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mrpappu9658
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Mr Pappu

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Mr Pappu

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Mr Pappu

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Mr Pappu

White तेरी मेरी अच्छी थी कहानी,पर अधूरी रह गई।
निभाया था साथ पूरी सिध्धत से,
फिर भी दूरी रह गई।।
हम साथ चलते रहें,उम्र की राहों में।
पर चाहत हमारी अधूरी रह गई ।
चलना चाहा ज़िंदगी के सफर में,
हमसफ़र बनकर,पूरी थी तैयारी,
साथ जीने की ,फिर भी दूरी रह गई।।
हम चलते रहे एक उम्र तक साथ ,
मां बाप से भी, हमने की शादी की बात,
मेरे मां बाप बोले ठीक है,
तुम्हारी खुशी में हमारी खुशी है,
रख लेंगे हम अपने साथ।।
मुझे लगा अब बन जाएगी बात,
हम ज़िंदगी भर रह सकते हैं साथ।
इतने में प्रेमिका बोली होकर उदास,
बाबू मैने भी की थी अपने घर में बात,
मां -बाप ने कहा है अलग है अपनी जात ।
अगर तुम अपनी मर्जी से शादी रचाओगी,
अपने मां बाप को जिंदा ही मार जाओगी।
जान तुम बेवफा न समझना,
मां बाप की जिंदगी,
मेरी मजबूरी हो गई,
मां बाप को छोड़ कर,
नही रह पाऊंगी आपके साथ ।।
जान तुम समझना मेरी बात,
मां बाप के खातिर, प्यार से दूरी हो गई।
प्यार तो आज भी,
जान से ज्यादा करती हूं तुमसे,
पर क्या करू मेरी मजबूरी है,
ख्वाइश जो दिल में थी,
वो दिल में ही रह गई ।
अच्छी थी अपनी प्रेम कहानी ,
पर जाति के कारण अधूरी रह गई।
क़िस्मत में जो कमी थी ,वो पूरी रह गई।
क़िस्मत में लिखा था बिछड़ना,
तभी तो हमारी कहानी अधूरी रह गई ।
बहुत की कोशिश हमने एक होने की,
पर किस्मत में खुदा ने लिखी थी दूरी ,
इस लिये दूरी रह गई।
हमारी कहानी खुदा ने लिखी थी अधूरी,
इस लिए अधूरी रह गई।।

©Mr Pappu #Night
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Mr Pappu

White लौक डाउन का दूसरा चरण देश में चल रहा था. नर्मदा नदी पुल पर बने जिस चैक पोस्ट पर मेरी ड्यूटी जिला प्रशासन ने लगाई थी,वह दो जिलों की सीमाओं को जोड़ती थी. मेरे साथ ड्यूटी पर पुलिस के हबलदार,एक पटवारी ,गाव का कोटवार और मैं निरीह मास्टर.आठ आठ घण्टे की तीन शिफ्ट में लगी ड्यूटी में हमारा समय सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर के 2 बजे तक रहता.आठ घंटे की इस ड्यूटी में जिले से बाहर आने जाने वाले लोगों की एंट्री करनी पड़ती थी. यदि कोई कोरोना संक्रमण से प्रभावित क्षेत्रों से जिले की सीमा में प्रवेश करता,तो तहसीलदार को इसकी सूचना दी जाती और यैसे लोगों की जांच कर उन्हें कोरेन्टाईन में रखा जाता. म‌ई महिने की पहली तारीख को मैं ड्यूटी के लिए सुबह 6 बजे ककरा घाट पर बनी चैक पोस्ट पर पहुंच गया था.
नर्मदा नदी के किनारे एक खेत पर एक किसानअपनी मूंग की फसल में पानी दे रहा था . काम करते हुए उसकी नजर नदी की ओर ग‌ई ,तो उसे नदी में कोई भारी सी चीज बहती हुई किनारे की तरफ आती दिखाई दी. थोड़ा करीब जाने पर किसान ने एक दूसरे से लिपटे युवक युवतियों को देखा तो चैक पोस्ट की ओर जोर से आवाज लगाई
" मुंशी जी दौड़ कर आइए ,ये नदी में देखिए लड़का लड़की बहते हुये किनारे लग गये हैं"
मेरे साथ ड्यूटी कर रहे पुलिस थाना के हबलदार बैनीसिंह ने आवाज सुनकर पुल से नीचे की तरफ दौड़ लगा दी. सूचना मिलने पर पुलिस टीम भी मौक़े पर आ ग‌ई . आस पास के लोगों की भीड़ नदी किनारे इकट्ठी हो गई, मुझसे भी रह नहीं गया . तो मैं भी नदी के घाट परपहुंच गया . सबने मिलकर आपस में एक दूसरे से लिपटे दोनों लड़का-लड़की के शव को नदी से निकाल कर किनारे पर कर दिया . जैसे ही उनके चेहरे  पर मेरी नजर गई तो मैं दंग रह ग‌या.

