Nojoto: Largest Storytelling Platform
nojotouser5019983833
  • 83Stories
  • 57Followers
  • 1.1KLove
    612Views

कवि- जीतू जान

कवि- जीतू जान

  • Popular
  • Latest
  • Video
b2586de2701d085d8cc35cd9c48355c1

कवि- जीतू जान

White  अगर तू जो पास होती
मेरे बिस्तर में भी सिलवटे होती 
भले ही ये मौसम ना बदलते मगर
बंजर बागानों में भी कलियां खिलती 

अगर तू जो पास होती 
मेरे बिस्तर में भी सिलवटे होती 
इस शहर में भी रोज सावन बरसते
और ये पूस की शरद राते भी गर्म होती

अगर तू जो पास होती 
मेरे बिस्तर में भी सिलवटें होती 
मेरे घर के आईने में भी तेरे प्रतिबिंब होते
मेरे आंगन में भी तेरे बदन की खुशबू होती

अगर तू जो पास होती 
मेरे बिस्तर में भी सिलवटें होती
तेरे चेहरे से बालों को मैं संभालता जब
तेरे हाथों में मेहंदी मेरे नाम की होती

अगर तू पास जो होती 
मेरे बिस्तर में भी सिलवटें होती 
तेरे बगैर मेरे घर के सारे रंग फीके हैं
जान के कानो में भी तेरी पायल की आहट होती

©कवि- जीतू जान #Sad_Status  poetry in hindi

#Sad_Status poetry in hindi #Poetry

b2586de2701d085d8cc35cd9c48355c1

कवि- जीतू जान

White इन दिनों आसपास तो छाया कोहरा है 
इस शहर में आकर चांद जो ठहरा है
आपकी आपसे शिकायत भी कैसे करूं
 खूबसूरत लबों पर तिल का जो पहरा है

कोहरे की चादर ओढ़  हुआ सवेरा  है 
आसमान में जो छाया अंधेरा है
कैसे निहारूं इन आंखों से की
तेरी आंखों में काजल कितना गहरा है

आज रात अंधेरा कितना गहरा है
उस बालकनी पर जुगनू का पहरा है
तेरी पाजेब की आहट से
तेरे दरवाजे पर ये जुगनू भी ठहरा है

भंवरों का फूलों से रिश्ता कितना गहरा है 
फूलों पर ही भंवरों का बसेरा है
बीते दिनों से आपसे शिकायत  है की 
जान के दिल पर तेरे चांद से चेहरे का पहरा है

कवि जीतू जान

©कवि- जीतू जान #GoodMorning  gajal
b2586de2701d085d8cc35cd9c48355c1

कवि- जीतू जान

White मेरी फितरत नहीं उसका नाम लेकर उसे शहर में बदनाम कर दूं
उसकी अपनी भी जिंदगी है मैं उसे कैसे नीलाम कर दूं
हां उससे मोहब्बत करके मेरी वफा का तमाशा बना है 
वो अपनी जिंदगी में खुश है बताओ मै कैसे मैं उसको सरेआम कर दूं

©कवि- जीतू जान #Sad_Status  Anshu writer  Rajesh rajak  शायरी लव रोमांटिक

#Sad_Status Anshu writer Rajesh rajak शायरी लव रोमांटिक

b2586de2701d085d8cc35cd9c48355c1

कवि- जीतू जान

White  मुझे पता चला है कि वो शहर में वापस आई है 
मेरे लबों पर आज फिर से शायरी आई है
बाजार से मेरे घर आने के रास्ते और भी थे
मगर आज फिर से मेरी मोटरसाइकिल उसे गली से गुजर कर आई है

©कवि- जीतू जान #bike_wale
b2586de2701d085d8cc35cd9c48355c1

कवि- जीतू जान

White मैं और मेरी तन्हाई जब एकांत में होते है 
तेरे साथ गुजारे हर लमहे का हिसाब करते है
मेरे फोन की गैलरी में आज भी तेरे नाम का फोल्डर है
हम तुम्हें सोने से पहले याद कर लेते है

©कवि- जीतू जान #Sad_shayri
b2586de2701d085d8cc35cd9c48355c1

कवि- जीतू जान

भारत की लाडली बेटी हिंदी है
संस्कृत भाषा से जन्मी बेटी हिंदी है 
दिनकर की दीवानगी हिंदी है 
मीरा के गीतों की सरगम हिंदी है

शब्दों से जुड़-जुड़ कर भाषा बनती है
भाषायें मनुष्य को मनुष्यता सिखलाती है
भाषा निराला का जीवन दर्शन बन जाती है
भाषा वसुधैव कुटुंबकम् का पाठ पढ़ती है 

गंगा की धारा सी शीतल है हिंदी
हिंदुस्तानियों का समर्पण भाव है हिंदी
बिस्मिल्लाह खान की शहनाई है हिंदी 
तानसेन का राग है हिंदी

सियासतगीरो भाषाओं को धर्मों में मत बांटो
हिंद के गुलिस्तां की खुशबू को मत बांटो
अरबी, फारसी, हिंदी, उर्दू  हिंदुस्तान में जन्मी बहने हैं 
इन्हें सरहदों में मत बांटो
हिंदी हमारी मां है दो भाइयों में मत बांटो

©कवि- जीतू जान #Hindidiwas  poetry in hindi

#Hindidiwas poetry in hindi #Poetry

b2586de2701d085d8cc35cd9c48355c1

कवि- जीतू जान

White शिक्षक शरीर, हृदय, मन तीनों को सामर्थ मान बनाता हैं
 और शिक्षा से चेतना, व्यवहार, स्मृति  तीनों दृढ़ बनाती हैं

©कवि- जीतू जान #teachers_day   motivational thoughts on life

#teachers_day motivational thoughts on life #Motivational

b2586de2701d085d8cc35cd9c48355c1

कवि- जीतू जान

White मुझसे दूर रहकर  क्या समझोंगे मेरे  बदन की सरसराहट
मुझे सताती है बरसते सावन की तेज बूंदों की थरथराहट
इन  सरहदों  पर कब  मोहब्बत के  गुलिस्तां खिलेंगे 
मेरी जान मुझे सताती है मेरे एकाकी पन की आहट

©कवि- जीतू जान #sad_shayari
b2586de2701d085d8cc35cd9c48355c1

कवि- जीतू जान

दोस्ती का एक उसूल होता है  जब दोस्ती भरोसे में बदलती है
फिर पैसा क्या जान हाजिर रहती है 
जान जब दोस्ती में भरोसे टूटते है 
तो सिर्फ अरसे बाद की मुलाकाते रह जाती है

©कवि- जीतू जान #Friendship
b2586de2701d085d8cc35cd9c48355c1

कवि- जीतू जान

White पाकिस्तानी अरशद नदीम गोल्ड मेडलिस्ट हिंदुस्तानी गोल्डन बॉय नीरज सिल्वर मेडलिस्ट की मां को समर्पित हमारी शायरी








मज़हबी सियासत ने एक मुल्क को दो हिस्सों में बांट दिया 
मां ने  मुल्कों की  सरहदों को अपने  आंचल में समेट लिया 
बेटों ने भले ही भाला फेंके एक दूसरे के विरुद्ध खेल के मैदान में
करुणा कलित ह्रदय मां ने 1947 में खिंची  लकीर को मैट दिया

©कवि- जीतू जान #Paris_Olympics_2024
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile