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kavyabhardwaj3005
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Kavita Bhardwaj

your life does not get better by chance.. It gets better by a change... live young#liv happily#innovative#quotes#lv to do incredible things#poetry lover♥️📝

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Kavita Bhardwaj

ये भीड़
मुझे बेगानी लगती है..
पांव धंसे मिट्टी में जैसे,
धुंधली सी..
अपनी कहानी लगती है..

ना छुपी, 
ना कभी जाहिर हुई
एक कमी पापा!!
इस ज़माने की खुद्दारी मुझे हमेशा ठगती है..

सच लगता था सब
जब साथ तुम्हारा था,
इस शोर में अब भी कोई आहट 
जानी पहचानी लगती है..

वो छाया में रहना तुम्हारी
मुझे सदा भाता था
ये फरेबी दुनिया
प्रासंगिक इसकी कहानी लगती है..

जो पाया ना जा सके फिर से
उसे पाने की चाह सदा जहन में 
ये मेरी नादानी सी लगती है
ये भीड़..
मुझे बेगानी लगती है
जकड़ी बेड़ियों में
भ्रमित सी..
अनकही कहानी लगती है।

©Kavita Bhardwaj

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Kavita Bhardwaj

रूह तेरी का इकरारनामा
आज यहां,कल का नहीं ठिकाना
छोड़ गईं बेनाम जागीरें
अफजल कर सूनी दीवारें..
ऐसा भी क्या फरमान हुआ,
जो तलख तेरा नाम हुआ
कोरे कागज़ की कीमत सा
किया तेरा हर काम हुआ
ना गवारा हमें तेरा यूं चले जाना
कैसा ये खालिक बेरहम आसमान हुआ।

©Kavita Bhardwaj
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Kavita Bhardwaj

लहजे में मेरे अगर तुम ढल नहीं पाए
  साथ रहकर भी मुझमें मिल नहीं पाए..

सब किताबें वफा की धरी रह गईं,
सारे किस्से भी सुने सुनाए

बंजर जमी को आस थी जिसकी
कुछ पल सुकून के थे बिताए..

आज हाशिए पर खड़े भ्रमित 
निहार रहे खुद को लुटाए..

सिर्फ दो घूंट प्यास के लिए
ना जाने कितने जख्म खाए..

सब बढ़ते रहे निरंतर विजय बेला में..
खड़े अकेले हम अपना सब कुछ लुटाए।

©Kavita Bhardwaj #Thoughts#अकेले हम

Thoughts#अकेले हम

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Kavita Bhardwaj

स्वभाव से नर्म जो हैं
बहुत कुछ लिए चलते हैं जहन में अपने..

©Kavita Bhardwaj #dawnn
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Kavita Bhardwaj

इन खुदगर्ज निगाहों की फितरत..
ये खुशी कम,दर्द ज्यादा बयां करती हैं।

©Kavita Bhardwaj #निगाहें👀

निगाहें👀

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Kavita Bhardwaj

ना कोई साथ
ना ज़िन्दगी से हम खफा हैं
करे कोई ज़ुल्म..
फिर हमें ये किस बात की सजा है।

©Kavita Bhardwaj #writing #निजोटोहिंदी #नोजोटोशायरी
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Kavita Bhardwaj

मैं और मेरी व्यथित सी कविता
कभी उन्मुक्त,
कभी लोभी स्वभाव सी
कभी सिमटे हकीकत में
कभी रूहानी ख्वाब सी
अपनी व्यथा के संकोच से मुक्त 
जीवन तारने वाली
सदा बोले हक के खातिर
कभी ना हारने वाली
उसका स्पर्श निश्चल
 मन को हर्षित कर देने वाला
जले तो अंधकार मिटाने के खातिर
स्वभाव सबकी पीड़ा मिटाने वाला
विस्तृत है इसकी संवेदनाओं का दर्पण
 कर देती स्वयं को,
 इस बोझिल मन को अर्पण
निस्वार्थ ही बह उठती 
लेकर एक नई जिजीविषा
कभी एक गुजरा लम्हा,
तो कभी ख्याल भर है
मैं और मेरी व्यथित सी कविता..।

©Kavita Bhardwaj #alone #विश्व कविता दिवस

#alone #विश्व कविता दिवस

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Kavita Bhardwaj

अंधेरों में जुगनू सी टिमटिमाती वो
कभी महकती..
 कभी लचीली सी शर्माती वो
भर सपनों को मुठ्ठी में अपने
गीत विजय के गाती वो
कभी डगमगाती..
कभी स्वयं तपकर
सबकी जिंदगी संवार देती वो
खुद जलकर,
सबके कष्ट मिटाती..
तभी तो महान नारी कहलाती वो।

©Kavita Bhardwaj
  #women's special

#Women's special

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Kavita Bhardwaj

#Geetkaar ,#कुछ ख्वाब अधूरे

#Geetkaar ,#कुछ ख्वाब अधूरे

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Kavita Bhardwaj

बैठ कश्ती में एकटक
किनारा मैं ताकता रहा
खंजर लिए बैठे थे जो बगल में 
दुख उनसे ही अपना बांटता रहा

भेज मौत का काफिला
जान लेने को हरदम वो तैयार रहा
फ़िक्र तो नहीं,
बस कतल - ए फिराक
का उसका करार रहा

कैसे अब खुद को महफूज़ करें
जब अपनों का भी सहारा ना रहा
भूल इंसानियत का हर मंजर
शराफ़त का पैग़ाम उनको गवारा ना रहा

बेरहम बन वो
बेइंतहा कहर है बरपा रहा
है तेरी ये खुद की खुद से ही साजिशें
जो तू चुप्पी साधे खुद पर यूं ज़ुल्म ढा रहा...

©Kavita Bhardwaj #Memories #krismatickavya
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