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rishabhmehra9055
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Karan Mehra

मेरा नाम करन मेहरा है और मैं अजमेर, राजस्थान का रहने वाला हूँ। मैंने हाल ही में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की है और अब अपने सपनों को पूरा कर रहा हूं। इसके साथ-साथ, मैं अपने लेखन कौशल को निखार रहा हूं और इसमें उत्कृष्टता हासिल करने का प्रयास कर रहा हूं। मैंने "क्रिधा" , "हम-तुम", "बूंदो का मौसम" शीर्षक पे किताब लिखी हैं और वो प्रकाशित हो चुकी है, इसके साथ ही मैने 27 से अधिक साझा संकलनों में अपनी कहानियाँ लिखी हैं। मैं लेखन की दुनिया में अपनी पहचान बनाने और अपनी प्रतिभा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की इच्छा रखता हूं। my contact number :- 9799247280 Books me jo bhi writer apni rachna dena chahte hai wo mere se sampark kar sakte hai...

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Karan Mehra

White तेरी मुस्कान का जादू अनोखा लगे,
जैसे चाँदनी का रंग भी फीका लगे।
लब हिलें तो बहारें महकने लगे,
तेरी हँसी से खुदा भी चमकने लगे।

न कोई नक्श, न कोई साया तेरा,
फिर भी हर दिल में आईना तेरा।
जो एक बार देखे, वही खो सा जाए,
तेरी मुस्कान में कोई राज़ छुपा है भला?

©Karan Mehra #love_shayari  quote of love

#love_shayari quote of love #Love

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Karan Mehra

*"खेल, सपने और ज़िंदगी"*

शाम का वक्त था, सूरज ढलने को था। मैं सड़क किनारे खड़ा था, हाथ में कुछ फाइलें थीं, माथे पर हल्की पसीने की बूँदें और दिल में उलझनों की बारिश। तभी सामने मैदान में कुछ लड़के क्रिकेट खेल रहे थे—हँसते, दौड़ते, शोर मचाते। उम्र वही होगी हमारी जैसी—बीस-पच्चीस के आसपास। मगर फर्क इतना था कि वो खेल रहे थे, और मैं खड़ा सोच रहा था।

*"क्या यही ज़िंदगी है?"*

कदम ठिठक गए। मन में सवाल उठा—क्या ये सही कर रहे हैं या मैं?
मैं रोज़ सुबह उठता हूँ, नौकरी पर जाता हूँ, घर लौटकर घरवालों की ज़रूरतें पूरी करता हूँ। महीने के आखिर में बैंक बैलेंस देख मुस्कुराने की कोशिश करता हूँ। मगर क्या ये असली खुशी है?

वो खेल रहे थे—मिट्टी से लथपथ, धूल से सने हुए, लेकिन चेहरे पर मुस्कान थी। जैसे कोई बोझ ही न हो।
मैंने सोचा—क्या ये लोग पैसे नहीं कमाएंगे? क्या ये अपनी ज़िम्मेदारियों से भाग रहे हैं?

तभी उनमें से एक लड़का चिल्लाया—"अरे भाई, टीम में खेलोगे?"

मैं हँसा और सिर हिला दिया—"नहीं यार, मैं बिज़ी हूँ।"
बिज़ी? किसमें?

घर लौटते वक्त मन भारी था। गाड़ी के शीशे में अपनी ही शक्ल अजनबी लग रही थी।
याद आया—कभी मैं भी ऐसे ही खेला करता था। जब जिंदगी सिर्फ़ एक चौका मारने का नाम थी, जब खुशी सिर्फ़ गेंद को हवा में उड़ता देखने में थी।

रात को खाने की मेज़ पर माँ ने पूछा—"कुछ सोच में हो?"
मैंने हँसकर कहा—"नहीं, बस ऐसे ही।"

मगर अंदर कहीं कुछ टूटा था।
क्या हमने खेलना छोड़कर सही किया?
या जो खेल रहे हैं, वही असली ज़िंदगी जी रहे हैं?

