चलो कुछ गौर करें छूट चूकी उन बातों पर
जो सूख चूके कबके उन बेसहारा आंखों पर
जिसने सुनसान कर छोड़ दिया उन नामर्दों की रातों पर
जो नोच रहे थे उस दिन भी उन बिना धर्म के हाथों पर
उस दिन भी इज्जत लूटी थी आज भी वही तमाशा है
पर सिर्फ कुछ रो रहे थे उस दिन आज चारों ओर निराशा है
सच पूछो मेरे भी मुख पर वही अति विरल हताशा है #Poetry
चलो कुछ गौर करें छूट चूकी उन बातों पर
जो सूख चूके कबके उन बेसहारा आंखों पर
जिसने सुनसान कर छोड़ दिया उन नामर्दों की रातों पर
जो नोच रहे थे उस दिन भी उन बिना धर्म के हाथों पर
उस दिन भी इज्जत लूटी थी आज भी वही तमाशा है
पर सिर्फ कुछ रो रहे थे उस दिन आज चारों ओर निराशा है
सच पूछो मेरे भी मुख पर वही अति विरल हताशा है #Poetry
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Aishwarya Gaurav
अपने लब्ज के इशारे पर उतरना सिखो।
कुछ कह जो दो तो फिर उसे करना सिखो।
तेरी पहचान तेरे लब्जों से परे नहीं है।
खुद की पहचान बिगाड़ने से डरना सिखो। #Poetry
अपने लब्ज के इशारे पर उतरना सिखो।
कुछ कह जो दो तो फिर उसे करना सिखो।
तेरी पहचान तेरे लब्जों से परे नहीं है।
खुद की पहचान बिगाड़ने से डरना सिखो। #Poetry
जिंदा रहने को सहारे ढुंढते रहते हैं
अक्सर बेशर्म के इशारे चुमते रहते हैं
वकालत करते रहते अपने स्वच्छ दिनचर्या की
फिर वैश्याओ के देख नजारे झूमते रहते हैं
राजाओं का चमन बड़ा प्यारा है उन्हें
अक्सर तानाशाह की दिवारे घूमते रहते हैं
कहते हैं दयावान अवल दर्जे के है वो
फिर ओछी नजरों से बेसहारे घूरते रहते हैं #Poetry
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Aishwarya Gaurav
हकीकत के हर जख्म को सौख से पिते रहे
हम सब कुछ भूलकर अपने सपने सीते रहे। #Poetry
हकीकत के हर जख्म को सौख से पिते रहे
हम सब कुछ भूलकर अपने सपने सीते रहे। #Poetry
समझदार कहां हो पाए हम कहां हर सलिका सीख पाए हैं
जरूरी सारे गुण कहां हमारे अंदर कहां हर जगह चीख पाए हैं
कहते हैं जातिवादी नहीं हूँ भारत का भला हम चाहते हैं
पर क्या कुछ काम किसी के सहारे छोड़ हम भारत नहीं बांटते हैं
जब हर कोई मदमस्त मगन के चक्कर में कचड़ा फैलाएगा
तो क्या बस वो एक समूह स्वच्छता वापस ला
पाएगा
सोचते हैं कि खुद की पहचान संभालते हैं कचरे को न हटाकर #Poetry
समझदार कहां हो पाए हम कहां हर सलिका सीख पाए हैं
जरूरी सारे गुण कहां हमारे अंदर कहां हर जगह चीख पाए हैं
कहते हैं जातिवादी नहीं हूँ भारत का भला हम चाहते हैं
पर क्या कुछ काम किसी के सहारे छोड़ हम भारत नहीं बांटते हैं
जब हर कोई मदमस्त मगन के चक्कर में कचड़ा फैलाएगा
तो क्या बस वो एक समूह स्वच्छता वापस ला
पाएगा
सोचते हैं कि खुद की पहचान संभालते हैं कचरे को न हटाकर #Poetry
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Aishwarya Gaurav
न इश्क परवान चढता न कोई अफसाना होता,
न मैं अपना दिल दाव पर लगाता न हारजाना होता,
मानो या न मानो सारा कसूर इन नजरों का है,
न मेरी उनसे नजरें मिलती न दिल दिवाना होता। #Poetry
न इश्क परवान चढता न कोई अफसाना होता,
न मैं अपना दिल दाव पर लगाता न हारजाना होता,
मानो या न मानो सारा कसूर इन नजरों का है,
न मेरी उनसे नजरें मिलती न दिल दिवाना होता। #Poetry
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Aishwarya Gaurav
उन्हें बेवफा कहें कैसे
जब हमने ही सितारों में हमसफर ढूंढा हैं #Poetry
उन्हें बेवफा कहें कैसे
जब हमने ही सितारों में हमसफर ढूंढा हैं #Poetry