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Amit

bina manzil ka raahi

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Amit

*पाखंड*

बेटियों की कोख में हत्या करते हो 
कुंवारी कन्याओं को पूजते हो
औरतों पर अत्याचार से न चूकते हो
ऐसे पाखंड से खुद को दगा देते हो !
कैसे अपने आप को इंसान समझते हो ?

बेटी बहु को तुल्य मानने का दंभ भरते हो
बेटी के कष्ट को दर्द समझते हो
बहु की पीड़ा को फर्ज़ कहते हो
ऐसे पाखंड से खुद को दगा देते हो !
कैसे अपने आप को इंसान समझते हो ?

माता पिता की नजरों से संसार देखते हो
कष्ट होने पर वृद्धों से मुंह मोड़ लेते हो
औलाद से बहुत उम्मीदें जोड़ लेते हो
ऐसे पाखंड से खुद को दगा देते हो !
कैसे अपने आप को इंसान समझते हो ?

दुनिया में छल बढ़ने पर चिंता जताते हो
दूसरों को धोखा देना दुनियादारी बताते हो
तुम्हारे साथ हो तो उसे मक्कारी मानते हो
ऐसे पाखंड से खुद को दगा देते हो !
कैसे अपने आप को इंसान समझते हो ?

©Amit #Pakhand

#OneSeason
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Amit

*परिवर्तन*

ये दहाड़ती आवाज़ है
वक्त की पुकार है
बदलती बयार है
परिवर्तन परिवर्तन परिवर्तन

रंग बदलता आसमान है
एकजुटता ही पहचान है
सबका विकास सबका सम्मान है
परिवर्तन परिवर्तन परिवर्तन

ना जय का अहंकार है
ना हार से भयभीत है
कर्तव्य का वचन है 
परिवर्तन परिवर्तन परिवर्तन

©Amit #Parivartan

#OneSeason
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Amit

*हमराही*

ग्रीष्म की तपती दुपहरी में
शीतल फुहारों का एहसास
कराना तुमने ही तो सिखाया
मेरे हमसफर मेरे रहबर
तुमने अच्छा साथ निभाया

07 से शुरू हुआ साथ का सफर
14 साल तक धूप–छांव की डगर
पर कदमताल कर तुम ही ने दिखाया
मेरे हमसफर मेरे रहबर
तुमने अच्छा साथ निभाया

पापा की लाडली और घर की दुलारी
जब तुम आई अनजान घर दुआरी
बिना सकुचाय तुमने सब को अपनाया
मेरे हमसफर मेरे रहबर
तुमने अच्छा साथ निभाया

रिश्तों की मनके को भरोसे में गूंथ कर
अपने संबंधों को ऐतबार में पिरो कर
अपने कलेजे से तुम ने ही तो लगाया
मेरे हमसफर मेरे रहबर
तुमने अच्छा साथ निभाया

माना मेरे शब्दों में वजन कम है
लेकिन बिना बोले मन के भावों को
पढ़ना तुम ही को तो आया
मेरे हमसफर मेरे रहबर
तुमने अच्छा साथ निभाया

जिंदगी की तेज़ रफ्तार में 
कभी दुलार में तो कभी तकरार में
साथ के मतलब को तुमने ही तो समझाया
मेरे हमसफर मेरे रहबर
तुमने अच्छा साथ निभाया

सिवाय स्नेह तुम्हें देने को क्या है
लेकिन बिना उम्मीद किसी को
सब देना तुम ही ने तो बताया
मेरे हमसफर मेरे रहबर
तुमने अच्छा साथ निभाया

अब तो ये पंद्रहवीं की शुरुआत है
जीवन बेफ़िक्री से जीने की बात है
सदैव साथ रहना और मत घबराना
मेरे हमसफर मेरे रहबर
तुमने साथ निभाया आगे भी निभाना

©Amit Humrahi

#Humrahi

Humrahi #Humrahi


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