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bhaivakeelsharma6328
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Bhai Vakeel Sharma

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Bhai Vakeel Sharma

केवल खुद की फ़िक्र अक्सर तनाव देती हैं , 
दूसरों की फ़िक्र करके देखिये लगाव देती है..!!
इसलिए अपनों की फिक्र करना कभी ना छोड़ें..

©Bhai Vakeel Sharma बात दिल की थी इसलिए..
मैंने दिल खोल कर मोहब्बत की..!!☺

बात दिल की थी इसलिए.. मैंने दिल खोल कर मोहब्बत की..!!☺ #विचार

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Bhai Vakeel Sharma

प्यार वो है जिसमें किसी के मिलने की,
उम्मीद भी ना हो फिर भी इंतजार उसी का हो..!!

©Bhai Vakeel Sharma किसी ने पूछा प्यार क्या है,
    प्यार वो है जो हद में रहकर बेहद हो जाए..!!😊

किसी ने पूछा प्यार क्या है, प्यार वो है जो हद में रहकर बेहद हो जाए..!!😊 #बात

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Bhai Vakeel Sharma

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुरेव परंब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।।

अर्थात, गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है और गुरु ही भगवान शंकर है। गुरु ही साक्षात परब्रह्म है। ऐसे गुरु को मैं प्रणाम करता हूँ।

©Bhai Vakeel Sharma गुरु कुम्हार शिष कुम्भ है, गढ़ि गढ़ि काढ़ै खोट।
अन्तर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट।

 

अर्थात, गुरु एक कुम्हार के समान है और शिष्य एक घड़े के समान होता है। जिस प्रकार कुम्हार कच्चे घड़े के अन्दर हाथ डालकर, उसे अन्दर से सहारा देते हुए हल्की-हल्की चोट मारते हुए उसे आकर्षक रूप देता है, उसी प्रकार एक गुरु अपने शिष्य को एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व में तब्दील करता है।

गुरु कुम्हार शिष कुम्भ है, गढ़ि गढ़ि काढ़ै खोट। अन्तर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट। अर्थात, गुरु एक कुम्हार के समान है और शिष्य एक घड़े के समान होता है। जिस प्रकार कुम्हार कच्चे घड़े के अन्दर हाथ डालकर, उसे अन्दर से सहारा देते हुए हल्की-हल्की चोट मारते हुए उसे आकर्षक रूप देता है, उसी प्रकार एक गुरु अपने शिष्य को एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व में तब्दील करता है। #अनुभव

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Bhai Vakeel Sharma

#krishna_flute#BhaiVakeelSharma#पहला_श्लोक
 ( भगवत गीता )
 
धृतराष्ट्र उवाच
धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः ।
मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय ॥ 

भावार्थ :  धृतराष्ट्र बोले- हे संजय! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में एकत्रित, युद्ध की इच्छावाले मेरे और पाण्डु के पुत्रों ने क्या किया?॥1

#krishna_flute#BhaiVakeelSharma#पहला_श्लोक ( भगवत गीता ) धृतराष्ट्र उवाच धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः । मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय ॥ भावार्थ : धृतराष्ट्र बोले- हे संजय! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में एकत्रित, युद्ध की इच्छावाले मेरे और पाण्डु के पुत्रों ने क्या किया?॥1 #विचार

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Bhai Vakeel Sharma

#zindagi#thokar#tamache#ziddi#thanks
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Bhai Vakeel Sharma

#juban#maafi#zindagi
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Bhai Vakeel Sharma

#jazbaat#samajh#zindagi
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Bhai Vakeel Sharma

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Bhai Vakeel Sharma

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Bhai Vakeel Sharma

#zindagi#
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