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Harish Chander

अल्फाज़ यूँ जहन से निकले की रूह की तलब बन जाए।

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Harish Chander

रात गुज़री  सुबह भी यूँ  ही  गुज़र जाएगी
तेरी यादों की कसक मुझ में बिखर जाएगी, 

कशमकश में हूँ  मैं तेरे बिन कहे जाने पे
ज़िन्दगी जीने की हसरत यूँ ही मर जाएगी,

©Harish Chander
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Harish Chander

तेरी  यादों  ने मेरे दिल  में इक तूफ़ां मचा डाला
मेरे रहबर मेरी नीदों को तुमने क्यों सता डाला,

तेरी इन झील सी आँखों में मेरी हर सुबह गुजरे
यूँ कुछ ऐसे ही अपनी रातों को मैने Aसज़ा डाला,

©Harish Chander
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Harish Chander

चलिये यह हिसाब अच्छा है किसी का दिल तो किसी का नक़ाब अच्छा है, 

जो पेश आते थे किसी मकसद के दरमियां आज रूठे है तो उनका रूठ जाना अच्छा है,

©Harish Chander
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Harish Chander

होने लगी नजदीकियाँ अब दो दिलों के दरमियाँ
कहने लगी नजदीकियाँ अब दो दिलों के दरमियाँ 

कुछ रह गया है रात भर की गुफ़्तगू के बाद भी
रहने लगी नजदीकियाँ अब दो दिलों के दरमियाँ

©Harish Chander
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Harish Chander

तोड़  डाला  भृम जो हम  पाल बैठे  थे
कब से इन अश्कों कु हम संभाल बैठे थे 

अब के तूने  थामा जो ये   हाथ मेरा है
हम तो खुद को कब्र में जब डाल बैठे थे

©Harish Chander #Rose
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Harish Chander

बड़े मायूस हो कर तेरे दर से निकले है 

की अब  मौत की ख्वाईश भर साथ में,

©Harish Chander #Top
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Harish Chander

इन हवाओं ने फिर माहौल गर्मा दिया है
मेरे इस शहर की माटी को सुलगा दिया है, 

मेरे अपनों ने अक्सर मुझ को धोखा दिया है
हर किसी ने तो दिल पे ज़ख्म गहरा दिया है, 

मेरे अश्क़ों की अब बरसात थम सी गई है
मेरी मैयत पे आकर तूने चौंका   दिया है, 

मर रही रोज़  ग़ैरत क्या कहूँ ए खुदा  मैं
कैसा मंजर ये तूने   रूबरू ला  दिया है, 

डूब बैठा है साहिल देख मंज़र अभी का
पूछ बैठा मुझे क्यों तन्हा  मरने दिया है,

©Harish Chander #grey
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Harish Chander

इन हवाओं ने फिर माहौल गर्मा दिया है
मिरे इस शहर की माटी को सुलगा दिया है 

मर रही रोज़  ग़ैरत क्या कहूँ ए ख़ुदा  मैं
कैसा मंजर ये तूने   रूबरू ला  दिया है

©Harish Chander #Blackboard
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Harish Chander

नुकसान कुछ भी न किया मेरा ख़सारा कर

तुम खुद के भी तो कहाँ हुए मेरा ख़सारा कर,

©Harish Chander #Top
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Harish Chander

कभी फुर्सत से मिल राज़-ए-दिल कह दूँ 

की मुझे ख़बर है तू नकाबों में मिलता है,

©Harish Chander #betrayal
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