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mohdimranmohdimr1084
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Mohd Imran Mohd Imran

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Mohd Imran Mohd Imran

कभी तेरी मोहब्बत का चर्चा आम ना होगा

उसके नाम से जब तक के तु बदनाम ना होगा love my pic

love my pic

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Mohd Imran Mohd Imran

मोहब्बत के ज़ख्म हैं, ना समझो निशां और

इन्हें देखकर होता है मुझे, इश्क़ पे गुमां और 


                              सोच रहे थे 'इमरान' 
          ही क़ायल हैं गालिव के

                       जिसे देखो वो करता है,
      अन्दाज़-ऐ बयां और  इश्क़

इश्क़

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Mohd Imran Mohd Imran

मोहब्बत के ज़ख्म हैं, ना समझो निशां और

इन्हें देखकर होता है मुझे, इश्क़ पे गुमां और 


                              सोच रहे थे 'इमरान' 
          ही क़ायल हैं गालिव के

                       जिसे देखो वो करता है,
      अन्दाज़-ऐ बयां और इश्क़

इश्क़

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Mohd Imran Mohd Imran

जब से दरवाजे पर उसने आना छोड़ा
                    हमने तमाशा उस गली में दिखाना छोड़ा

अब कोई भी चहरा खास ना लागे है 'इमरान'
मैने खुद को भी आईना दिखाना छोड़ा love

love

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Mohd Imran Mohd Imran

जो अपने से बड़े का यहाँ सम्मान रखता है
ऐसी तहजीब-ओ अमन मेरा हिन्दुस्तान रखता है 
बो ही देते हैं अपने बेटो को बहादुरी का सबख
जिसका बाप अपनी हथेली पे जान रखता है inqilav jindabaad

inqilav jindabaad

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Mohd Imran Mohd Imran

tere baade se jis din mukar jaaunga
soch lena usi din main mar jaaunga

teri khusiyon ki khatir meri dilruva
aag dariya ho fir bhi utar jaaunga imtehan

imtehan

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Mohd Imran Mohd Imran

चाँद को देखूँ  तो  दीवार  सा  लागे  है  
उसके  पीछे  मुझे  दिलदार  सा  लागे  है 

कैसा  जुनूँ  है  सर  पे  मोहब्बत  का 
हर  एक  चैहरा  मेरे  यार  सा लागे है 

जब  से  कहा  उसने  ईद  को  मिलेंगे 
तब  से  हर  दिन  मुझे  त्योहार  सा लागे है ईद मुबारक

ईद मुबारक

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Mohd Imran Mohd Imran

#OpenPoetry आँखो के समुन्दर को मैं पीना चांहता हूँ 
इन लहरो में उतरने को सफ़ीना चांहता हूँ love
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Mohd Imran Mohd Imran

#OpenPoetry जो सुखनवर गरीबो की
चीख लिखते हैं

तुम उस कलम को उठाओ
तो कोई बात बने सच
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Mohd Imran Mohd Imran

इसलिए आया हूँ माजरत के लिऐ

गलती से तुम्हारे ख्याब देख लिऐ मैंने छमा

छमा

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