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rockstar9336
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Subhash Ke Alfaaz

#poetry_writing

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Subhash Ke Alfaaz

तन में मस्ती और मन में उमंग होना चाहिए
जीवन में गुड़ की तरह मीठापन होना चाहिए
इस संक्रांति पर भी आप खूब खायें तिल के लड्डू
और हर दिन आकाश में आपके खुशियों का उड़ता पतंग होना चाहिए

🤍मकर संक्रांति की शुभकामनाएं🤍

◆Subhashwaani◆

 
 
 
 
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©Subhash Ke Alfaaz

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Subhash Ke Alfaaz

कैसे शहर में आया हूं मैं अपनो को छोड़ कर
ये कैसी बेबसी है कि अपना घर याद तक नहीं
 
#सुभाषवाणी















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©Subhash Ke Alfaaz
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Subhash Ke Alfaaz

मेरे इस चेहरे को आखिरी वक़्त तक भी तेरे उस नर्म हाथों का इंतिज़ार है.. 
आज तक हमनें उस मोहब्बत से किसी और को गुलाल मलने नहीं दिया..
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@सुभाष_के_अल्फ़ाज़




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©Subhash Ke Alfaaz

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Subhash Ke Alfaaz

आज के इस दौर में सच्चे मोहब्बत को छोड़
हर जगह झूठी मोहब्बत की रवानी हो गयी है
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आज के इस दौड़ के उपासकों की भक्ति तो देखो
महलों में रहने वाली एक अघोरी त्रिनेत्र की दीवानी हो गयी है
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जय भोलेनाथ
हर हर महादेव

©Subhash Ke Alfaaz #mahashivratri
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Subhash Ke Alfaaz

📝
ज़िन्दगी

क्या है ये जिंदगी?

ये ज़िन्दगी कोई लिखी हुई कहानी या कोई अनसुलझी सी पहेली है क्या?? हर रोज इक नया सपना और इक नये भँवर सा रहता है। अगर पीछे मुड़कर देखूं तो वहीं पागलपंती, वहीं पुरानी बातें और वहीं अधूरी दास्ताँ दिखाई देती है।।

कोई ले चले मुझे ज़िन्दगी के किसी आख़री छोर पर जहाँ मैं कह सकूं कि:

📝 ज़िन्दगी क्या है ये जिंदगी? ये ज़िन्दगी कोई लिखी हुई कहानी या कोई अनसुलझी सी पहेली है क्या?? हर रोज इक नया सपना और इक नये भँवर सा रहता है। अगर पीछे मुड़कर देखूं तो वहीं पागलपंती, वहीं पुरानी बातें और वहीं अधूरी दास्ताँ दिखाई देती है।। कोई ले चले मुझे ज़िन्दगी के किसी आख़री छोर पर जहाँ मैं कह सकूं कि: #Life #shareforshare #likeforlikes #staysafe #SADFLUTE #zindgi_ki_dayri #stayhome #zindgeebysubhash #loveuhhzindagi💕

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Subhash Ke Alfaaz

ऐ रात तू बता ज़रा आज साथ अपने मेरे लिए क्या लाई है..??
क्या आज फिर मेरे हिस्से बस फ़क़त तन्हाई है..??

कभी तो बात मान मेरी, कभी ज़रा रहम भी कर..!!
मेरे गम और ख़ुशी के बीच क्यों इतनी जुदाई है..??

हक़ है जीने का मुझको भी, क्यों मान नहीं लेती हो तुम..!!
आखिर क्यों भला मेरे हिस्से बस एक तड़प हीं आई है..??

ऐ रात तू बता ज़रा आज साथ अपने मेरे लिए क्या लाई है..?? क्या आज फिर मेरे हिस्से बस फ़क़त तन्हाई है..?? कभी तो बात मान मेरी, कभी ज़रा रहम भी कर..!! मेरे गम और ख़ुशी के बीच क्यों इतनी जुदाई है..?? हक़ है जीने का मुझको भी, क्यों मान नहीं लेती हो तुम..!! आखिर क्यों भला मेरे हिस्से बस एक तड़प हीं आई है..?? #Poetry

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Subhash Ke Alfaaz

शीर्षक : आशिक़ाना पल

ना जाने क्यों तेरा चेहरा मुझे इतना भाने लगा है?
मेरा ही दिल मेरे संग ज़िद पर आने लगा है;

जम गया है बर्फ़ सा बनकर जिस्म में तेरा हर एहसास,
मेरा ही दिल सपने वो तेरे हर रात संजोने लगा है;

शीर्षक : आशिक़ाना पल ना जाने क्यों तेरा चेहरा मुझे इतना भाने लगा है? मेरा ही दिल मेरे संग ज़िद पर आने लगा है; जम गया है बर्फ़ सा बनकर जिस्म में तेरा हर एहसास, मेरा ही दिल सपने वो तेरे हर रात संजोने लगा है; #Quotes

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Subhash Ke Alfaaz

शीर्षक : मोहब्बत एक ख़्वाब

दिल में दर्द कुछ ज्यादा हीं बढ़ रहा है;
देखो दिल का जख़्म भी लाइलाज बढ़ रहा है;;

मेरे महबूबा के माथे पर उस दिन जो शिकन थी;
उसके माथे से वो शिकन हटाना मुझे आज बेहद याद आ रहा है;;

शीर्षक : मोहब्बत एक ख़्वाब दिल में दर्द कुछ ज्यादा हीं बढ़ रहा है; देखो दिल का जख़्म भी लाइलाज बढ़ रहा है;; मेरे महबूबा के माथे पर उस दिन जो शिकन थी; उसके माथे से वो शिकन हटाना मुझे आज बेहद याद आ रहा है;;

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Subhash Ke Alfaaz

#SADFLUTE

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Subhash Ke Alfaaz

कोई पढे़गा तो क्या कहेगा?

इतनी सारी ग़ज़ले जो लिख रहा हूँ

plz read the captions.....

©subhashroythought कोई पढे़गा तो क्या कहेगा??

इतनी सारी ग़ज़ले जो लिख रहा हूँ ,
तुम्हारे होंठों के चाशनी पर ,
तुम्हारे नैनो की कत्थई पर ,
गालो की सुर्खी पर ,
जु़ल्फ के दराजी़ पर ,
पलको की झपकी पर ,

कोई पढे़गा तो क्या कहेगा?? इतनी सारी ग़ज़ले जो लिख रहा हूँ , तुम्हारे होंठों के चाशनी पर , तुम्हारे नैनो की कत्थई पर , गालो की सुर्खी पर , जु़ल्फ के दराजी़ पर , पलको की झपकी पर ,

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