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akshitajangidpoe7994
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WRITERAKSHITAJANGID

IG - @jangid_akshi "दिल की जुबां, कलम से बयां करती हूँ !!"

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WRITERAKSHITAJANGID

लिखने में अक्सर कुछ समानता होती है
अक्षरों के बंधन में कहीं ज्ञानता होती है

पन्नों का जुड़ना कभी ग्रंथ नहीं बनता,
जिल्द से ही उसकी यहाँ पूर्णता होती है

गहराई में डूबा, कभी खाली नहीं निकला
ये मानव की अनंत,असीम क्षमता होती है

पत्तों से रास्ते बेशक ही सबको गंदे दिखे
नजरिए में सबके फ़िर गहनता होती है 

अपूर्णता का सार, भाव पराया सा लगा 
पर ढांचे में सभी के, कुछ एकता होती है 

लिखने में अक्सर कुछ समानता होती है
अक्षरों के बंधन में कहीं ज्ञानता होती है

©WRITERAKSHITAJANGID #Books
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WRITERAKSHITAJANGID

गलियारे में बंद पड़ा मैं वो "झरोखा" हूँ 
पर कहते है लोग, की मैं "अनोखा" हूँ

गहराइयों में डुबू और भीतर घसता चलु 
खुद को बनाने-बिगाड़ने का एक "मौका" हूँ 

तरने की चाह में गहरा सा एक छोर देखूं 
कहीं पसंदीदा, कहीं ओझल होती "नौका" हूँ

यहाँ पिंजरे में बंद पक्षी सा आँगन रहा
परे सबसे मैं खुद एक काल्पनिक "धोखा" हूँ 

अब मिलने से खुद को मैं खुद कैसे रोकूं 
बनते हुए सपनों का एक अलग "खोखा" हूँ

गलियारे में बंद पड़ा मैं वो "झरोखा" हूँ
जिसे कहते है लोग की मैं भी "अनोखा" हूँ

©WRITERAKSHITAJANGID #boat
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WRITERAKSHITAJANGID

White 
कुछ रास्ते फ़िर खो जाते है
चलते हुए से मिल जाते है

बहक-2 कर बातें रुक जाती
कुछ रिश्ते फ़िर थम जाते है

पथ-पथ चल आखिरी छोर मिला 
कहीं स्वप्न दर्श सा बन जाते है

बसंत में अंकुरित सी कली
वो भंवरों सा राग कर जाते है

यहाँ द्वार के भीतर दुनिया बसी 
सब पसंद से अपने रह जाते है 

कुछ रास्ते फ़िर खो जाते है
चलते हुए से वहाँ मिल जाते है

©WRITERAKSHITAJANGID #Status #Story
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WRITERAKSHITAJANGID

White ख़्वाब बुनते देर लगी क्या ?
कुछ लिखते हुए देर लगी क्या ?

दों जीवों को देखते-देखते,
सोचते-विचारते देर लगी क्या ?

एक होने की प्रकट भावना 
कल्पना होते देर लगी क्या ?

हल्के से शब्दों को जोड़ा,
ये कविता बनते देर लगी क्या ?

यथार्थ में या ख़्वाब भावना, 
अब अंतर करते देर लगी क्या ?

कुछ लिखते हुए देर लगी क्या ?
सोचते-विचारते देर लगी क्या ?

©WRITERAKSHITAJANGID #GoodMorning #February_post
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WRITERAKSHITAJANGID

Unsplash 

मोहब्बत की शायरी या जिम्मेदारियों की बातें,
सुकून भी देती है, ये कुछ ओझल हुई मुलाक़ातें

भंवर के वेग सा भाग रहा ये मन जो यहाँ-वहाँ
अपनों की तलाश और ढूंढ़ता फ़िर रहा है यादें