अगले दिन ऑफिस जाने से पहले मैंने बैग में एक क्रिकेट बॉल रख ली।
शायद…
आज मैं खेलूँगा।

✍️ करन मेहरा

©Karan Mehra #Thinking
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Karan Mehra

"वो मुस्कान जो आँसुओं में भी खिली रही"

अपनों की मर्ज़ी, दिल के खिलाफ़,
फिर भी उसने अपना लिया था वो हिसाब।
जिस डगर से बचने की चाह थी,
उसी राह पर उसे मोड़ दिया गया था बेहिसाब।

कन्हैया की बंसी भी उलझाने लगी,
सपनों की डोरी में गांठें पड़ने लगीं।
चाहा था खुला आसमान,
मगर जमीं भी अब कांटे बिछाने लगी।

फिर भी उसकी हँसी में दर्द नहीं झलका,
हर आँसू को मुस्कान का परदा मिला।
टूटकर भी जो मजबूत बनी रही,
वो लड़की कोई आम न थी, मिसाल बनी रही।

लोग सोचते हैं वो हंसती है बेपरवाह,
पर कोई नहीं देखता अंदर की कराह।
खुद को समेटे, खुद से लड़ी,
हर हालात में वो सिर्फ़ बढ़ी।

मगर, क्या कन्हैया यूँ ही उलझाए रखेगा?
या उसकी तपस्या का मान रखेगा?
जो हौसले की मिसाल बनी,
क्या मुकद्दर उसका साथ देगा?

वो लड़की... वो ही कहानी,
जिसे पढ़कर हर दिल कहे— "वाह, क्या ज़िंदगानी!" 💫✨

©Karan Mehra #Thinking
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Karan Mehra

माँ के नाम – एक अनकही प्रेम कविता

वैलेंटाइन डे पर सब प्रेम गिनते हैं,
पर कौन है जो माँ के प्यार को बिनते हैं?
वो जो सुबह की पहली किरण से पहले जाग जाए,
बेटे की हर थकान को अपनी हथेलियों में समेट ले जाए।

माँ, तुम वो गुलाब नहीं, जो सिर्फ एक दिन के लिए खिले,
तुम वो बरगद हो, जो हर मौसम में छाँव लिए खड़ी मिले।
तुम्हारा प्यार किसी वादे का मोहताज नहीं,
यह तो उस धड़कन की तरह है जो हर पल साथ रहे।

जब दुनिया कहती है वैलेंटाइन प्रेम का दिन है,
तो मेरा दिल कहता है—यह माँ का दिन है।
क्योंकि सबसे सच्चा, सबसे गहरा,
और सबसे निस्वार्थ प्रेम तो सिर्फ माँ का ही होता है।

माँ, तुम्हारे आँचल की सुगंध में बसे,
हर लम्हे को आज शब्दों में बाँध रहा हूँ,
क्योंकि प्यार की परिभाषा तुमसे शुरू होती है,
और मेरे लिए, वैलेंटाइन सिर्फ तुम्हारे नाम है।

✍️ करन मेहरा

Happy Valentine Day Maa 😘❤️

©Karan Mehra #maa
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Karan Mehra

White तुम्हारी सादगी का गीत

तुम एक नदी हो, जो घर की मिट्टी मे बहती हो,
हर कोने में अपना आँचल बिछाती हो,
दीवारों में गूँजती तुम्हारी हँसी,
हर सुबह को सूरज सा चमकाती हो।

तुम्हारे हाथों की रोटी में स्नेह है,
तुम्हारे आँचल में धूप और छाँव का मेल है,
तुम्हारी आँखों में बच्चों का संसार है,
और दिल में हर रिश्ते का सार है।

तुम्हें न गुमनाम शहरों की चाह,
न महल, न मीलों लंबी राह,
बस चूल्हे की आग तुम्हारी रोशनी है,
और घर की दहलीज तुम्हारी दुनिया बनी है।

