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sajidahmad7180
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Sajid Ahmad

learner

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Sajid Ahmad

Bas tum wo ho gye,
Jo koi aor nahi ho paya...
                       
                              "sajid"

9 Love

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Sajid Ahmad

कहता है कोई मुझसे भी,
के वो मुझे समझता है, 
क्या वाक़ई में, ये मेरा सवाल रहता है,
जब समझता है वो तो फिर समझाता क्यों नही,
मेरे चुप हो जाने पर, खुद दोहराता क्यों नही,,

चाय का एक कप हूँ यार,
समझना आसान नही मुझे,
गुजरा हूँ कितनो के लबों से,
कभी किसी ने अपनाया नही मुझे,

साजिद,
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Sajid Ahmad

सही चीज़ों को, गलत जगह ढूँढने की आदत है मुझे,
चुभ जाए अब कांटा बबूल का, गुलाब के बगीचे में,
फिर भी कहाँ अब हैरत होगी मुझे,,

मेँ प्यासा, दरिया किनारे बैठा हूँ,
अब वो बात अलग है, मुझे पानी की प्यास नही,
तुम पूछोगे तो मैं यहां क्यों हूँ,
अरे भाई कहा न, मुझे सही चीज़ों को गलत जगह  ढूंढने की आदत है,,
साजिद

16 Love

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Sajid Ahmad

दुनियाँ की ये, बगिया ऐसी,
जितने काँटे फूल भी उतने,,
तूफानों से लड़कर ही तो,
लगते हैं साहिल इतने प्यारे,

12 Love

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Sajid Ahmad

मेरे खुदको खुली किताब हूँ, कहने में,
एक नही, कई राज हैं,

अब ये बात अलग है,
आजकल पढ़ने पढ़ाने का चलन, 
बस एक बात है,,

(साजिद,)
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Sajid Ahmad

kisi ke liye yunhin,
kisi ke liye vardaan hai,,

kya jaane ak mulakaat ki
kya pehchaan hai

(sajid.)

11 Love

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Sajid Ahmad

कहीं तो ये दिल कभी मिल नहीं पाते,
कहीं से निकल आएं जन्मों के नाते,,

घनी थी उलझन बैरी अपना मन,
अपना ही होके सहे, दर्द पराए,,

कहीं दूर जब दिन धन जाए।
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Sajid Ahmad

मिला नहीं जिसे ढूँढने निकले थे,
पा लिया उसे जो मिल गया है,,
(साजिद)
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Sajid Ahmad

वो अमवाँ का झूलना,
वो पिपल की छांव,
घूँघट में जब चाँद था, मेहंदी लगी थी पांव,
आज उजड़के रह गया वो सपनों गांव
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Sajid Ahmad

मेरे बाद तुम हो, ये सच है,
तुमसे मेरी खुशी भी, सच है,,

मैं गुजर जाऊँ तो भी तुम्हारी ज़िन्दगी है,
 मैने बस शब्दों को लिखा है, तुमने तो उनमें ही जिया है,

मेरे शब्दों की स्याही, मेहकेगी किसी दूजे की कलम से,
मेरे आखरी अल्फ़ाज़ फिर शुरू होंगे, किसी के नए सफर से, 
अहसान न मानना, जो एक रोज़ मैं चला जाऊँ
(sajid,,
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