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kamalbhansali5171
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Kamal bhansali

Advocate

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Kamal bhansali

White शीर्षक: तन्हाइयों ने 

तन्हाइयों ने मुझे इतना ही समझाया है 
जो तुमने खोया उसको ही हम ने पाया है 
हमनें तो उन्हें सिर्फ गले से ही लगाया है 
तन्हाइयों....

भूल गए जो तुम्हें उनसे क्यों दिल लगाया है ?
याद क्यों करते उन्हें जिन्होंने तुम्हें रुलाया है ?
गैर हुए रिश्तों ने किस को फिर अपनाया हे ?
तन्हाइयों.....

जो भ्रम तुमने अपनाया वो तुम्हारा साया है 
बदलते जज्बातों में हर अपनापन पराया है
स्वार्थ की दुनिया में कहीं धूप कहीं छाया हे
तन्हाइयों...

मत रो बंधु तेरी तन्हाइयों ने ये ही तो बताया है 
तेरी मुस्कानों ने न जाने कितनों को हंसाया हे 
प्रेम के फूलों की तरह जिया तूं यही बताया है
तन्हाइयों ने...
🌷🌷🌷
तन्हां वो ही होते हे जो जग के लिऐ जी ते है 
अनुभव के मसीहा हर गम को ऐसे ही सहते है 
मुस्कराहट देने वाले सदा खिलौना बन रहते है 
तन्हाइयों ने....
✍️ कमल भंसाली

©Kamal bhansali
  #Hope तन्हाइयों ने
# कमल भंसाली

#Hope तन्हाइयों ने # कमल भंसाली #कविता

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Kamal bhansali

शीर्षक : बिन साजन होली

मौसम हुआ सदा बहार
रिमझिम बरसे फागुन फुहार
आई होली बन रंगों का त्यौहार
मौसम...

पिया मिलन की बनी चाह तन की
सखी रे ये बात बताऊं तुम्हें मन की
गा रहे मेरी सांसों के सारे सरगमी तार
मौसम.....

होली की पुरवाई दिल की रंगिनी करे पुकार
चाहत की रातों में करवटें बदलू पिया बार बार
नैन पुकारे साजन होली में न कराओ इंतजार
मौसम...

सखियां दे उल्हाने पनघट पर छेड़े बार बार
पूछे गौरी से कब आएंगे तेरे साजन इस बार
बेदर्दी बालम कसम तुम्हें अगर न आये द्वार
मौसम....

मोहे होली आये न रास पिया जब तुम न हो पास
मोह की मतवारी आंखों को तेरी आहट की आस
रंग रसिया बालम इंतजार में सांसों की प्रेम प्यास
मौसम...
✍️ कमल भंसाली

©Kamal bhansali #bicycleride
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Kamal bhansali

Shree Ram राम का नाम ले ले अब देरी न कर
तन से नहीं आत्मा से कर स्वीकार
राम ही इस जग के एक पालनहार
राम का....

राम नहीं दिल में तो जीवन में नहीं सार
बची उम्र को अब न कर और शर्मसार
राम नाम का एक तिनका करेगा उद्धार
राम का...

महसूस हो पवन पुत्र की भक्ति का सार
राम नाम जप खुल जायेगा मोक्ष का द्वार
किस लिए जन्म लिया जरा समझ इस बार
राम का..

कल राम अपने घर आयेंगे होंगे कई चमत्कार
भारत की धरती पर देवता करेंगे राम सत्कार
गर्व कर तन तूं जन्मा भारत की पावन धरा पर
राम का ....

विनती करूं प्रभु से भारत में सदा रहे राम राज्य
प्रार्थना खुशहाली से सर्व सम्पन्न रहे हिंद का भाग्य
राम दिल में राम आत्मा में हर जीवन रहे मंगलमय
राम का...
✍️ कमल भंसाली

©Kamal bhansali #shreeram
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Kamal bhansali

Jai shree ram राम का नाम ले ले अब देरी न कर
तन से नहीं आत्मा से कर स्वीकार
राम ही इस जग के एक पालनहार
राम का....

राम नहीं दिल में तो जीवन में नहीं सार
बची उम्र को अब न कर और शर्मसार
राम नाम का एक तिनका करेगा उद्धार
राम का...

महसूस हो पवन पुत्र की भक्ति का सार
राम नाम जप खुल जायेगा मोक्ष का द्वार
किस लिए जन्म लिया जरा समझ इस बार
राम का..

कल राम अपने घर आयेंगे होंगे कई चमत्कार
भारत की धरती पर देवता करेंगे राम सत्कार
गर्व कर तन तूं जन्मा भारत की पावन धरा पर
राम का ....

विनती करूं प्रभु से भारत में सदा रहे राम राज्य
प्रार्थना खुशहाली से सर्व सम्पन्न रहे हिंद का भाग्य
राम दिल में राम आत्मा में हर जीवन रहे मंगलमय
राम का...
✍️ कमल भंसाली

©Kamal bhansali
  # जय श्री राम कमल भंसाली

# जय श्री राम कमल भंसाली #कविता

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Kamal bhansali

नव वर्ष की शुभकामनाये 

नया साल का नया है, स्वर्णिम सवेरा
मुस्करा कर जिये, जीवन बड़ा प्यारा

आशा के दीपों से दूर हो निराशा का अंधेरा
मंगलमय सोच में सदा रहे आस्था का बसेरा

कठिन नहीं होती कभी भी जीवन की ये राहें
पथ के राही को देख खिल जाती समय की बाहें

अनजानी चाहतों से घबरा जाता दिल हमारा
अति भोग से बचे हम तो सदाबहार रहेगा चेहरा 
 
उर में आपके आनंद रहे आत्मा में जीवन - सुधार
वर्ष की उत्तमता में आप करे सफलताओ का श्रृंगार

शुभता का ये संदेश ' आप सदा खिलखिलाते रहे'
"कमल" चाहता हर रिश्ते में प्रेम के फूल महकते रहे

इस जीवन में मिला आपका प्यार मंगल धरोहर है
शुभकामनाओं में शुभता से रचा ये अद्भुत संसार है

स्वीकार करे नववर्ष पर हमारी ये आत्मिक शुभकानाये
करते प्रभु से प्रार्थना आपके जीवन पथ पर फूल बरसाये
✍️कमल भंसाली

©Kamal bhansali
  #Newyear2024
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Kamal bhansali

🙏विजय दशमी मंगल-कामना प्रार्थना 🙏
          
ढूँढा खुद में राम, तो भीतर बैठा रावण मिला
प्रार्थना की राम की, तो अंदर का रावण जला
                       🙏

देव अनभूति हुई,  तो हनुमान जैसा ज्ञान मिला
कृपा करेंगे, श्रीराम, हम पर, ये अनुमान मिला
                        🙏

विजयी हो वासनाओं से, सब को निर्वाण मिले
प्रभु भक्त कह रहा, सबको ऐसा ही वरदान मिले

                         🙏
कल्याणकारी हो आप, दया के सम्राट कहलाते
भक्तों की सुनना प्रभु, वो आशा के दीप जलाते

                          🙏
राम लक्ष्मण भरत जैसा भाई, सीता जैसी हो नारी
है दया-निधान, देश-भक्ति, हनुमान जैसी हो हमारी

                            🙏
'कमल' करे, मंगलकामनाएँ, आप सुख- समृद्धि पाये
विजय करे हर पावन-लक्ष्य, प्रभु श्री राम का वरदान पाये

✍️ कमल भंसाली

©Kamal bhansali
  #happydussehra
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Kamal bhansali

नश्वरता
न कोई दुःख है
न कोई सुख है
क्यों शिकायत करे ?
जिंदगी का अपना रूतवा है।

जिंदगी बन रही बाजार है
बिन कीमत कितनी लाचार है
हर कोई बिकने को तैयार है
बिन खरीद के सब दावेदार है

टूटे अंदर से है
बाहर तो शानदार है
कोई भी खोले
बेशर्मी के बेशुमार द्वार है 

सच शायद सोया सा रहता है
झूठ हर समय तैयार रहता है
विश्वास हर जगह भटकता है
छल का डर तभी तो रहता है