©Mr Pappu
  #Night अधूरी प्रेम कहानी

#Night अधूरी प्रेम कहानी #लव

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Mr Pappu

White 


यह कहानी एक सोनम और सुमित नाम के लड़के की है।
जो की एक सच्ची प्रेम कहानी है।
कहते है कि प्यार अमर तो हमेशा रहता है लेकिन हर किसी का प्यार अमर नहीं रह पाता है।
यह एक दिल को छू लेने वाली एक लड़के की अधूरी प्रेम कहानी है।
मै एक लड़की से बहुत प्यार करता था और वो भी मुझसे बहुत प्यार करती थी। मै उस समय 12th में था और सोनम b.com 1st year में थी। मैंने सोनम को जिस दिन से देखा था , मुझे तो उसी दिन से उससे प्यार हो गया था। सोनम scooty चलाते हुए बहुत ही cute लगती थी। और साथ में उसके सुनहरे बालो को देखकर लगता था कि जैसे की कोई परी आसमान से निचे आ गई हो।

©Mr Pappu
  #SunSet love story

#SunSet love story #Love

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Mr Pappu

White पावसाळी दिवसातील ती दुपार होती, साधारण २-३ वाजले असतील पण सूर्याचा कुठेच ठाव-ठिकाणा नव्हता. आकाश काळ्या ढगांनी भरले होते, पावसाची बारीक-बारीक रिपरिप चालूच होती., सगळी धरती हिरवी-गार झाली होती, नारळाची झाडे मुक्त होऊन वाहणाऱ्या वाऱ्या बरोबर डोलत होती. घरात बसूनही कंटाळाच आला होता, मग कपडे चढवले, पायात चप्पल अडकवली आणि सरळ बाहेर पडलो. रत्नागिरीत तशी मनोरंजनाची ठिकाणे फार नाहीत. मग जायला कुठली वाट नसली की मी सरळ समुद्र किनाऱ्याची वाट धरतो. समुद्राची रूप पण किती वेगवेगळी असतात, सकाळी कोवळ्या सूर्यप्रकाशात अवखळ भासणारा हाच समुद्र, दुपारी मात्र अंतःकरणात फार मोठे गुपित साठवून वागणाऱ्या गंभीर माणसासारखा भासतो. ओहोटीला, रुसून बसलेल्या मुलासारखा आपल्यापासून

©Mr Pappu
  #Couple अधुरी प्रेम कहानी

#Couple अधुरी प्रेम कहानी #Love

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Mr Pappu

White 





इमरती ( एक अधूरी प्रेम कहानी )

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इमरती ( एक अधूरी प्रेम कहानी ) .....

बहुत दर्द था उन आंखों में…... और किसी से मिलने की खुशी भी महसूस हो रही थी।
बड़ी जिम्मेदारी से एक छोटे से थैले को समेटे हुए श्याम बनारस की गली से गुजरते गुजरते….. नारद घाट की तरफ एकांत में गुलाबी रंग का सूट पहनकर गुमसुम सी
बैठी हुई….. एक बेहद खूबसूरत लड़की के पास जाकर बैठ जाता है। और देरी से आने के लिए माफी मांगता है।

श्याम की बात सुनकर वह लड़की शिकायत भरी नजर से देखते हुए कहती है कि, श्यामू…. तुम्हारा तो रोज का हो गया है। तुम कभी भी नहीं सुधर सकते हो। आज भी तुम पूरे सात मिनट देरी से आए हो।

मैं चौबीसों घंटे तुम्हारा इंतजार करती रहती हूं। उस लड़की की शिकायत भरी बातें सुनकर श्याम उसका हाथ पकड़ कर उसे मनाने लगता है। और आगे देरी से ना आने का वादा करने लगता है।