तुम्हारी साड़ी में लिपटा है आकाश,
हर रंग को तुमने दिया है विश्वास,
चाहे लाल हो, हरा या नीला,
हर छवि में बस तुम ही हो।

तुम रानी हो, हर कपड़े की शोभा हो,
तुममें बसती है जीवन की हर रचना,
तुम्हारी मुस्कान एक दुआ है,
तुम्हारे होने से घर जन्नत हुआ है।

तुम सिर्फ "तुम" हो, इस संसार की कविता हो,
तुम्हारे बिना अधूरी है हर रचना।
तुम एक कहानी हो, जो कभी खत्म न होगी,
तुम एक कविता हो, जो दिलों में अमर रहेगी।

🖋 करन मेहरा

©Karan Mehra #love4life
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Karan Mehra

White यह दर्द जो दिल में उठता है,
किसी शोर की तरह नहीं, एक ख़ामोशी की सिसकी जैसा है।
वो हँसी, वो चमक, वो आँखों की रौशनी,
अब किसी और के नाम का सिंदूर लिए खड़ी है।

मैंने उसे चाहा, जैसे परिंदा आसमान को चाहता है,
पर वो उड़ान अब किसी और की है,
मैं बस दूर से देखता हूँ, उसकी हर तस्वीर में वो है,
पर अब वो मेरी नहीं, किसी और की मंज़िल है।

वो वादा, वो कसमें, सब जैसे हवाओं में घुल गए,
मैं यहाँ, उसी मोड़ पर ठहरा हुआ हूँ,
जहाँ हम कभी साथ खड़े थे, हाथों में हाथ लिए,
पर अब वो हाथ किसी और की हथेली को छूते हैं।

ये ज़िन्दगी जैसे किसी ख़्वाब की तरह गुज़र गई,
जिसकी नींद कभी खुली ही नहीं,
अब हर रात, हर याद जैसे कोई साया बनकर,
मेरे साथ चलती है, पर वो कभी लौटकर नहीं आएगी।

उसकी सारी तस्वीरें आज भी मेरे पास हैं,
पर उनमें वो लड़की नहीं है,
जो कभी मेरे नाम से मुस्कुराती थी,
अब वो किसी और की धड़कन बन चुकी है।

ये दर्द, ये ग़म, ये बेबसी,
कभी ना ख़त्म होने वाली एक कहानी बन गई है,
और मैं उस कहानी का वो पन्ना हूँ,
जिसे शायद कभी कोई दोबारा नहीं पढ़ेगा।

✍️ करन मेहरा

©Karan Mehra #Sad_Status
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Karan Mehra

White श्री रतन टाटा एक ऐसी शख्सियत थे जिनका नाम सुनते ही हमें उनके योगदान और परोपकार की याद आती है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि व्यवसाय केवल लाभ कमाने का माध्यम नहीं है, बल्कि समाज की भलाई के लिए भी एक जिम्मेदारी है। 

उनका दृष्टिकोण हमेशा आगे की सोच वाला था। उन्होंने न केवल टाटा समूह को एक वैश्विक ब्रांड बनाया, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया। उनका दृष्टिकोण यह था कि एक सफल व्यवसाय वही है जो समाज में योगदान करे। 

वे एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपने कार्यों से यह साबित किया कि अगर इरादे नेक हों, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। रतन टाटा ने न सिर्फ उद्योग जगत में अपनी छाप छोड़ी, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने। उनकी उदारता, मानवता और दृष्टिकोण ने कई लोगों के जीवन को छुआ है। 

आज जब वे हमारे बीच नहीं हैं, तो उनकी यादें और शिक्षाएं हमें प्रेरित करती रहेंगी। हमें उनकी सोच को आगे बढ़ाना चाहिए और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाना चाहिए। उनकी कमी हमेशा महसूस होगी, लेकिन उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। 

श्री रतन टाटा का जीवन एक प्रेरणा है, जो हमें यह सिखाता है कि सच्चा धन वही है जो समाज की भलाई में लग जाए। उनके द्वारा छोड़ी गई विरासत हमेशा जीवित रहेगी।

श्री रत्न टाटा सर को भावपूर्ण श्रध्दांजलि 🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🙏🙏🙏🙏🙏

©Karan Mehra #Ratan_Tata
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Karan Mehra

सुबह का सूरज और तुम

सुबह का सूरज जब भी पहली किरण धरती पर बिखेरता है, 
मुझे हमेशा तुम्हारी याद आती है। 

जैसे वह किरण रात के अंधेरों को चीर कर नए दिन की शुरुआत करती है, 
वैसे ही तुम्हारी मुस्कान मेरे मन के सारे सवालों का जवाब बन जाती है। 

सूरज की हर किरण में जैसे तुम्हारी हंसी का उजाला होता है, 
जो मेरी आत्मा के हर कोने को रौशन कर देता है।

तुम्हारी आँखें उस सुनहरी किरण जैसी हैं, 
जो किसी नयी उम्मीद का वादा करती हैं। 

और जब वह रोशनी मेरे चेहरे पर पड़ती है, 
तो मैं भूल जाता हूँ कि मैंने रात भर इंतजार किया है सुबह का तुम्हारे साथ। 

तुम ही तो वह सुबह हो, 
जो हर दिन को खास बना देती हो, 
हर पल को नया रूप देती हो।

सुबह का सूरज और तुम, 
दोनों ही ऐसे हो जो मेरे जीवन के सबसे खूबसूरत एहसास हो। 

सूरज की तरह तुम्हारे बिना मेरी जिंदगी अधूरी है, और जब तुम पास होते हो, 
तो जीवन का हर दिन एक नयी सुबह जैसा लगता है, 
जिसमें बस तुम्हारा उजाला है।

✍ करन मेहरा

©Karan Mehra #sooraj
#Morning 
#Love
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Karan Mehra

White मोहब्बत तो वो दरिया है, जो हर किनारे को छूने की चाहत रखता है, पर कभी किनारों से बंध नहीं पाता। कुछ कहानियाँ अधूरी नहीं होतीं, बस उनका मुकाम कहीं और होता है—वक्त की चादर में लिपटा, अनकही धड़कनों में छिपा। मोहब्बत का असल मतलब मुकम्मल होना नहीं, बल्कि उस अहसास को जीना है, जो एक अधूरी कहानी भी सदी दर सदी दिलों में जिन्दा रखती है।

हर अधूरी कहानी का अपना एक सफर होता है, और शायद, उसी अधूरेपन में उसकी खूबसूरती छिपी होती है।

©Karan Mehra #love_shayari
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Karan Mehra

White गुलाबी साड़ी में तुम्हारा यूँ चलना हाय,
जैसे चाँदनी रात में किसी ने इत्र बिखेर दिया हो।
हर कदम पे जैसे फिज़ा ने थम के साँस ली हो,
और हवाओं ने भी अपने रुख बदल लिए हों।

वो तुम्हारी मुस्कान, जैसे सुबह की पहली किरन,
दिल के हर कोने को रोशन कर गई हो।
तुम्हारे कदमों की आहट, जैसे मंदिर की घंटियों की गूंज,
जो हर धड़कन को एक नया सुर दे गई हो।

कभी न देखी ऐसी तस्वीर ख्वाबों में भी,
तुम्हारे साथ होने का अहसास, जैसे रूह को सुकून मिल गया हो।
गुलाबी साड़ी और तुम, एक अनकही दास्तां की तरह,
जिसे पढ़ने का मन करता है बार-बार, हर बार कुछ नया पाने के लिए।

✍ करन मेहरा

©Karan Mehra #love_shayari
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