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AL ibrahimi poetry

Nagpuri cultural writer and researcher... and also urdu hindi poet.

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AL ibrahimi poetry

सुदंरता दिल से होती है,
तो दिल दुखाने से पहले,,,
दिल की क़दर सिखीये ना जनाब!
वह कितना ग़लत है, कितना सही है,
तो बेहतर है "इब्राहिमी"
उसके दिल की ख़बर लिजीये ना जनाब!

©AL ibrahimi poetry #dil ki khabar

#Heart

#Dil ki khabar #Heart

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AL ibrahimi poetry

आँखों की खामुशियों में,,,,,
मचलता है समुन्दर अश्क़ों का.
के राज़ छिपा भी लूँ होंठों पे,,,,
तहबतह दर्द की कड़ियों का.

मगर जब कोई पूछे हाल कैसा है?
तो लड़खड़ाती जु़बां से,,,,,,
झूट बोला नहीं जाता "इब्राहीमी"

©AL ibrahimi poetry #sad#aankhon ki khamushi

#EveningBlush
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AL ibrahimi poetry

کچھ کہا نہیں جا سکتا,
کے قلم کیا لکھے ?کیا نہیں لکھے؟
پننے درد کے مروڈے اور کھلے.
سیاہی غم کا روتا اور رنگتا.
اور قلم زبان کی حکمرانی مے لکھے....
نہ بابا نہ "ابراھیمی"
اتنی جرات کہاں.....؟

©AL ibrahimi poetry #zurat#sad#qalam kaya likhe

#pen
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AL ibrahimi poetry

मेरी कोशिश रहती है,
के मेरे अशको़ के बूंद,,, 
मेरे रुख़्सारों पे अयां ना होने पाए,
कि मेरी खामोशियों के ज़हर,,,
मेरे लबों पे बयां ना होने पाए,
क्यूंकी ना जाने,,,,
हमदर्दों कि अजीब हमदर्दियां क्यूं ?
मेरे अश्कों में,,,,,मेरे दर्दों में,,,,,,
इजा़फा कर जाते हैं "इब्राहिमी"

©AL ibrahimi poetry #koshish rahti hai
#eveningtea
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AL ibrahimi poetry

ये आसमां अकेला,,,,,
जा़त मेरी तरह,
हाल हकी़कत बेगानगी की,,,,
कुछ इसतरह,
के मौजूद कु़र्ब जवार दिवार ए अब्र, 
मगर ना पाकर साया,पाया फ़क़त सब्र,
के इक वहां, के इक यहां, दिखे जहां जहां,,,,
जगमग सितारों का क़तार,
मगर मुंह मोडे़ सब रिश्तेदार,
ये चांद चमके दमके, जे़ब व जी़नत दिखाए,
खू़ब हंसे मुस्कुराए, अपना ईद मनाए,
हवाएं आती घडी़ दो घडी़, बस ऐसे कभी,
अय आसमां देख रो मत तु तन्हां नहीं,,,,
वो है न "इब्राहिमी" तेरी तरह,
ये आसमां अकेला,,,,,
जा़त मेरी तरह,

©AL ibrahimi poetry #akelaasaman#sad

#Sky
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AL ibrahimi poetry

यह विश्राम का समय नहीं
आवो उठो के अब आसमां को बढ़ते है,
लगाकर सिढी़यां अब चांद को चढ़ते है,
कैसे करेंगे ?  किसतरह करेंगे ?
नादान रो मयत मुस्कुरा "इब्राहिमी",,,,,
हिम्मत ए मर्दा तो मदद ए खु़दा,
यह थकावट व हैरान का समय नहीं
यह विश्राम का समय नहीं

©AL ibrahimi poetry #aawo badho

#ClimbTheSky
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AL ibrahimi poetry

हम मनमौजी,,,
अजी! हमें क्या शिकायत जिंदगी से  ?
हम तो बेहिसाब मुस्कुराते हैं, 
आता नहीं हुनर राग का,फिर भी बेसुरा गीत,,,,,
खुशियों के गुनगुनाते हैं,
ना बाबा ना "इब्राहिमी"
हमसे आंसुओं का बोझ संभाला नहीं जाता,

©AL ibrahimi poetry #aansuwon ka bojh

#Our_happiness
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AL ibrahimi poetry

दर्द ने उसे यूं इसक़दर पामाल कर रख्खा था,
उतर चुके थे रंग चेहरे का,,,
जारी व सारी अश्कों की झकझोरी में,
कै़द था वह कस कर ग़मों की डोरी में,
हाय हाय,,,दुआ करियो "इब्राहिमी"
उस बेचारे ने खु़द का कया हाल कर रख्खा था,

©AL ibrahimi poetry #sad_poetry  duwaaaa

#CityEvening
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AL ibrahimi poetry

मुझे युं इसक़दर दुनयये फा़नी पे...
अयतबार नहीं करनी थी.
जो अजनबी, इश्क़ के राह में बैठे थे,
लगाए मेरे हमदर्दियों के आस में बैठे थे,
मुझे उन मुहब्बत के ग़रीब मख़लूक़...
उन से प्यार नहीं करनी थी.
मुझे युं इसक़दर दुनयये फा़नी पे...
अयतबार नहीं करनी थी.
लो आज लुट गये "इब्राहिमी"
मानूस जु़बां, किसी रहज़न के हाथ...
ख़ज़ंर के हाथ या कगंन के हाथ...

©AL ibrahimi poetry #sad aytabar

#walkingalone
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AL ibrahimi poetry

आज तक मैंने....
चांद को अपने आंगन बुलाया नहीं.
क्योंकि दूर खड़ा काला बदरी मुस्कुराता रहा.
दोस्तों दुआ कीजियो...
मेरे आंसूवों का दरिया थम जाए.
जाए मेरा दर्द "इब्राहिमी"
मुस्कुराऊं मैं, अब मेरा ग़म जाए.

©AL ibrahimi poetry sad...aajtak

#MoonHiding

sad...aajtak #MoonHiding

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