विषय:-वो प्यार था
वो प्यार था तेरा,वो यार था मेरा।
तेरी बाहों में सोया रहता था यारा।
सपनों में तुमसे बातें करता था,
तू भी मुझसे बातें करता था(करती थी)।
दिल है मेरा यूँही टूटा,तुझसे जो जुदा हो बैठा।
याद आता है तेरी पल-पल,
9 Love
अनमोल सिंह "निरंजन"
7 Love
अनमोल सिंह "निरंजन"
रिश्तो की छाँव में शामिल रहूँ ऐसा सोचा करता हूं
मेरे अपने मेरे पास रहे ओर मैं अपनों के साथ रहूँ
ऐसा सोचा करता हूं !!
रिश्तो की छाँव में ही होसला बुलन्द हुआ करता है
रिश्ते दरमियां न हो तो इंसा बेबस सा हुआ दिखता है
ऐसा सोचा करता हूं !!
रिश्तो की छाँव में ही एक अहसास तलब होता है
रिश्ते साथ हो तो जहन में एक सुकून महसूस होता है