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akashkumar6672
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Akash kumar

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Akash kumar

BeHappy दो शब्द


       प्रश्न और उत्तर का सजीव साम्य 
  ना कोई आलाप 
ना कोई रार
प्रश्न पुरा हुआ 
बोलो तुम
 दो शब्द।।।।

©Akash kumar
  #beHappy
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Akash kumar

शहर नशे में है और गांव वक्त थामें बैठा है।।

©Akash kumar
  #raindrops
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Akash kumar

बस ओढ़ना मत नाम की चादर समर्पण में
 रहने देना स्वतंत्र अपने नाम को तुम,,

और कहना नदियों से भी
मिलती हो जब जलाशयों से
समानांतर इक चाल बनाना
सिंचित होना हर पल
पर स्वतंत्र रखना अपनी धार तुम।।

©Akash kumar
  #womeninternational
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Akash kumar

इस रात से चुरा कर 
वो अफीम लाया है
बैठा है जो रेत के किनारे
वो शमीम लाया है
दरियों के ये दरार 
चंद्रमा की अर्ध आकार
समंदर बेहिसाब 
सितारें बेशुमार हकीम लाया है।।

©Akash kumar
  #Apocalypse
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Akash kumar

जो रावण है वो 
घूम रहा‌ है राम लिये,,

 पुच्छ उठा कर भूखे सोते
जाफरानी धतूरे का उन्माद लिये।।।

©Akash kumar
  #gandhijayanti
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Akash kumar

सिगरेट की तलब सी 
उठते हो धुंध में,,
थोड़ी शीत और गिरती काश
 ये जमीं समेट लेती 
अपनी धड़कनों को थोड़ी और ,,
बस सुलगते अंतस वन के 
दावानल का एक राख गिरता
और कोहरे को हटा
 समंदर की ओर दौड़ी
नीलेपन को।।

©Akash kumar
  #neelapan
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Akash kumar

बहुत गहरे जज्ब कर गए हो तुम
इसलिए ऊपर से सूख गए।।।

©Akash kumar
  #2023Recap
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Akash kumar

दो वसंत संग के

धुन गा लो ओ वसुधा 
दो वसंत संग के गुजरे जो,,

मेंहदी से रची थी हथेली तेरी
आज नरगिस खिलखिला रही 
फूलों की कोमल क्यारी जैसी,,

ख्वाबों से सजी थी डोली तेरी,,
आज फिर सब आसमां 
आंखों में बसा लो 
सूर्य की धीमी लौ में
लाल जोड़ा पहनकर।।।

©Akash kumar
  #togetherforever
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Akash kumar

रेत से गुजरे तो राई का पहाड़ ढ़ुढ़ते
फूलों के मतवाले साहिल पे खांड ढ़ुढ़ते।।

©Akash kumar
  #sadak
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Akash kumar

आमदा रहा,मेहराब के टूटते शीशे कोई 
यूँ चौखट की ठेस को,उस पार के लिए।।

©Akash kumar
  #Yaatra
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