाह उसका कराया|
तो श्रद्दा से उसकी समाधी बनायी वहां हर वर्ष उसकी बरसी मनाई|
वहां मेला हर साल लगता रहा है  दिया उस समाधि में जलता रहा है|
मगर मुल्क तकसीम जब से हुआ है  वहां पर बुरा हाल तबसे हुआ है|
वहां राज यवनों का फिर आ गया है  अँधेरा नए सर से फिर छा गया है|
अगर हिन्दुओं में है कुछ जान बाकी शहीदों बुजुर्गों की पहचान बाकी|
शहादत हकीकत की मत भूल जाएँ श्रद्दा से फुल उस पर अब भी चढ़ाएं|
कोई यादगार उसकी यहाँ पर बनायें  वहां मेला हर साल फिर से लगायें|

©अक़श #Thinking  motivational thoughts for students
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अक़श

White ... ... ✒️
*नम्रता से बात करना प्रत्येक*
*का आदर करना*
*धन्यवाद ज्ञापित करना और*
*क्षमा मांगना* 
*ये गुण जिसके पास हैं*
*वो सदा सबके करीब*
*औऱ सबके लिये खास है !*
*जो व्यक्ति अपने समय का*
*सम्मान करता है वो अपने*
*जीवन के सारे लक्ष्य*
*प्राप्त करता है !!*
                  
जय श्रीकृष्णा 🙏
        🌹भौर वंदन 🌹

©अक़श #Thinking  a love quotes

#Thinking a love quotes

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अक़श

White 
   🌷मंच को सादर नमन 🌷
      🕯️दैनिक प्रतियोगिता🕯️
शीर्षक :-वेदना के गीत में 
विधा :- गज़ल 
दिनाँक :- 23/01/25
स्वरचित /मौलिक रचना /आज अप्रकाशित 
💐🎉वेदना के गीत में 
संवेदना कहाँ से लाऊँ 
अश्रु हों जब नयनों मैं 
प्रीतभर  कहाँ से लाऊँ 
🎉🎉🎉🎉🎉🎉
अश्रु जो आएं अधर पर 
लवों पर उधार लूंगा 
मैं प्यार का हूँ उदासा 
मनमीत कहाँ से लाऊँ 
🎉🎉🎉🎉🎉🎉
गर गले तुम से मिलूं मैं 
अपनत्व की भावना से 
जहर जब दिल मे घुला हो 
अपनत्व मैं कहाँ से लाऊँ 
🎉🎉🎉🎉🎉🎉
जितनी पीड़ा वेदना मे 
 संवेदना उतनी बढ़ेगी 
 हर चेहरा उदास है जब 
 संवेदना कहाँ से लाऊँ 
🎉🎉🎉🎉🎉🎉
 ढूढ़ता है प्यास को अब 
 नीर की एक धार मे तू 
 समुन्द्र ही जब सूख गया हो 
  नीर कहाँ से लाऊँ 
🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
 अश्क़ ही जब सूख गये अक़श 
 नयनों मे नीर कहाँ से लाऊँ 
  वेदना के गीत मे
  संवेदना कहाँ से लाऊँ 🎉💐
          (अक़श) @####

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©अक़श #GoodNight  shayari on life

GoodNight shayari on life

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अक़श

White *शक्तिशाली होकर भी क्षमा करने वाला, अकिंचन होकर भी दान करने वाला व्यक्ति सर्वदा आदरणीय होता है।*
*सुप्रभात। आपका प्रतिपल मंगलमय हो।*

©अक़श #GoodNight  love quotes

#GoodNight love quotes

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अक़श

White *जीवन के पांच स्तंभ है,                                           परिवार,* *मित्र,दया,ईमानदारी और विनम्रता....*                       
*लेकिन नींव हमेंशा प्यार होती है.....*                  *🌹सुप्रभात*🌹

©अक़श #GoodNight  love quotes

#GoodNight love quotes

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अक़श

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset *मनुष्य  अपना  अभिमान* 
       *अपने   अच्छे   समय   में* 
       *दिखाता है,...*
 *लेकिन   उसका  परिणाम*
       *उसके बुरे समय में सामने*  
       *आता है...!!*

🙏🏻🌹 *सुप्रभात*🌹🙏🏻

©अक़श #SunSet  inspirational quotes

#SunSet inspirational quotes

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अक़श

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset 🌷मंच को सादर नमन 🌷
 शीर्षक :- विदाई 
विधा :- कविता 
दिनाँक 12/01/25
🌹बेटी हुई विदा घर से 
     सुनसान हुआ सब घर आँगन 
     मैं पिता हूँ कैसे वयाँ करुं 
    सुना हुआ अब यह सावन 
    माँ की सूनी गोदी मै जब 
  तूने पहली बार किलकार भरी 
   मम्मी की थी नन्ही गुड़िया 
   पापा की राज दुलारी थी 
   भाई के संग बीता बचपन 
   सखियों संग यौवन श्रंगार मिला 
   कितने नाजों से पाल पोस 
  सौंप  दिया इन नाजुक हाथों को 
  एक अनजान उन घर वालों को 
  कैसा नाता यह रिश्ता बनाया 
  कैसा विधान रचा है यह 
  श्रष्टि के रचनाकारों ने 
 अक़श जी भर न देख सका 
 पल मैं परायी हों गयी बिटिया को 
           (अक़श )@####

©अक़श
  #SunSet  poetry love

SunSet poetry love

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