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hardikmahajan8946
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- @छोटा हार्दिक

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- @छोटा हार्दिक

Angree bird 
🤭😁😁

©- @छोटा हार्दिक
  😅😅🤭🤭😁😁

😅😅🤭🤭😁😁 #Comedy

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- @छोटा हार्दिक

जब भी मुश्किलों से लड़खड़ाता हूं मैं,
आते हैं पापा उंगली मेरी थाम लेते हैं।

फिर से चलना पैरो पर मुझे सिखाते हैं,
पापा का देना साथ मुझे अच्छा लगता,

जीवनभर पापा के आदर्शों पर चलना हैं,
हर रोज़ पापा का हाथ थामकर रखना।

कठिन रास्तों को मेरे पापा पार कराता हैं,
 मेरे हाथों कि उंगली पकड़कर चलता हैं।

©- छोटा हार्दिक #Happy_fathers_day
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- @छोटा हार्दिक

White पापा जीवन का अहम हिस्सा हैं, 
पापा हम सभी की जिंदगी हैं, 
पापा का साथ देना जीवन में 
खुशियां पाने जैसा है,
पापा की उंगली पकड़कर 
पापा के साथ चलना अच्छा हैं।

©Hardik Mahajan #fathers_day
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- @छोटा हार्दिक

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- @छोटा हार्दिक

जज़्बात सच्चे हों तो सुलझ जाते हैं,
शब्दों से जुड़ी भावनाएँ अमूर्त होती हैं।

शब्द अच्छे सोचे तो गहरे भी होते हैं,
शब्दों से ही सार्थक रचनाएँ होती हैं।

शब्द भाव हों जिंदगी खास हो जाती है,
शब्द और शब्दों में तो कोई मेल नहीं है।

जज्बातों से सजी होती हैं वो अदाएं,
घबराओ मत शब्दों से शब्द अति हैं।

शब्द तो वहीं आज़ाद होते हैं, 
जो भावनाओं से जुड़े होते हैं।

©Hardik Mahajan
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- @छोटा हार्दिक

शब्दों की तलाश ही जिंदगी में समय से पहचान होती है. जिंदगी और समय दोनों अलग-अलग ही होते हैं. जिंदगी समय से बेहद अलग इसलिए होती है. यदि शब्दभावों से हों तो समय शब्दों से जिन्दगी में विलीन हो जाता हैं, क्यूंकि समय अपना शब्दमय अनुसार सारणी से चलता हैं।

©Hardik Mahajan
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- @छोटा हार्दिक

रोज बेजुबान जानवरों को मारने और मारकर खाने की प्रथा बंद होनी चाहिए। जब इंसान की उंगली कटती है तो उसे चोट लगती है और दर्द होता है, क्या बेजुबान जानवर को दर्द नहीं होता.? 

सोचने वाली बात है....
           
गंभीर विषय है.............

ना जाने कैसे बेजुबान जानवरो को रोज मारा जाता है उन्हें खाया जाता हैं,ना जाने कितने बेजुबान जानवर रोज बेगुनाहों के मारे जाते हैं ना जाने क्यूं उन बेजुबान जानवर को लोग शिकार बनाते हैं 

न जाने कैसे-कैसे बेजुबान जानवरों को मारकर खाया जाता है, हर दिन न जाने कितने बेजुबान जानवर कि बलि चढ़ती हैं, बेगुनाहों के ही मारे जाते हैं।

न जाने क्यूं उन बेजुबान जानवरों को शिकार बनाया जाता है. 

कल बकरीद पर फिर एक बेजुबान जानवर को मारा जाएगा, उसे खाया जाएगा, पता नहीं क्यों उस बेजुबान जानवर पर अत्याचार किया जाएगा, लोग कभी नहीं सुधरेंगे, 

हर रोज़ बेजुबान जानवरों को क्यों काटा जाता है? क्यों हर रोज बेजुबान जानवर को मारकर खाया जाता है? ऐसा जघन्य अपराध करने वालों को  बेजुबान जानवर से आखिर मिलता है क्या ?

खाने के लिए दो वक्त का खाना, पहनने के लिए तन पर कपड़े और रहने के लिए सिर्फ एक घर होना चाहिए, इससे भी जीवन खुलकर जीया जा सकता है।

लोग समझते क्यों नहीं? लोग बेज़ुबान जानवरों पर अत्याचार क्यों करते हैं? लोग निर्दोष जानवरों को जिंदा क्यों मार देते हैं? यह प्रथा बंद क्यों नहीं होती? 
        
बेजुबान जानवरों पर रोजाना हो रहे अत्याचार को रोका जाना चाहिए।
😭😭😭😭

धन्यवाद🙇

हार्दिक महाजन

©Hardik Mahajan
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- @छोटा हार्दिक

मेरी कलम ही मेरी स्याही है और मेरी दोस्ती ही किताबें है, इसलिए मैं किसी को भी अपना दोस्त नहीं बनाना पसंद करता हूं।

©Hardik Mahajan
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- @छोटा हार्दिक

कामयाबी का रूपक उन्हीं को मिलता है जो कड़ी मेहनत और ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाता हैं और अच्छे संस्कारों के साथ स्वयं आगे प्रगति के पथ पर चलता हैं।

©Hardik Mahajan
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- @छोटा हार्दिक

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