Nojoto: Largest Storytelling Platform
viveksingh5010
  • 1Stories
  • 2Followers
  • 2Love
    0Views

vivek singh

  • Popular
  • Latest
  • Video
a1b0d60d1f7d07eb645fba0e500e0cb0

vivek singh

इतिहास के पन्नो मे अंकित गौरवशाली  एक बिंदु हुँ मैं,
उत्पत्ती से अंत्येष्टि तक 
मै हिंदू हुँ हाँ हिंदू हुँ मै |
जब पृथ्वी थी शुन्य से भरी हुई,
अंधकार से भरी हुई,
जग का हाथ पकड़ ज्ञान का दिप जलाया हमने,
दिनकर की लाली दे कर के अंधकार मिटाया हमने,
 पीड़ा वसुधा का हरने को अध्यात्म का तंत्र दिया,
वेदों का उपहार दिया " ॐ" नाम का मंत्र दिया ,
जब भ्रमित हुआ पार्थ रण मे
तब गीता का मार्ग दिखलाया है,
सर्वत्र मुझी से निकले हैं 
मुझमे ही सकल समाया है,
मै राम कृष्ण मै अनंत विशाल 
मै दुर्गा चंडी माहकाल,
मै इन्दु,प्रभाकर से प्राचीन 
रग-रग मे लिप्त अनुभुती नवीन,
आदि से अनंत का संपूर्ण सिन्धु हुँ मै ,,
उत्पत्ती से अंत्येष्टि तक 
मै हिंदू हुँ हाँ हिंदू हुँ मै ||
रक्त की एक -एक बुंद राष्ट्र पे भर-भर नेवछावर कर दूँ,
जब मै खोलुँ आंख तिसरी तो मरघट मे धुंआधार हर-हर कर दूँ,
राष्ट्र भुमी के कण-कण मे जो माँ देखे वो हर दृष्टि हिंदू है,
धू-धू  कर जलती ज्वाला मे जौहर की प्रवृत्ति हिंदू है ,
व्यक्तित्व हिंदू है,अस्तित्व हिंदू है ,
अन्तर्मन के कण-कण की अभिव्यक्ती हिंदू है ,
स्वयं का नही अपितु संपूर्ण विश्व का कल्याण हो जाये,
हिंदुत्व वही जिसका मनुष्यता मात्र पे नेवछावर प्राण हो जाये,,
त्याग, पराक्रम और मानवता का विशिस्ट संगम हुँ मै ,
उत्पती से अंत्येष्टि तक 
मै हिंदू हुँ हाँ हिंदू हुँ मै ||
मै गीता का ज्ञान अमर 
मै कुरुछेत्र का महा समर 
मै माधव का चक्र सुदर्शन हुँ 
मुख मे तीनो लोक का दर्शन हुँ 
पल भर मे प्रलयंकर हुँ मै 
आदि पुरुष हुँ शंकर हुँ मै 
रौद्र हुँ श्रृंगार भी मै, ढाल भी हुँ प्रहार भी मै 
मै वचन बध्ह मै मृत्यु द्वार पे कवच-कुंडल का दान करूँ,
समस्त के उद्धार हेतु मै ही तो विष का पान करूँ
मै प्रकृति का हुँ दृश्य अकाण्ड
समाहित मुझमे अनन्त ब्रह्माण्ड
सकल धरा के परिधि का केंद्र बिंदु हुँ मै 
उत्पती से अंत्येष्टि तक 
मै हिंदू हुँ हाँ हिंदू हुँ मै ||
सृष्टि के माथे का चंदन हुँ मै 
मानवता का अभिनंदन हुँ मै 
जग को जीना सिखलाया हमने 
शुन्य से अनन्त तक बतलाया हमने 
सब मे सम्लित हो जाता हुँ मै 
गैरों को भी अपनाता हुँ मै 
प्रेम पुष्प का प्रतिक हुँ मै 
सभी धर्मों का अतीत हुँ मै 
मृत्यु मात्र से भयभीत नही,अमरत्व का अमिट एक गीत हुँ मै !
आकाश से पाताल तक,गत और अनागत काल तक ,
संपूर्ण सृष्टि के संस्कृतियों का सिन्धु हुँ मै ,
उत्पती से अंत्येष्टि तक 
मै हिंदू हुँ हाँ हिंदू हुँ मै ||
नही सीमा का विस्तार किया,
मैने बस प्रेम प्रसार किया
ज्येष्ठ नही अपितु श्रेष्ठ भी हुँ 
पर अन्यथा न शस्त्र उठाया है 
हिंदू बन जाने को कहो कब किसका रक्त बहाया है 
कितनी मजारेँ दफ़न किया 
कितने मिनार गिरायें है 
मानवता के आड़ मे कहो कब धर्म को दिवार बनायें है 
सर्व धर्म सम्भाव यही मात्र मुल मेरे हैं 
मंदिर के निर्माण हेतु बोलो कब मस्जिद तोडे है 
पर मेरे सरल स्वभाव पे तुम अपनी मर्यादा भुलो ना 
गले लगाया है तुमको तो पीठ पे शूल हुलो ना 
पद्मवती का प्रण तुम भूलो ना
महाराणा का रण तुम भूलो ना 
भूलो ना गोरा-बादल के तलवरों का तुम प्रहार 
धड़ मात्र यम के दूत बने करते सत्रु का तर-तर संहार
भूलो ना विर शिवाजी को जब भगवा ध्वज ले निकले थे
मराठी रक्तों के शोलों से औरंगजेब जब पिघले थे
केशरिया ध्वज मे लिपटा जलती ज्वाला का सिन्धू हुँ मै ,
उत्पती से अंत्येष्टि तक 
मै हिंदू हुँ हाँ हिंदू हुँ मै ||
रात्रि से प्रभात का प्रारंभ हूँ मैं,
ब्रह्माण्ड के सृजन का आरंभ हूँ मैं,
एक जननी, एक ईश्वर
पृथक नहीं अखंड हूँ , 
गंगा सी अविरल अनंत
हिमालय सा प्रचंड हूँ ,,
मै बुद्ध मे, महावीर मे मै
साई और कबीर मे मै,
उत्साह मे मै, पीर मे मै,
हिन्द के हर नीड़ मे मै,,
हो गया जहाँ सर्वस्व अंतिम
वहाँ से शुरू हूँ मैं,
अखंड भारत का हूँ अटल संकल्प
 पुरातन काल से ही विश्व गुरु हूँ मैं,,
भारत के आभामंडल का इंदु हूँ मैं,
उत्पत्ती से अंत्येष्टि तक 
मै हिंदू हुँ हाँ हिंदू हुँ मै || #NojotoQuote मै हिंदू हूँ हाँ हिंदू हूँ मैं

मै हिंदू हूँ हाँ हिंदू हूँ मैं


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile