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maninaman0391
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mani naman

Director, musician and writer

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mani naman

Red sands and spectacular sandstone rock formations क्यों है वो लापता समझता हूँ,
मैं उसकी व्यस्तता समझता हूँ।

©mani naman #best shayari
क्यों है वो लापता समझता हूँ,
मैं उसकी व्यस्तता समझता हूँ।

मनी नमन

#Best shayari क्यों है वो लापता समझता हूँ, मैं उसकी व्यस्तता समझता हूँ। मनी नमन

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mani naman

New Year 2025 नए साल की नई हवा में नए गीत हम गाएं,
स्नेह प्रवाह करें जन-जन तक खुशियाँ ही फैलाएं,
अधियारे के बीच प्रेम की पावन अलख जगाएं 
बुझते घर की बाती का उज्ज्वल दीपक बन जाएं।

©mani naman hindi shayari happy new year #Newyear2025

hindi shayari happy new year #Newyear2025

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mani naman

Unsplash रद्दी अख़बार की 
मर चुकी ख़बरों के बीच 
बची-खुची ज़िद्दी और 
स्वाभिमानी टैग लाइन से 
बस किसी तरह 
दो शब्द झाड़ लाया हूँ;
तुम हेडलाइन देखकर 
कन्फ्यूज़ न होना,
क्योंकि,
अतीत से लाए गए शब्द 
अपना वजूद खोकर 
धुंधला ही जाते हैं;
बस किसी तरह 
अपने वाक्यों के बीच 
मेरे शब्द सहेजकर 
उन्हें ज़िंदा रख लेना।

©mani naman मेरे शब्द

मेरे शब्द #Poetry

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mani naman

विदाई पर 
सभी फूट-फूटकर 
रो रहे थे,
माँ का बुरा हाल था 
बहन, चाची, मामी 
तिलमिला रहा था हर कोई,
वो आज फिर अंदर के 
समंदर को रोककर चौराहे से 
अपना सा चेहरा लेकर लौट आया, 
ज़िम्मेदार बाप जो था।

©mani naman #foryoupapa
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mani naman

White सभी फूट-फूटकर 
रो रहे थे,
माँ का बुरा हाल था 
बहन, चाची, मामी 
तिलमिला रहा था हर कोई,
वो आज फिर अंदर के 
समंदर को रोककर चौराहे से 
अपना सा चेहरा लेकर लौट आया, 
ज़िम्मेदार बाप जो था।

©mani naman
  #fathers_day
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mani naman

दूर एक वीरान वृद्धाश्रम में,
डूबे थे दोनों लाचारी के ग़म में।
पोस्टमैन ने ज्यों ही कदम बढ़ाया
बेबस बुढापे में खून लौट आया,
बरसों की गुमसुम थी जो प्यास जग गई,
माँ के मन में घर वापसी की आस जग गई,
माँ का कलेजा लबालब भर आया,
बाबा ने आँखों पर चश्मा चढ़ाया,
अचानक कुलमुलाई आँखें भर आई,
बेटे ने कोरियर से भेजी थी मिठाई,
पूरी चिट्ठी में बस चार शब्द छपे थे,
आप दोनों के परिवार को दीवाली की बधाई।

©mani naman diwali, दीवाली,दीपावली, वृद्धावस्था में माँ बाप

diwali, दीवाली,दीपावली, वृद्धावस्था में माँ बाप

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mani naman

चंदा मामा चंदा मामा
इसरो वाले आए हैं,
मम्मी ने राखी भेजी है
साथ मिठाई लाए हैं,
आज तुम्हें देखा है हमने
कितने सुंदर प्यारे हो
माँ की आंखों का तारा हो
माँ के राज दुलारे हो
तुमसे मिलने आए जब हम
रस्ते में तारों ने पूछा
जल्दी मामा से मिल आना
रूठ गए हैं मंगल फूफा।
हमने कहा अभी राखी में
मामा से बतियाते हैं
बाकी रिश्तेदारों से फिर
जल्दी मिलने आते हैं।

