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vivekshahi1190
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Vivek Shahi

Null And Void.

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Vivek Shahi

ज़िन्दगी तेरे अजब तरीके हैं, कोई सौगात देने के।
लम्हों में नमी डाल कर, आँखों के बरसात देने के।

जीत पर ,तेरे वजूद के चर्चे तमाम हैं आज, तो क्या।
खुदा भी जानता है तरीके,खामोशी से तुझे मात देने के।

इक रोज़ दिल का हर कोना बिक ना जाए बाज़ार में।
शायरी की अजीब कीमत हैं,कागज को जज़्बात देने के।

मुद्दत हो गई कि दीदार नज़र कभी उलझे उनसे भी।
इस शहर की पहलू में कई यादें है पहली मुलाकात के।

वो शिकायत करते है हमसे बेवफाई के हर रोज़।
और खफा भी हो जाते हैं,मेरे वफा के सवालात पे।









     #NojotoQuote ग़ज़ल
#nojoto #ghazal

ग़ज़ल #Nojoto #ghazal

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Vivek Shahi

सितम का दौर है, ऐन-ए-ज़िंदगी तुझसे क्या पूछे?।
बुझ गया चिराग है,शब-ए-तीरगी तुझसे क्या पूछे?।

अजीब यास है इस जान - ए- बहार में इस पहर भी।
गमो की हुकूमत में राज़ -ए -खुशी तुझसे क्या पूछे?।

मय के रास्ते जनाब-ए-जाहिद से नही पूछे जाते हैं।
खुदा को भूलकर मस्लक-ए-बंदगी तुझसे क्या पूछे?

शाम - ए - दर्द  का असर हर सोगबार के चेहरे पर हैं।
इस पेचीदगी में सादगी- ए- इश्क़ तुझसे क्या पूछे?।

मेरे अक्स का मुकद्दर किसी आईने की सूरत कहाँ।
ऐ आईना अब आलम-ए-अफसुर्दगी तुझसे क्या पूछे?।























     #NojotoQuote ग़ज़ल
#nojoto #ग़ज़ल

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Vivek Shahi

सुकून के कुछ हर्फ़ बाजार - ए - सुखन से खरीद लाना।
संवारने को अब मुल्क तुम वतन-ए-अमन खरीद लाना।

उजड़ गए सारे रंग- ओ - ख़ुशबू से लबरेज़ शजर यहाँ।
फ़िज़ा के रंग में तुम बहार - ए - चमन खरीद लाना।

हुई है गुफ़्तगू जिस शब जीस्त से, फ़साने वो बन गए।
बेचकर इनको तुम क़ज़ा से इक कफन ख़रीद लाना।

सुना है लोग भी आजकल जिक्र-ए-वतन करने लगे है।
जरा उनलोगों के घर से कोई हम - वतन खरीद लाना।

सुकून-ए-क़ल्ब की उम्मीद में बैठा हूँ इस रहगुज़र में।
इस राह में अब कोई अंजुमन- ए- दिल खरीद लाना।















     #gif ग़ज़ल
#nojoto #ग़ज़ल

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Vivek Shahi

कभी इन हाथो की लकीरें पढ़ ली।
शायद तक़दीर की तहरीरें पढ़ ली।

बजा है गुनाह मर्ग -ओ- ज़ीस्त का।
बाकी शैख़ जी की तदबीरें पढ़ ली।

मुतमइन दिल और जजा की तलब।
जिगर में अब दर्द की तामिरें पढ़ ली।

दिल - ए- हज़ीं वफ़ा का तालिब तो है।
शम-ए-वफ़ा की शब में तासीरे पढ़ ली।

फलक से सहाब तक खुदा की... नेमत है।
कुदरत से इस शय की भी तफसीरें पढ़ ली।















 #gif ग़ज़ल
#nojoto #ghazal

ग़ज़ल #Nojoto #ghazal #Gif

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Vivek Shahi

गुजर गए  लोग, मिरी  बक़ा  पूछने  वाले।
ख़मोश  चेहरे से  मिरी  बजा  पूछने  वाले।

नेकी के क़बा से  नही  छुपते  उर्यां  गुनाह।
लोग है दिल के चाक से  वफ़ा पूछने  वाले।