फिर श्याम सामने गंगा की लहरों को देखते हुए उस लड़की से कहता है कि, मैं क्या करूं…. घर का भी तो सारा काम मुझे ही करना पड़ता है….. और फिर ऑफिस का भी चक्कर…..उसके बाद जैसे ही मैं ऑफिस से निकलता हूं…. वैसे ही तुम्हारे लिए यह गरमा गरम इमरती लेने के लिए जाता हूं तो वहां भी बहुत भीड़ होती है। और फिर यहां पर आ
पाता हूं ।

फिर श्याम मुस्कुराते हुए कहता है कि, ऐसा है…. ये लो अपना मनपसंद गरमा गरम इमरती खा लो….
और हां साक्षी…. एक बहुत जरूरी बात यह है कि, गुस्से में तुम्हारी नाक छोटी लगने लगती है। और फिर मुझे बहुत हंसी आती है। श्याम की बात सुनकर साक्षी खिलखिलाकर हंसने लगती है।

श्याम साक्षी का खिलखिलाता हुआ चेहरा एकटक अपनी मासूमियत भरी निगाहों से देखता रहता है । तभी साक्षी अपनी आंखों को थोड़ा सा गंभीर करते हुए कहती है कि , क्या हुआ श्याम….. ऐसे क्या देख रहे हो । साक्षी की बात सुनकर श्याम थोड़ा मुस्कुराता है । और फिर अपनी आंखें थोड़ी देर के लिए बंद कर लेता है ।
फिर आंख खुलते ही….. बोलता है कि , बस यही एक मुस्कुराहट के सहारे मैं अपना पूरा एक दिन हंसी खुशी गुजार देता हूं । और क्या चाहिए जिंदगी में….. इसी में बहुत सुकून मिलता है ।

तभी धीरे से साक्षी अपना सर श्याम के कंधे पर रखकर कहती है कि , और जब तुम होते हो तो….. इन लहरों की आवाज प्यारी मधुर संगीत में बदल जाती है । अच्छा एक बात बताओ….. तुमको मेरे घर वालों से डर नहीं
लगता क्या….. साक्षी की बात सुनकर श्याम थोड़ा असहज ढंग से कहता है कि , क्या यार….. मैं तो… हर रोज यहां पर तुमसे मिलने के लिए आता हूं ।

हां…. पहले मुझे बहुत डर लगता था । पर अब बिल्कुल भी नहीं लगता ।
और वैसे भी… तुम्हारा भाई तो जेल में अपनी बहन की हत्या करने के जुर्म में सजा काट रही रहा है । आखिर क्या कसूर था उसकी बहन का। उसको एक मौका तो देना चाहिए था अपनी बात कहने का……

आखिरकार क्या कुछ हासिल हुआ उसे । नहीं ना….. फिर उसने ऐसा क्यों किया ।
श्याम की आंखों में देखते हुए साक्षी थोड़ा मासूमियत भरे लहजे में कहती है कि , सच में सारे सपने बिखर
जाते हैं…… जब यह सब बातें मैं सोचती हूं । तब मुझे बहुत उलझन सी होने लगती है । पर अब किया ही क्या जा सकता है । सब कुछ हाथ से निकल चुका है । जो हुआ सो हुआ ।

पर अब तुम…. मेरे साथ हमेशा इसी तरह से रहना। इसी तरह वे दोनों लोग बातें करते रहते हैं।

तभी ..... वहीं पास में फूल की दुकान पर बैठने वाला आदमी आता है। और श्याम से पूछता है….. बेटा मैं तुम्हें रोज देखता हूं….तुम यहां हर रोज इसी समय पर इमरती लेकर
आते हो…..और फिर अकेले काफी देर तक बैठे
रहते हो…...तुम यहां पर किससे बातें किया करते हो…... यहां पर तो कोई भी नहीं है।

दुकानदार की बात सुनकर श्याम की आंखें भर जाती हैं । ऐसा लगा जैसे श्याम की आंखों से .... बरसात के मौसम में उफनाई हुई गंगा की लहरें…. हिचकोले खा रही हों । पर अपने आंसुओं को चोरी छिपे पोंछते हुए….लड़खड़ाती हुई आवाज में श्याम कहता है कि, बाबा….." मैं यहां पर खुद से मिलने ... और बातें करने के लिए आता हूं "।

श्याम की बात सुनकर…. दुकानदार अपना सर खुजलाते हुए कहता है कि , मतलब…. मैं कुछ समझा नहीं ।

तभी श्याम एक गहरी सांस छोड़ते हुए कहता है कि ,
बाबा….. एक बार एक लड़का बदहवास सा…. एक लड़की का हाथ मजबूती से पकड़ कर भागा जा रहा था । लड़की भी बड़ी ही शिद्दत से भागने में उसका साथ दे
रही थी ।
कुछ देर बाद स्थिति थोड़ी बहुत स्पष्ट होने लगती है । कुछ लड़कों का झुंड गुस्से में उन लोगों का पीछा कर रहा
होता है । भागते भागते उन लड़कों के झुंड में से एक लड़का गुस्से में बोलता है कि , अब आगे तुम लोग नहीं जा
सकते । हर तरफ से तुम लोग घेर लिए गए हो । अब मरने के लिए तैयार हो जाओ ।
स्थान यही था….. नारद घाट बनारस…… सामने से स्वच्छ निर्मल गंगा की धारा इसी प्रकार निर्विकार होकर बहती जा रही ।

हर तरफ से घिरा हुआ देखकर…. कहीं ना निकल पाने की स्थिति में वह लड़का उस लड़की को पीछे की तरफ करते हुए सबके सामने खड़ा हो जाता है । और विनम्र भाव में सबसे कहता है कि , देखिए .... अब हमारी शादी भी हो चुकी है । आप हम लोगों को जुदा क्यों करना चाहते हैं । क्या कुछ हासिल होगा आप लोगों को ।
उस लड़के की बात सुनकर… वह गुस्से वाला लड़का बोला अबे चुप….. चुप…. इतना कहते ही वह पिस्तौल से गोली चला लेता है ।

तभी ..... अचानक एक जोरदार झटके से वह लड़की उस लड़के को पीछे की तरफ खींच लेती है । और उस लड़के के स्थान पर खड़ी हो जाती है । गोली सीधे उस लड़की को लगती है। वह लड़का सीधे गंगा में गिरता है।

उस लड़की के मुंह से एक असहनीय दर्द से कराहने की आवाज निकलती है । खुद को मौत के हवाले करके उस लड़के को बचा लेती है ।

बाबा…. वह लड़का जो बच गया था । वह लड़का मैं ही तो हूं….श्याम। और जो लड़की मर गई थी । उसका नाम था साक्षी…… मैं उसी से मिलने यहां पर हररोज आता हूं।

समाप्त.....

©Mr Pappu
  #SAD love story

#SAD love story #Love

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Mr Pappu

White बस स्टॉप पर मैं अक्सर उसे देखा करती थी और वह मुझे देखा करता था
जाने क्यूं मुझे ऐसा लगता था जैसे वह लड़का मुझ पर मरता था
कभी जिप्सी में, कभी बाइक पर, बस स्टैंड के लेता था फेरे
रहती थी मेरी सहेली हरदम साथ में मेरे।

एक दिन साथ न आई मेरी सहेली
उस दिन मैं पड़ गई अकेली
देख अकेली वह मेरे पास आया
कुछ मैं घबराई, कुछ दिल घबराया।

मैं देख ही रही थी ऊपरवाले की करामात
कि वह बोला “करनी है आप से अर्जेन्ट बात”
आपस में पहचान कराई
फिर बोला “आपकी सहेली नहीं आई”।

यह सुन मैं थोड़ा सकपकाई
पर संभलते हुए मैंने कहा
“उसका लेक्चर है चल रहा”।

इतने में उसने लिफाफा बढ़ाया
जिस पर था खूब सेंट लगाया
गुलाबी लिफाफा देख दिल धड़का
पर पता नहीं क्यों यह बायॉं नयन फड़का।

मुझे लगा मेरे भाग्य जागे
लिफाफा बढ़ा वह बोला आगे
“आप मेरा इतना काम करेंगी क्या
यह लेटर उस तक देंगी पहुंचा”
“किसे”
“उसे ! अरे वही जीन्स वाली मेरी हूर”
यह सुन मेरे सपनों का ताजमहल हुआ चकनाचूर

हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है।

©Mr Pappu
  #Couple love story

#Couple love story #Love

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Mr Pappu


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