"मनी नमन"

©mani naman chanda mama poem ,चंदा मामा कविता

#chandrayaan3

chanda mama poem ,चंदा मामा कविता #chandrayaan3

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mani naman

घूसखोरी में हैं बड़े ही मस्त,कमीशन मिल रहा जबरदस्त,
लाखों करोड़ों की काली कमाई,नोटों की बिस्तर पर ग़ज़ब तुरपाई,
मगर,ईश्वर सब देख रहा है?
 
इधर नसीब नही एक भी रोटी, उधर दावतें,शराब और बोटी-बोटी!
बेगुनाह के हिस्से में फिर से जेल, अलमस्त सांड का खुल्लम खेल!
मगर,ईश्वर सब देख रहा है?

हुनरवान के हिस्से से गई नौकरी,निकम्मो की फिर लगी है लॉटरी,
किसी ध्रुव को हक़ का ताज ना मिला,गरीब मरा रास्ते में,ईलाज ना मिला,
मगर,ईश्वर सब देख रहा है?

व्यंग्य में बोला एक बेईमान, आप परेशान ना हों श्रीमान!
ईश्वर देख रहा है न्याय होगा,कुछ ना कुछ तो उपाय होगा,
आप जिंदगी गुजारो ईमानदारी में,फिर थककर मर जाओगे इस खुद्दारी में,
ईश्वर कहाँ है, क्या देख रहा है

©mani naman where is god?
भगवान कहाँ है?

#God

where is god? भगवान कहाँ है? #God #विचार

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mani naman

सुन रही हो अमृता?
मैं तुम्हारा साहिल नहीं,
सिर्फ नाम का पति भी नहीं हूँ।
तुम्हारी कलम ने आंसुओं के समंदर दिखाए,
ग़मो के बादल बरसाए।
अपनी अधीर वांछना के लिए 
तुम्हारी उंगलियां टटोलती रहीं साकार प्रेम।
तुम्हारा मन कभी भी अभीप्सित न पा सका।
अमृता! पता है क्यों?
क्योंकि तुमने नहीं समझा समर्पण का अर्थ,
नहीं जानी मूक वेदना,
क्योंकि सूरज पास होकर भी तुम ढूढती रही जुगनू।
सुन रही हो ना अमृता?
क्योंकि गंगा पास होकर भी तुम्हें मदमस्त,अल्हड़ 
नालों से लगाव रहा।
अमृता! मैं तो तुम्हारा इमरोज़ हूँ!
हाँ-हाँ वही इमरोज़,
जिसने पानी से गलना,धूप से जलना,
कुचमुच दर्द से मरना स्वीकारा,
मगर,किसी भी सूरत पर अलग-अलग आईने,रास्ते
और चमकीले चेहरे नहीं ढूंढे,
तुम्हारे इतने पास होकर भी मैं आकाश भर दूर रहा,
अमृता! तुम अलग-अलग पगडंडियों,
मंज़िलों को निहारती रही,
मुझे देखो अमृता! मेरे लिए साध्य और साधन
बस तुम ही थीं,
तुम्हारा हृदय विशाल और सर्वसुलभ था,
मग़र,मेरे मन,हृदय का रास्ता और मंज़िल
केवल तुम ही थीं।
सुन रही हो अमृता?

©mani naman #AmritaPritam 
#अमृताप्रीतम
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mani naman

उसकी वो नर्म नज़रें,दिल में उतरती आहट,
अनजान होके हमने दूजे को यूँ छुआ था,
इक रोज़ की वो बातें,इक रोज़ के वो किस्से,
पर अब ये सोचते हैं, क्या ये कभी हुआ था?

©mani naman इश्क़, मोहब्बत, यादें

#Love

इश्क़, मोहब्बत, यादें Love #लव

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