स्वार्थ संबंधो का विकार है
आदमी तभी तो बीमार है
प्रेम की संजीवनी तैयार है
सिर्फ शुद्धता की दरकार है

दुनिया सुंदर है
शिव अंदर है
चेतना एक स्वर है
आत्मा तो अमर है
सोचो, शरीर क्यों नश्वर है ?
✍️ कमल भंसाली।

©Kamal bhansali
  #Chhuan
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Kamal bhansali

दो जून की रोटी अब कोई बड़ा ख्याल नहीं है
जिंदा रहे आदमी, अब ये कोई सवाल नहीं है

इंसानी बस्ती में आजकल इंसान को खोजना पड़ता है
हैरत की बात, खुद में इंसानियत को तलाशना पड़ता है

दो पैर के इंसान को दो पथ पर ही चलना होता है
विश्वास के लिए सिर्फ सच या झूठ कहना पड़ता है

आजकल इंसान सिर्फ खुद के जिस्म को ढोता रहता है
ख्वाइशों के बोझ तले मृत्यु के कारणों को ढूंढता रहता है

मायने जिंदगी के, चेहरे की झुरियों की उलझन बन रहे है
दो जून की रोटी में, विलासिता के सितारे टिमटिमा रहे है

कहते थे कभी परिश्रम की रोटी का मजा अलग होता है 
इंसान अब बिन बादल की बरसात में ही नहाना चाहता है

दो जून में पसीने की रोटी अब नसीब वाले को मिलती है
क्योंकि, जिंदगी अब जरूरत से ज्यादा दिमाग में रहती है
✍️ कमल भंसाली

©Kamal bhansali # दो जून की रोटी # कमल भंसाली

# दो जून की रोटी # कमल भंसाली

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Kamal bhansali

अकेली सी, मेरी जिंदगी
तन्हाइयों में मुस्कान ढूंढती है
किसे कहे, जिंदगी कैसे चलती है ?

कल के मेरे बीते पलों में
शुक्र है, महक अब भी बाकी है
किसे कहे, जिंदगी अब इतफाकी है ?

कल वो सब मेरे साथ रहते 
आज वो अपनी दुनिया में रहते है
किसे कहे, अब आंखे उन्हें भी ढूंढती है ?

पथिक बन ही चलता
मंजिले तो अब कतराती है
किसे कहे, दूर से ही तकती है ?

निराश सी लगती है, जिंदगी
सड़क चाहत की सूनी सी दिखती है
किसे कहे, अब सांसे भी चलते थकती है ?

कनक आभास सी है, जिंदगी
इस सोच में भी खोट नजर आती है
किसे कहे, कुछ हसरतें अब भी सताती है ?
✍️ कमल भंसाली

©Kamal bhansali
  # किसे कहे ? 
# कमल भंसाली

# किसे कहे ? # कमल भंसाली

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Kamal bhansali

ख्वाइसों के खेल में,
जिस्म को जानना जरूरी होता है
बात खुद की, खुद को तलाशना होता है

करतूते जिंदगी की सदा यही रही
उसूलों को सदा दाव पर लगाती रही 

भूले भी जिंदगी से कोई कम नहीं हुई
सदा दिये तले ही रोशनी तलाशती रही

मुश्किलों के संसार में आसान नहीं संभलना
दस्तूर है यहां हाथ बढ़ाकर वापस समेट लेना

धोखा गैर से मिले तो दर्द को आंकना नहीं पड़ता
अपनो से मिले तो इधर उधर झांकना नहीं पड़ता

मुस्कराने की वजह न होती तो उदासिया कम नहीं होती
राहें मंजिल की तो दूसरों को दोष देने की वजह न होती

' कमल' क्या कहे ? सबक जिंदगी के याद कम ही रहते
 राह चलते राहिगीर के पांवों में फूल संग कांटे भी चुभते

सार यही समझ में आया, इंसान खुद के साये से डरता
उल्फत के नाम पर, शक के जहर से पल पल जीता मरता
✍️ कमल भंसाली

©Kamal bhansali
  ख्वाइशों के खेल में

ख्वाइशों के खेल में #कविता

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