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akak7423475967308
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erakash21

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erakash21

स्कूलों की दीवारों पर जा
 दिल बनाने वाले लड़के ,
चलती तीर को हँसके 
अपने दिल पर खाने वाले लड़के,
उड़ती तीर भी ख़ुद पर लेके 
लड़ भिड़ जाने वाले लड़के,
और दिल टूटे तो बिस्तर पर ही 
झील बनाने वाले लड़के ,
उस दौर का जादू, क्या जाने,
 ये रील बनाने वाले लड़के ।

©erakash21
  #purane_daud
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erakash21

बात रुक रुक कर बढ़ी फिर हिचकियों में आ गई,
फ़ोन पर जो हो न पाई वॉट्सएप में आ गई
एक सुबह दो ख़ामोशियों साथ चाय पी और,
अलविदा वाली घड़ी प्यालियों में आ गई
ट्रेन ओझल हो गई इक हाथ हिलता रह गया
कदम जम सा गया, मन बैठता रह गया,
उस विदाई के शाम आंसु सैलाब सा बहता रह गया।
वक़्त रुख़्सत की उदासी मेरे मन में आ गई,
अध लिखी रह गई वो चिट्ठी जो मेरे गोद में थी,
उठ के पन्नों से कहानी मेरे सिसकियों में आ गई
चार दिन होने को आए कॉल इक आया नहीं
चुप्पी मोबाइल की अब बेचैनियों में आ गई
बात जो है थक गई छत पर खड़ी जब दोपहर
शाम की चादर लपेटे खिड़कियों में आ गई
रात ने यादों की माचिस से निकाली तीलियाँ
और इक सिगरेट सुलगी उँगलियों में आ गयी।

©erakash21
  #alveeda
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erakash21

हम तो है मन मस्त फकीर,
अपनी धुन में झूम रहे,
ना रहे इस दुनियादारी में, 
खुद की दुनिया में घूम रहे,
धरती से कुछ दूर कही,
सात समुन्दर पार,
आकाश के बीच में है,
ये सुंदर सा संसार।।

©erakash21
  #sundar_sansar
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erakash21

जितनी तेज़ी से सवाल दौड़ लगा रहा
उतनी ही धीमी गति से जवाब चल रही
इंतेज़ार में सवाल आगे धूप में तप रहा
छांव में बैठी जवाब ठंडक का मज़ा ले रही
बेफ़िज़ूल ही सवाल यूँ पसीना बहा रहा
और ये मोहतरमा जवाब ख़ुदको बेना डुला रही
,

©erakash21
  #सवाल_जवाब
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erakash21

एक स्त्री का एकांत?
घर, प्रेम और जाति से अलग
एक स्त्री को उसकी अपनी ज़मीन
के बारे में बता सकते हो तुम?
बता सकते हो
सदियों से अपना घर तलाशती
एक बेचैन स्त्री को उसके घर का पता?
क्या तुम जानते हो अपनी कल्पना में
किस तरह एक ही समय में
स्वयं को स्थापित और निर्वासित
करती है एक स्त्री ?
सपनों में भागती एक स्त्री का पीछा करते
कभी देखा है तुमने उसे रिश्तों के कुरुक्षेत्र में
अपने आपसे लड़ते?
एक स्त्री के मन की गाँठें खोल कर
कभी पढ़ा है तुमने
उसके भीतर का खौलता इतिहास?
पढ़ा है कभी उसकी चुप्पी की दहलीज़ पर बैठ
शब्दों की प्रतीक्षा में उसके चेहरे को?

©erakash21
  #एक_स्त्री
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erakash21

Kabhi socha hai?
Bhaag rhe ho jiske peeche
Agar mil gaya to kya karoge?
Yeh jise tum sukoon kehte ho
Us se sukoon na mila to kya
karoge?

©erakash21
  #kya_karoge
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erakash21

अच्छी आँखों के पुजारी हैं मेरे शहर के लोग
तू मेरे शहर में आएगा तो छा जाएगा
हम क़यामत भी उठाएंगे तो होगा नहीं कुछ
तू फ़क़त आँख उठाएगा तो छा जाएगा
फूल तो फूल हैं वो शख़्स अगर काँटे भी
अपने बालों में सजायेगा तो छा जाएगा
यूँ तो हर रँग ही सजता है बराबर तुझ पर
सुर्ख़ पोशाक में आएगा तो छा जाएगा
पंखुड़ी होंट, मधुर लहजा और आवाज़ उदास
यार तू शेर सुनाएगा तो छा जाएगा
जिस मुसाफिर की नहीं बिकती कोई भी तस्वीर
तेरी तस्वीर बनाएंगे तो छा जाएगा
सब्र वालों की हुकूमत है फ़क़त चन्द ही रोज़
सब्र मैदान में आएगा तो छा जाएगा

©erakash21
  #छाजाएगा
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erakash21

Koi khamosh baitha hai kisi ki khamoshi dehh kar,
Koi najare chura Raha hai kisi ki najar ko dekh kar,
sawal iska bhi hai,sawal uska bhi hai,
magar dono ke sawalo ka jawab khamoshi hi kyo hai,
kyo khili huii muskaan rahane lagi hai khamosh ab,
mat hona naraj tum ,mere in alfajo se,
mat ruthana mujhse mere in sawalo se,
bahut kuchh batana tha tumhe,
bahut kuchh sunana tha hame,
bahut chutkule sune the, thoda hasana tha tumhe,
kuchh sayari bhi likhi thi thoda sunaana tha mujhe,
kahane ko bahut kuchh hai,par kah bhi nahi pa rahe,
kaise hm manaye, Baya kar bhi nahi pa rahe..

©erakash21
  #khamoshi
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erakash21

वो शाम की जाम, वो तन्हाइयों का सफर,
थोड़ा प्यार भरा किस्सा और किलो भरा याराना
समुंद्र के किनारे लहराते हुई यादों का पिटारा
ऊची पहाड़ियों से चीखता हुआ
किस्सा हमारा
लौट आने दो उन दिनों को
लौट आने दो उस बचपने को
ठक गए है दौड़ते इस भीड़ में
जीने का दिशा नहीं, बस ठहरने की कोई वजह दे जाओ
मुकमल-ऐ-मंजिल का शौक नहीं
बस सफर-ए-राहगीर बन जाओ

©erakash21
  #वो_शाम
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erakash21

विदा कभी विदा नहीं होती
विदा के बाद हमेशा
एक और विदा रह जाती है
विदा होने के लिए
अंतिम कभी अंतिम नहीं होता
एक अंतिम और
चला आता है
अंतिम के पीछे-पीछे
प्रतीक्षा ख़त्म नहीं होती कभी
प्रतीक्षाओं की
क़तारें होती हैं
सड़कों की तरह
परिवर्तन ख़त्म नहीं होता
वह दिन है और रात भी
और अनंत है
जीवन और मृत्यु की तरह

©erakash21
  #vidaw
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