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कवि शशांक शेखर त्रिपाठी

ना पूछ मेरा रंग , मैं कितनी मौज में हूँ दुनिया में मौहब्बते फैलाकर एक मौहब्बत की खोज में हूँ ।

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कवि शशांक शेखर त्रिपाठी

राधे राधे  हे बाँके बिहारी मेरी बात मान जाओ ना
बरसों से बिछड़े हैं बहुत याद आती है तुम्हारी
जीवन भर के लिए विन्द्रावन बुलाओ ना
थक गए हैं माया के चक्कर लगा लगा कर
फिर से गोवर्धन की परिक्रमा लगवावो ना
शेखर अनन्य भक्त है बचपन से तुम्हारा
अपने चरणों का रज मेरे सर पर गिराओ ना
हे बाँके बिहारी मान जाओ ना हे बाँके बिहारी

#Krishna

हे बाँके बिहारी #Krishna

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कवि शशांक शेखर त्रिपाठी

हमने अपने आंखों में दरिया समेट रक्खा है

दर्द जितने भी है उंगलियों में लपेट रक्खा है

वो जब आएंगी शेखर के  करीब तो फफक के रो पड़ेंगीं

हमने उनकी तस्वीरों को अपने कब्र में भी सजा रक्खा है


शशांक शेखर त्रिपाठी हमने कब्र में भी
#meltingdown

हमने कब्र में भी #meltingdown

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कवि शशांक शेखर त्रिपाठी

धरा, गगन, समीर सब कह रही है
 मां रो रो कर अपने आँचल भिगों रही है
जो नही होना था फिर से घटित हो गया
आज फिर माँ भारती का लाल शहीद हो गया।

जवानी की जब शुरुआत होती है 
तभी से शुरू उनकी तपस्वी जीवन होती है
जैसलमेर की गर्मी , सियाचिन ग्लेशियर की सर्दी
सहने वाला वीर योद्धा गहरी नींद में सो गया
कि फिर .........
कुछ बाते जबान पर नही दिल में रखा जाता है
 पर शेखर क्या करें अब सहा न जाता है
ब्रमोस, राफेल भरोसे की ताकत है भारत के पास
फिर भी कही न कही भरोसे में चूक हो गया
आज फिर मां भारती का लाल शहीद हो गया

 शशांक शेखर त्रिपाठी मां भारतीय का लाल

#shore

मां भारतीय का लाल #shore

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कवि शशांक शेखर त्रिपाठी

हज़ारों बादलों का दिल हुआ पानी बहुत मचला
हिमालय धूप के आग़ोश में आकर नहीं पिघला
घुला चंदा,घुला सूरज,घुलीं सौ रूप की किरणें
मगर इस झील के पानी ने अपना रँग नहीं बदला!
शशांक शेखर त्रिपाठी #Watपानी ने अपना रंग नही बदलाerfall&Stars

#Watपानी ने अपना रंग नही बदलाerfall&Stars

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कवि शशांक शेखर त्रिपाठी

दिल बेजुबां है वरना हम बोल भी देते

हर राज़ अपने दिल का हम खोल भी देते

तूम हमपे तरस खाके देती हो शराब शेखर

जो दिलबर तरस खाए तो पीना छोड़ भी देते

ये इश्क तो इकरार न इंकार है ऐ शेखर

कभी आईना जो बोले तो उसे तोड़ भी देते

फिर रात ढ़ल रही है आशियां में तेरे शेखर

उनकी याद ना आए तो जीना छोड़ भी देते

कवि शशांक शेखर त्रिपाठी (निराला) अधूरी मोहब्बत

अधूरी मोहब्बत

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कवि शशांक शेखर त्रिपाठी

तुम्हे घर जलाने का बड़ा शौक है

एक घर बना कर दिखाओ ना 
 
सुना है तुम भारत के टुकड़े करोगे
 
भाग क्यों रहे हो ताहिर

 अपना काला मुँह दिखाओ ना

तुम्हारे पिछवाड़े में डंडा घुसा देंगे योगी 

तनिक उत्तर प्रदेश आओ ना

शशांक शेखर त्रिपाठी उत्तर प्रदेश आओ ना

उत्तर प्रदेश आओ ना

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कवि शशांक शेखर त्रिपाठी

खा रहे हो बिरयानी और खुद को भूखे
 बता रहे हो
रहते हो भारत में और पाकिस्तान के गुण गा रहे हो 
मिया नाराज हो तो शान्ति से विरोधी करते
तुम दिल्ली क्यों जला रहे हो
शशांक शेखर त्रिपाठी तुम दिल्ली क्यों जला रहे हो

तुम दिल्ली क्यों जला रहे हो

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कवि शशांक शेखर त्रिपाठी

बेवफा हो गए

बेवफा हो गए

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कवि शशांक शेखर त्रिपाठी

नफरतों का कोई गवाह नहीं...
       बस मुहब्बतें सबूत मांगती हैं.... 
बेहपना मोहबतें बेपनाह मोहब्बत

बेपनाह मोहब्बत

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कवि शशांक शेखर त्रिपाठी

गिले शिक़वे रुसवाई बहुत है
इसलिए   तन्हाई    बहुत   है

मर   चुकी  है शर्मो हया अब
इसलिए  बेहयाई    बहुत   है

हाथों में हैं  लालच के खंज़र
इसलिए   कमाई   बहुत   है

सुनता नही है  सच की कोई
इसलिए    बुराई    बहुत   है

झूठ  के  माना हैं  पर्वत  ऊँचे
सच की मग़र गहराई  बहुत है गहराई बहुत है

गहराई बहुत है

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