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mukulchandrakesh6875
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Mukul Chandra Keshari

Entrepreneur & Writer

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Mukul Chandra Keshari

समय क्रियेटिव है ।
 क्रियेटिव सुकून हैं ।

©Mukul Chandra Keshari
  #udaan
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Mukul Chandra Keshari

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Mukul Chandra Keshari

वक्त का फैसला....

जमीन पर ही सब मेले लगते है
आसमाँ मे तो बहुत तन्हाई है ‌।

साग़र की अनंत गहराई है
प्यास मगर नदियों ने ही बुझाई है ।

हजार किताबे पढ़ कर भी न समझ सका
जो बाते वक्त ने सिखाई है ।

जब जब भी मैं किसी के दर्द में रोया
जिंदगी उस वक्त बहुत सिखाई है ‌।

बहुत संभाल के  क्या  रखना इस खिलौने को
टूटना और बिखरना  जिंदगी की सच्चाई है ।

वक्त हर फैसला ख़ुद कर ही देगा
तुमने यहाँ क्यू अदालत लगाई है ।

मुकुल केसरी "सोरस"

©Mukul Chandra Keshari
  #cycle
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Mukul Chandra Keshari

कलम की लकीर एवं ईश्वर की प्रतिलिपि

©Mukul Chandra Keshari
  #Likho
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Mukul Chandra Keshari

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Mukul Chandra Keshari

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Mukul Chandra Keshari

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Mukul Chandra Keshari

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Mukul Chandra Keshari

Ruchi Rathore

Ruchi Rathore #विचार

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Mukul Chandra Keshari

तुम मेरे लिए क्या हो ,
न जाने कितनी बार
मैं तुम्हें कह चुका हूँ,
लिख चुका हूँ,
महसूस करवा चुका हूँ।
लेकिन....
आज मैं तुमसे सुनना चाहता हूँ 
अब तक तुमने कितना महसूस की हो मेरे प्रेम को , 
बताओ ना क्या हो तुम मेरे लिए ?
मुझे तुम्हें नहीं 
अपने प्रेम को आँकना है
तुम्हारी नज़रों में
ज़बाब...
तुम्हारे लिए मैं एक प्रेम की समाधि हूँ, 
शायद वो समाधि
जिसमें तुम 
जीवन के उस 
परम सत्य रूपी शब्द को  लिखा करते हो, 
जैसे एक शिशु 
अपनी माँ को आवाज़ लगा कर 
स्वयं के लिए सबसे सुरक्षित 
आग़ोश माँगता है । 
जीवन का रहस्य भले न जान पाएं हों 
लेकिन जीने का रहस्य ज़रूर जान गए हो 
जीवन के तमाम उलझनों के बावजूद 
जिंदगी में आगे बढ़ने का हौसला जरूर सीख गए हो‌
शायद तुम प्रेम को पा गए हो ।

~केसरी "एक संवाद"

©Mukul Chandra Keshari #Books
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