राष्टृ भाषा मातृभाषा
हिन्दी तुम सबकी माता हो
राजमाता हो राजभाषा हो
हिंदुस्तान से नेपाल तक
बोलबाला था आपका
रसिया, मारिसस भी चेला था आपका
आपके गुरूओं की बड़ी डिमांड थी #safarnama
Madan Mohan
नजरों ने कहानी बयाँ कर दी
पुरानी सारी बातें जवाँ कर दी
न शिकवा दिखा न शिकायत दिखी
धार आँसुओं की जाने कहाँ कर दी।
मदन मोहन
#GaneshChaturthi
Madan Mohan
एक और निर्भया मारी
जाने आगे किसकी बारी
दुष्टों का बोल बाला है
चारों तरफ हल्ला जारी है
#ationalSimplicityDay
Madan Mohan
आह
कई वरस सेवा की
उनकी पत्नी बन कर रही
मिन्नत करके, माँग कर,
ले गये थे मुझे, व्याह कर,
क्या पता था शराबी हैं,
कई साल गुजारे तंगी मे
उसी जे जे बस्ती मे,
Madan Mohan
मेरे हम सफर हम चलें हर सफर तक
तेरी डगर से तेरे ही सफर तक
तू जो कहे तो चलें साथ तेरे
तेरे गॉव से हम तेरे ही शहर तक।।
#OneSeason
Madan Mohan
चाचा चमन लाल सन 1968 में एक सरकारी विभाग में क्लर्क के पद पर भर्ती हुए थे। चाचा जब हमारे साथ एक विभाग में आये तो बड़े हंसमुख और उदार व मज़ाकिया नज़र आए।
रामनारायण को चाचा रामू कहते थे ,अरे बेटा रामू चाचा का ख्याल रखले भाई आज तेरी चाची ने फिर चाय नही पिलाई ,चाचा को चाय पिला दे,आशीर्वाद मिलेगा।रामनारायण दफ्तरी को कहता अरे भाई शाहू जी चाचा के लिए चाय ले आओ,तुम हम भी पी लेंगे।
शाहू रामनारायण के नज़दीक आकर कहता है साहिब फिर चमन लाल जी आपको चूना लगा रहे हैं।रामनारायण कहता कोई बात नहीं यार बाप के समान हैं #ज़िन्दगी#Independence2021
Madan Mohan
हम दिवाने क्योँ तुम्हारे हैं सनम
जानकर भी जानते नहीं हैं हम
देखें तो देखते रहते हैं हम
जानकर भी जानते नहीं सनम। ।
दिल की बेचैनी मे चैन नहीं सनम
जानकर भी जानते नहीं हैं हम
दिन भी तेरा रात भी तेरी सनम #कविता#OneSeason
Madan Mohan
गालिब तेरे जहाँ से प्यार मिट रहा है
चाहत का तेरी सारा संसार मिट रहा है
सबको पड़ी है अपनी और स्वार्थ पल रहा है
ना दिल मे प्यार है ना दिमाग मे रहा है।
ना आशिक ईमानदार है ना माशूक ईमानदार है आंखों मे भूख पैसे की ये दौर चल रहा है
बेईमानी पर टिका हुआ ये कारोबार चल रहा है
ना कोई कशक रही ना कोई तड़फ रहा है। #Independence2021
Madan Mohan
आजादी
हमे मिली है आजादी
खुलकर जीने की
आगे बढ़ने की
समानता से
स्वतंत्रता से
शिक्षा से
अभिब्यक्ति की #WorldOrganDonationDay