हर लम्हा तफ़तीश में है जीस्त - ए - सफर।
आ गए दोजख में खुल्द का मज़ा पूछने वाले।












 #NojotoQuote गज़ल
#हिंदी #Nojoto

गज़ल #हिंदी

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Vivek Shahi

चर्चे मिरे जमीर के है या सवाल बस बक़ा का ..   है।
हूक तो हर्फ- ओ-सौत की है मलाल बस वफ़ा का है।

मह के मानिंद रंज तू भी डूबता क्यों नही दिल..... मे।
इक आग सी है मौसम में घटा का रंग बस धुंआ का है।

इम्तिहान-ए-मुसलसल सी कोई शय है शायद ज़िन्दगी।
दोस्त यूँ ना मिल ये रस्म तो किसी सूरत - आश्ना का है।









 #NojotoQuote ग़ज़ल
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Vivek Shahi

हर दर्द. अपनी ही जुबान में कहता है।
बस ज़िन्दगी की दास्तान ही कहता है।

सफर के अंत मे हासिल कुछ भी नही।
वक़्त सफर के दरमियान में कहता है।

मुझे तुम दिखा दो जमाने की हकीकत।
वो क्या क्या अपनी गुमान में कहता हैं।

कोई आईने से पूछे शक्शीयत .उसकी।
हर चेहरे को अपनी पहचान .कहता हैं।

तेरे होंठो से आती है सदागत की .महक।
तू अपने ज़ुबां को शायद इमान कहता है।



















हर दर्द. अपनी ही जुबान में कहता है।
बस ज़िन्दगी की दास्तान ही कहता है।

सफर के अंत मे हासिल कुछ भी नही।
वक़्त सफर के दरमियान में कहता है।

मुझे तुम दिखा दो जमाने की हकीकत।
वो क्या क्या अपनी गुमान में कहता हैं।

कोई आईने से पूछे शक्शीयत .उसकी।
हर चेहरे को अपनी पहचान .कहता हैं।

तेरे होंठो से आती है सदागत की .महक।
तू अपने ज़ुबां को शायद इमान कहता है।

































 #gif ग़ज़ल।
#ग़ज़ल #हिंदी #Nojoto

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Vivek Shahi

 जमाने की खामोशी ,हमेशा बे-सदा नही होती।
उठे हाथो की फितरत भी,हमेशा दुआ नही होती।

उजाले के पहलू में,कुछ अंधेरे भी देखे है हमने।
चरागों के संगत में,बस हवा नही होती।

तजुर्बा भी तो कोई तालीम है।
बस किताबो की चंद बाते,ज़िन्दगी में रवा नही होती।

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Vivek Shahi

यूँ तो कई किरदार बसते होंगे ,
मेरे मन के परतो में।
पहले मैं टटोल लेता था।
अब,तो फिक्र भी नही होती,
वैसे भी ,कोई आईने की तरह साफ नही होना चाहता।
फिर भी दिखना तो चाहता है बाहरी संसार मे।
इन सब मे मजे की बात है,
द्वंद्व का नदारत होना।
और जब आदमी के कई चेहरो के बीच,
द्वंद्व खत्म सा होने लगे तो,
समझना ,पाखंड अपने शुद्ध रूप में है।
या,यूँ कहें किरदारों के बीच द्वंद्व खत्म होना,
पाखंड के शुद्धता को जन्म देना है।

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Vivek Shahi

बहार  से बागानों में गुंचो का खिल जाना,उस पड़ रंगो की तासीर-ऐ-मेहर हो जाना।
होली तेरा आना, याद दिला जाता है बसंत का तस्वीर-ऐ-सहर हो जाना। #holi #nojotowriters 
HAppy Holi to All the writers of Nojoto.
तासीर-ऐ-मेहर-मोहब्बत का असर।
तस्वीर-ऐ-सहर-सुबह की छाया।

#Holi #nojotowriters HAppy Holi to All the writers of Nojoto. तासीर-ऐ-मेहर-मोहब्बत का असर। तस्वीर-ऐ-सहर-सुबह की छाया। #Poetry

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