बेशक सवाल कई, जवाब पूछते है सभी यहाँ
कुछ दूर निकलते, कुछ पास मिले है राही यहाँ

मंजिल की तलब में कितना पहर निकल गया
लौटने को अक्सर, कई बैठे है इंतजार में यहाँ

©WRITERAKSHITAJANGID #Book
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WRITERAKSHITAJANGID

White 

मैं, उन लोगों को जरा क्या ही बोलु 
बेहतर यहीं है, की कुछ भी ना बोलु 

कलम की धार को थोड़ा धीमे रख
करवट बदलती सी एक किताब खोलु 

लहजा नहीं,  कुछ अलग ये मेरा
सभी में अक्सर मैं खुद ही को टटोलु 

गुमनाम सी, गुमराह कहीं भटकती मिले
तजुर्बे से अपने सब अलग ही तोलु

अंदाजा खुद का खुद ही लगा बैठी यहाँ
अपनों से मिलु और अपनों की बोलु

©WRITERAKSHITAJANGID #Morning post
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WRITERAKSHITAJANGID

White 

मन लुभावन चीजें देखी
प्रेम से मैंने विरक्ति देखी

भोर हुई तो आँचल ढूँढा
मन भावना, जगते देखा

हुआ परिंदा आजाद यहाँ
बरसों रहा, वो कैद जहाँ

भीतर-बाहर, ख़्वाब पले
संग अपनों के प्रीत जुड़े

भरा किनारा, स्वप्न उभरा
कल्पना का ये द्वार खुला

घुलकर हर्फ़ किताब बनी
मूल्य समान आधार मिली

©WRITERAKSHITAJANGID #Thinking
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WRITERAKSHITAJANGID

White 
कुछ लिखों, 
और खुश हो जाओ
ऐसे ही धीरे-धीरे 
मन का सारा बोझ 
हल्का होकर उतर जाएँगा !!

एक राह चुनों,
और निकल जाओ
ऐसे ही धीरे-धीरे
मंजिल के करीब,
बेहद करीब पहुंच जाएँगा !!

अवसर देखों, 
और लिख जाओ
ऐसे ही धीरे-धीरे
शब्दों से शब्दों का
खूबसूरत तार जुड़ जाएगा !!

करीब से देखों,
और यूँ मिलते जाओ 
ऐसे ही धीरे-धीरे
रिश्तों में बढ़ता जुड़ाव 
मैं से फ़िर हम बन जाएँगा !!

ऐसे ही धीरे-धीरे
सब कुछ अपना हो जाएँगा !!

©WRITERAKSHITAJANGID
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WRITERAKSHITAJANGID

White 

मुझे प्रार्थना नहीं, वो पत्र चाहिए
ख़्वाब नहीं, सिर्फ तुम चाहिए

रूठ कर बैठु, ऐसे नहीं चाहना
खुशियों की पूरी किताब चाहिए

बातें सरल, स्वभाव कोमल रख
तुझसें जुड़ी मेरी हर बात चाहिए

तुझ तक पहुंचने के रास्ते कई हो
पर आखिरी मंजिल पर तू चाहिए

दिन ढलकर, रात गुजर भोर हो चला 
तीनों पहर मुझे बस तेरा साथ चाहिए

©WRITERAKSHITAJANGID #love_poem
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WRITERAKSHITAJANGID

White सपनों से मिलने वाली,
खुलकर हँसने वाली
बेखौफ सी चलने वाली 
एक लड़की है....

मासूमियत को जिंदा रखती
अपने भावों से मुस्कुराती
ख्वाहिशों की बनाती माला
एक लड़की है....

अपनी कहानी खुद लिखती
किरदार अपने वहीं चुनती
कागज़ पर कलम चलाती 
एक लड़की है....

दर्पण में कल्पना वाली
ख़्वाबों में पलने वाली
खुशियाँ चुन, बिखेरने वाली
एक लड़की है....

हाँ, मैंने कहाँ एक लड़की है 
वो सिर्फ और सिर्फ एक लड़की है !!

©WRITERAKSHITAJANGID #love_shayari
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